16.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सहारा ग्रुप की संपत्तियां अदाणी प्रॉपर्टीज को बेचने की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट से मांगी मंजूरी

Sahara India Property Sale: सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईसीसीएल) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को अपनी संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी है. इन संपत्तियों में महाराष्ट्र स्थित एंबी वैली और लखनऊ का सहारा शहर जैसी अहम प्रॉपर्टीज शामिल हैं. यह सुनवाई संभवतः 14 अक्टूबर 2025 को हो सकती […]

Sahara India Property Sale: सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईसीसीएल) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को अपनी संपत्तियां बेचने की अनुमति मांगी है. इन संपत्तियों में महाराष्ट्र स्थित एंबी वैली और लखनऊ का सहारा शहर जैसी अहम प्रॉपर्टीज शामिल हैं. यह सुनवाई संभवतः 14 अक्टूबर 2025 को हो सकती है.

टर्म शीट के तहत सौदा

एसआईसीसीएल की याचिका में कहा गया है कि 6 सितंबर 2025 को तैयार की गई टर्म शीट के तहत निर्धारित नियमों और शर्तों के आधार पर सहारा ग्रुप की संपत्तियां अदाणी प्रॉपर्टीज को बेचने का प्रस्ताव है. अधिवक्ता गौतम अवस्थी के माध्यम से दाखिल इस याचिका में अदालत से औपचारिक अनुमति मांगी गई है.

कोर्ट के आदेश और संपत्तियों की बिक्री

सहारा ग्रुप से जुड़े मामलों में पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने कई आदेश पारित किए थे. इन्हीं आदेशों के तहत एसआईसीसीएल और सहारा ग्रुप ने मुश्किल परिस्थितियों में अपनी कुछ चल एवं अचल संपत्तियों की बिक्री की है. इनसे प्राप्त राशि को नियमानुसार सेबी-सहारा ‘रिफंड’ खाते में जमा कराया गया.

निवेशकों को लौटाई गई राशि

याचिका के अनुसार, सहारा ग्रुप पर कुल 24,030 करोड़ रुपये की मूल राशि का दायित्व था. इनमें से अब तक लगभग 16,000 करोड़ रुपये की राशि संपत्तियों के परिसमापन और बिक्री से हासिल की गई है और यह पूरी रकम सेबी-सहारा ‘रिफंड’ खाते में जमा की गई है. इसका उद्देश्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना है.

सेबी की असफलता और समूह का प्रयास

एसआईसीसीएल ने अपने आवेदन में यह भी कहा कि प्रतिष्ठित ब्रोकरेज कंपनियों की सेवाएं लेने के बावजूद सेबी सहारा समूह की संपत्तियों की बिक्री कराने में विफल रहा. ग्रुप ने जोर देकर कहा कि निवेशकों की रकम लौटाने के लिए जो धन सेबी-सहारा खाते में जमा हुआ है, वह पूरी तरह सहारा ग्रुप और उसकी कंपनियों के प्रयासों का नतीजा है.

सुब्रत रॉय के निधन के बाद बदलाव

नवंबर 2023 में सहारा ग्रुप के संस्थापक और प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन हो गया था. उनके निधन के बाद ग्रुप ने अपना एकमात्र निर्णयकर्ता खो दिया, जो अब तक सभी बड़े फैसले ले रहे थे. आवेदन में कहा गया है कि परिवार के सदस्य दैनिक संचालन और प्रबंधन में शामिल नहीं थे.

निवेशकों के हित सर्वोपरि

सहारा ग्रुप ने अदालत को आश्वस्त किया कि दिवंगत सुब्रत रॉय के परिवार की इच्छा और निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए संपत्तियों को शीघ्र और सर्वोत्तम मूल्य पर बेचा जाएगा. ग्रुप का मानना है कि इस प्रक्रिया से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन होगा, निवेशकों को लाभ मिलेगा और वर्तमान अवमानना कार्यवाही समाप्त हो सकेगी.

इसे भी पढ़ें: एशिया कप विजेता टीम को कितनी मिलती है प्राइज मनी, टोटल कितने मिलते हैं प्राइज? देखें पूरी लिस्ट

अदालत के फैसले पर टिकी निगाहें

अब नजरें 14 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जब सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि सहारा समूह अपनी संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज को बेच सकता है या नहीं. यदि कोर्ट से मंजूरी मिलती है, तो यह सौदा न केवल सहारा ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर गहरा असर डालेगा, बल्कि लाखों निवेशकों के लिए भी राहत की उम्मीद जगाएगा.

इसे भी पढ़ें: पीएम मोदी के बाद अब संजय मल्होत्रा की राहत देने की बारी, क्या रेपो रेट घटाएगा आरबीआई?

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel