PayU: वित्तीय प्रौद्योगिकी मंच पेयू को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम के तहत ‘पेमेंट एग्रीगेटर’ के रूप में काम करने की महत्वपूर्ण मंजूरी मिल गई है. यह अनुमति ऑनलाइन, ऑफलाइन और सीमापार लेनदेन यानी क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट तक के लिए लागू होगी. इस मंजूरी के साथ पेयू अब देश के साथ-साथ विदेशों में भी व्यापारियों को भुगतान स्वीकार करने की सुविधा दे सकेगा.
क्या होता है पेमेंट एग्रीगेटर?
पेमेंट एग्रीगेटर एक ऐसी थर्ड-पार्टी सेवा होती है, जो कंपनियों और व्यापारियों को अलग-अलग माध्यमों से मिलने वाले ऑनलाइन पेमेंट को एक ही मंच पर स्वीकार करने की सुविधा देती है. इसमें क्रेडिट कार्ड, यूपीआई, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग और डिजिटल वॉलेट जैसे सभी भुगतान विकल्प शामिल होते हैं. इससे व्यापारियों को अलग-अलग पेमेंट सिस्टम से जुड़ने की जरूरत नहीं होती और लेनदेन प्रक्रिया सरल और सुरक्षित बन जाती है.
पेयू को मिलेगा सभी माध्यमों से पेमेंट सपोर्ट
कंपनी के मुताबिक, यह मंजूरी पेयू को व्यापारियों के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और अनुपालन योग्य भुगतान समाधान उपलब्ध कराने का अधिकार देती है. अब पेयू सभी चैनलों (ऑनलाइन वेबसाइट, मोबाइल ऐप, ऑफलाइन स्टोर और अंतरराष्ट्रीय लेनदेन) पर व्यापारियों को पेमेंट स्वीकार करने में और सक्षम होगा. इससे छोटे व्यवसाय, ई-कॉमर्स कंपनियाँ, डिजिटल सेवाएँ और अंतरराष्ट्रीय ग्राहक आधार वाले कारोबारों को बड़ा फायदा मिलेगा.
क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट को मिलेगी नई गति
आरबीआई की मंजूरी के बाद पेयू अब सीमापार भुगतान सेवाओं को और मजबूत करेगा. इससे भारतीय व्यापारियों को अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों से पेमेंट लेने में आसानी होगी. इसके साथ ही, निपटान प्रक्रिया भी तेज और सुरक्षित होगी. यह कदम भारत के डिजिटल भुगतान इकोसिस्टम को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
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डिजिटल भुगतान क्षेत्र में पेयू की भूमिका मजबूत
पेयू ने बयान में कहा कि आरबीआई से मिली यह मंजूरी उसकी बाजार स्थिति को और मजबूत करेगी. एक मुकम्मल डिजिटल भुगतान प्रदाता के रूप में पेयू ऑनलाइन, ऑफलाइन और सीमापार भुगतान के लिए व्यवसायों को निरंतर, सुरक्षित और निर्बाध अनुभव प्रदान करता रहेगा. कंपनी का उद्देश्य है कि वह भारत में डिजिटल पेमेंट सेक्टर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए और व्यापारियों को आधुनिक और सरल भुगतान समाधान उपलब्ध कराए.
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