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डिजिटल फ्रॉड से खुद को बचाएं वरना खाता हो जाएगा खाली, आईसीआईसीआई बैंक ने जारी की चेतावनी

Digital Fraud: डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए आईसीआईसीआई बैंक ने ग्राहकों को चेतावनी जारी की है. त्योहारों के दौरान साइबर अपराधी फर्जी ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप लिंक भेजकर लोगों से निजी जानकारी, यूपीआई पिन और ओटीपी चुराते हैं. बैंक ने सुझाव दिया है कि संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें, अज्ञात ऐप्स डाउनलोड न करें और गोपनीय जानकारी साझा करने से बचें. किसी भी धोखाधड़ी की तुरंत शिकायत cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन 1930 और आईसीआईसीआई हेल्पलाइन 18002662 पर करें.

Digital Fraud: त्योहारी सीजन में डिजिटल फ्रॉड करने वाले साइबर अपराधी तेजी से सक्रिय हो गए हैं. उनकी एक्टिविटी आम आदमी के लिए ही नहीं, बल्कि बैंकों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है. किसी भी बैंक के ग्राहक के साथ डिजिटल फ्रॉड होने पर न केवल संबंधित ग्राहक के पैसों का नुकसान होता है, बल्कि बैंकों की परेशानी बढ़ जाती है. साइबर अपराधियों का शिकार बनने से पहले देश के बैंक अपने ग्राहकों को डिजिटल फ्रॉड से बचने के उपाय बता रहे हैं और उनसे सचेत रहने के लिए अलर्ट भी जारी कर रहे हैं. प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े आईसीआईसीआई बैंक ने ई-मेल के जरिए साइबर अपराधियों से सचेत रहने के साथ-साथ बचाव के टिप्स भी बताया है. आइए, जानते हैं कि आईसीआईसीआई ने अपने ग्राहकों को डिजिटल फ्रॉड से बचने के क्या उपाय बताए हैं?

आईसीआईसीआई बैंक ने ग्राहकों को भेजा मेल

आईसीआईसीआई बैंक ने ई-मेल के जरिए ग्राहकों को आगाह किया है कि साइबर अपराधी एसएमएस या ईमेल के जरिए भेजे गए लिंक में मैलवेयर का इस्तेमाल करके भोले-भाले लोगों को निशाना बना रहे हैं. उदाहरण के लिए, स्कैमर आपको एक मैसेज भेजेंगे कि आपका पार्सल गलत पता होने के कारण डिलीवर नहीं हो पाया और आपसे मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपना पता अपडेट करने और थोड़ी फीस देने के लिए कहेंगे या वे डॉक्टर का अपॉइंटमेंट, केवाईसी अपडेट या बिजली बिल पेमेंट का लिंक भेज सकते हैं. अगर आप ऐसे लिंक पर क्लिक करते हैं, तो स्कैमर को आपके मोबाइल, टैबलेट या कंप्यूटर का एक्सेस मिल जाता है, जिससे आपकी मेहनत की कमाई का नुकसान हो सकता है.

केस स्टडी

आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ग्राहकों को केस स्टडी के जरिए समझाया है कि मान लें श्री एक्स को एक कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने कहा कि वे एक कूरियर कंपनी से बोल रहे हैं और उनका सामान अपूर्ण पते की वजह से डिलीवर नहीं हो पा रहा है. उन्होंने श्री एक्स को एक एसएमएस भेजा, जिसमें एक लिंक था. उस लिंक पर जाकर उन्हें पता अपडेट करना था और डिलीवरी के लिए भुगतान करना था. श्री एक्स ने सहमति जताई, लिंक पर क्लिक किया और भुगतान करने के लिए राशि व अपना यूपीआई पिन दर्ज किया. श्री एक्स ने उस लिंक पर अपनी निजी/संवेदनशील जानकारी भी साझा कर दी. धोखेबाजों ने इस जानकारी का इस्तेमाल करके श्री एक्स की बचत हड़प ली.

क्या है आईसीआईसीआई बैंक के टिप्स

  • कभी भी संदिग्ध ई-मेल, एसएमएस या व्हाट्सएप संदेशों के लिंक पर क्लिक न करें.
  • अज्ञात ऐप्स डाउनलोड या इंस्टॉल करने से बचें.
  • ओटीपी, पासवर्ड, पिन और कार्ड नंबर जैसी गोपनीय जानकारी किसी से साझा न करें.
  • किसी भी ऐप को एक्सेस देने से पहले उसकी परमिशन अवश्य जांचें.
  • अपने मोबाइल को ऑपरेटिंग सिस्टम और सिक्योरिटी पैच के ताजा वर्जन से अपडेट करें.
  • ऐप्स सिर्फ आधिकारिक और भरोसेमंद स्रोतों (जैसे गूगल प्ले स्टोर और एप्पल एप स्टोर) से ही इंस्टॉल करें.
  • भरोसेमंद एंटीवायरस या सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें और उसे नियमित रूप से अपडेट करें.

याद रखने वाली बातें

  • स्टॉप: ठग मदद की पेशकश करेंगे या आपसे व्यक्तिगत अथवा गोपनीय जानकारी साझा करने को कहेंगे. तुरंत रुकें. किसी से भी ऐसी जानकारी साझा न करें.
  • थिंक: खुद से पूछें कि क्या यह संदेश या कॉल नकली हो सकता है.
  • प्रोटेक्ट: यदि कुछ गलत लगे तो तुरंत कदम उठाएं और खुद को धोखाधड़ी से बचाएं.

लोगों को शिकार कैसे बनाते हैं धोखेबाज

  • धोखेबाज ई-मेल, एसएमएस या व्हाट्सएप मैसेज भेजते हैं, जिसमें पता कन्फर्म करने, भुगतान करने या केवाईसी पूरी करने के नाम पर लिंक होता है.
  • उस लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल या कंप्यूटर में एक APK फाइल डाउनलोड हो जाती है.
  • इसके बाद धोखेबाज व्यक्ति को 2 या 5 रुपये का छोटा ट्रांजैक्शन करने को कहते हैं.
  • इसी दौरान धोखेबाज पीड़ित की जानकारी के बिना यूपीआई ऐप रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कर लेते हैं.

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कहां करें शिकायत

आईसीआईसीआई बैंक अपने ग्राहकों को साइबर अपराधियों का शिकार होने के बाद शिकातय करने का सुझाव भी देता है. बैंक कहता है कि ऐसे किसी भी धोखाधड़ी की तुरंत शिकायत नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें. साथ ही आईसीआईसीआई बैंक हेल्पलाइन नंबर 18002662 पर भी संपर्क किया जा सकता है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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