Weekly Market Recap: भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह मुनाफावसूली और वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण दबाव देखने को मिला. बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी50 दोनों ने अपनी पिछली साप्ताहिक बढ़त गंवा दी. निफ्टी50 सप्ताह के अंत तक 139.50 अंक टूटकर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स में कुल 444.71 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. हालांकि शुक्रवार को बाजार में हल्की रिकवरी दिखी, लेकिन वह पूरे सप्ताह की कमजोरी की भरपाई नहीं कर सकी.
फेड की नीति, ट्रेड टेंशन और रुपये की गिरावट से बढ़ी सतर्कता
बाजार की दिशा तय करने में अंतरराष्ट्रीय संकेतों की बड़ी भूमिका रही. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की तीसरी लगातार कटौती की, जिससे वैश्विक बाजारों को कुछ समर्थन मिला. लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के आगे दरों में विराम के संकेत ने निवेशकों को सतर्क कर दिया. इसके अलावा अमेरिका द्वारा भारतीय चावल पर संभावित टैरिफ की आशंका और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर अनिश्चितता ने भी बाजार भावना को कमजोर किया. इसी दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर तक फिसल गया, जिससे विदेशी निवेश को लेकर चिंता और गहराई.
इंडिगो सबसे बड़ा लूजर, FMCG और डिफेंस शेयरों पर दबाव
साप्ताहिक कारोबार में निफ्टी50 पर इंडिगो के शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिली और इसमें करीब 9.5% की गिरावट आई. एयरलाइन को नए पायलट ड्यूटी नियमों की तैयारी न होने के कारण उड़ानों में भारी अव्यवस्था का सामना करना पड़ा, जिसका सीधा असर शेयर पर पड़ा. इसके अलावा एशियन पेंट्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), हिंदुस्तान यूनिलीवर और जेएसडब्ल्यू स्टील जैसे दिग्गज शेयर भी कमजोरी के साथ बंद हुए. डिफेंस सेक्टर के शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला.
मेटल सेक्टर में मजबूती, मिडकैप-स्मॉलकैप भी रहे सुस्त
सेक्टरल फ्रंट पर निफ्टी मेटल और ऑयल एंड गैस इंडेक्स ही हरे निशान में बंद होने में सफल रहे. हिंदाल्को, ग्रासिम और टाटा स्टील जैसे मेटल शेयरों में खरीदारी देखी गई. वहीं डिफेंस, मीडिया, FMCG, IT और बैंकिंग सेक्टर में गिरावट हावी रही. ब्रॉडर मार्केट की बात करें तो निफ्टी मिडकैप 100 और स्मॉलकैप 100 दोनों में कमजोरी रही, जिससे यह साफ हुआ कि निवेशक फिलहाल जोखिम लेने से बचते नजर आ रहे हैं.
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