Tata Capital IPO: देश के दिवंगत दिग्गज और परोपकारी उद्योगपति रतन टाटा के चहतों के लिए एक अच्छी खबर है. वह यह है कि रतन टाटा की पहली बरसी से पहले टाटा ग्रुप की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी टाटा कैपिटल 6 अक्टूबर 2025 को अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने जा रही है. यह कदम विशेष रूप से इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे रिटेल निवेशकों के लिए 6 अक्टूबर 2025 से खोला जाना है और 9 अक्टूबर 2025 को रतन टाटा की पहली बरसी है. रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को 87 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया था. कंपनी उनकी पहली पुण्यतिथि से तीन दिन पहले 6 अक्टूबर को आईपीओ लाने जा रही है. इसलिए रतन टाटा के चहते निवेशकों के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है. यह आईपीओ न सिर्फ कंपनी की पूंजी जुटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि वित्तीय बाजार में निवेशकों की अपेक्षाओं और अनलिस्टेड शेयरों की जानकारी को लेकर भी चर्चा का विषय बन गया है.
टाटा कैपिटल के आईपीओ की खासियतें
रतन टाटा के टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कैपिटल का आईपीओ रिटेल निवेशकों के लिए 6 अक्टूबर 2025 से 8 अक्टूबर तक खुला रहेगा. इसके एंकर निवेशक 3 अक्टूबर 2025 को बोली लगा सकेंगे. आईपीओ में नए इश्यू के साथ-साथ पुराने शेयरधारकों के ओएफएस (ऑफर फॉर सेल) भी शामिल होंगे. कुल मिलाकर करीब 47.58 करोड़ इश्यू की पेशकश की जाएगी, जिसमें 21 करोड़ नए शेयर और 26.58 करोड़ ओएफएस होंगे. टाटा संस करीब 23 करोड़ शेयर और आईएफसी (इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन) करीब 3.58 करोड़ शेयर बेचने की योजना में हैं.
आईपीओ से जुटाए गए धन का इस्तेमाल
आईपीओ के जरिए जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल टीयर-I पूंजी मजबूत करने और कंपनी की लेंडिंग वृद्धि को गति देने में किया जाएगा. इसके अलावा, कंपनी को सार्वजनिक मार्केट में पहचान और ब्रांड मान्यता बढ़ाने का लाभ भी मिलेगा.
अनलिस्टेड शेयरों का प्राइस परफॉर्मेंस
टाटा कैपिटल के अनलिस्टेड शेयर पिछले कुछ महीनों में करीब 30% की गिरावट दिखा चुके हैं. इससे पहले अप्रैल में इन शेयरों की कीमत 1,125 रुपये तक पहुंची थी, लेकिन अब यह करीब 785 रुपये पर कारोबार कर रही है. यह गिरावट बाजार की धारणा, अनलिस्टेड मार्केट की अस्थिरता और आईपीओ को लेकर धीरे-धीरे घटती उम्मीदों का संकेत हो सकती है.
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आईएफसी निवेश और फायदे
आईएफसी ने टाटा क्लीनटेक और टाटा कैपिटल के इतिहास में बहुत कम मूल्य पर करीब 25 प्रति शेयर की दर से निवेश किया था. आज उसी निवेश की कीमत आईपीओ प्रक्रिया में बढ़कर 2,458 रुपये करोड़ तक पहुंच चुकी है, जिससे आईएफसी को करीब 13 गुणा (मल्टीबैगर) लाभ होने की संभावना है. इस तरह, आईपीओ के समर्थन में आईएफसी की भागीदारी और लाभ दर आईपीओ की आकर्षकता को और बढ़ाती है.
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