Stock Market: भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार को लाल रंग में खुला, जहां Nifty 50 लगातार पांचवें सत्र के लिए महत्वपूर्ण स्तर से नीचे गिर गया. अगस्त 29 के निचले स्तर से शुरू हुई 1,000 पॉइंट की तेजी का आधा हिस्सा पहले ही बाजार ने खो दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी टैरिफ के दबाव ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया है.
Nifty Pharma में रिकॉर्ड गिरावट
Nifty Pharma इंडेक्स में शुक्रवार को 2.42 प्रतिशत की तेज गिरावट दर्ज की गई, जो 21,445.50 के इंट्राडे निचले स्तर तक पहुंच गया. Sun Pharma 4.87 प्रतिशत फिसलकर 1,548 रुपये पर पहुंच गया, जो इसका नया 52-सप्ताह का निचला स्तर है. Gland Pharma 4.70 प्रतिशत घटकर 1,880 रुपये रहा. Biocon 3.68 प्रतिशत गिरकर 342.85 रुपये पर बंद हुआ.
अन्य प्रमुख फार्मा कंपनियों जैसे Laurus Labs, Ipca Labs, Divis, Zydus Life, Alkem Labs, Cipla, Ajanta Pharma, Dr. Reddy’s, Torrent Pharma, Abbott India और Glenmark ने भी 0.8 से 3.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की. विशेषज्ञों का कहना है कि फार्मा सेक्टर पर दबाव का मुख्य कारण अमेरिका द्वारा ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर लगाए जाने वाले टैरिफ हैं.
ट्रंप के 100% टैरिफ का असर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि 1 अक्टूबर 2025 से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ लागू किया जाएगा, जब तक कंपनियां अमेरिका में उत्पादन इकाइयां स्थापित नहीं कर रही हैं. अजय बाग्गा, बैंकिंग और मार्केट एक्सपर्ट, ने कहा कि यह कदम बाजार में नई अनिश्चितता पैदा कर रहा है. उन्होंने बताया कि ब्रांडेड फार्मा पर लगाए गए टैरिफ लगभग 233 अरब डॉलर के अमेरिकी आयात को प्रभावित कर सकते हैं.
हालांकि, भारतीय जेनरिक दवा निर्यातकों पर फिलहाल इसका असर नहीं होगा, जिससे अमेरिका में भारतीय फार्मा एक्सपोर्ट का 12 अरब डॉलर सुरक्षित रहेगा. सुदर्शन जैन, सेक्रेटरी जनरल, इंडियन फार्मास्यूटिकल एलायंस, ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल पेटेंटेड और ब्रांडेड दवाओं पर लागू होगा और जेनरिक दवाओं पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.
Nifty का तकनीकी विश्लेषण
गुरुवार को Nifty इंडेक्स हर इंट्राडे रिकवरी प्रयास के बाद गिरावट पर बंद हुआ. विश्लेषकों का कहना है कि Nifty का अगला महत्वपूर्ण समर्थन स्तर 24,803 है, जो हाल की रैली का 61.8 प्रतिशत रिट्रेसमेंट है. वहीं, 25,000 अंक तत्काल प्रतिरोध के रूप में देखा जा रहा है. गिफ्ट Nifty शुक्रवार को 24,896.50 पर खुला, जो पिछले बंद स्तर 24,959 से 62.5 अंक कम था.
वैश्विक आर्थिक माहौल चुनौतीपूर्ण
PL Asset Management के डायरेक्टर संदीप नीमा के अनुसार, वैश्विक आर्थिक स्थिति लगातार चुनौतीपूर्ण होती जा रही है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था stagflation की ओर बढ़ रही है, जहां विकास धीमा हो रहा है, बेरोजगारी बढ़ रही है और मुद्रास्फीति ऊंची बनी हुई है. सितंबर 2025 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने दरें घटाई हैं, लेकिन लगातार बढ़ती कीमतों के दबाव के कारण जल्दी में कोई बड़ी राहत संभव नहीं है. नीमा ने यह भी बताया कि अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात सेक्टरों पर दबाव बढ़ा है. इंजीनियरिंग, फार्मा, केमिकल्स, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और रत्न-ज्वैलरी निर्यात पर यह नकारात्मक असर डाल सकते हैं. सबसे खराब स्थिति में, FY26 में भारत की GDP 20-30 बेसिस पॉइंट तक घट सकती है.
सेक्टरल आउटलुक और निवेशकों की रणनीति
नीमा ने कहा कि इस समय निवेशकों का रुझान मेटल्स, बैंकिंग और इंडस्ट्रियल्स की ओर है, जो भारत की अगली विकास रफ्तार का लाभ उठा सकते हैं. मेटल्स को सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर खर्च और वैश्विक सप्लाई की कमी का फायदा मिल सकता है. बैंकिंग सेक्टर में FY26 के दूसरे हाफ में क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने की संभावना है. इंडस्ट्रियल्स और कैपिटल गुड्स मजबूत ऑर्डर इन्फ्लो और पॉलिसी सुधारों से समर्थित हैं. वहीं IT और कंज़म्पशन सेक्टर पर सतर्क नजर रखी गई है, और निर्यात-उन्मुख सेक्टरों को अमेरिकी टैरिफ से दबाव का सामना करना पड़ रहा है.
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