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पुरानी गाड़ी को कबाड़ में बदलने वालों को मिलेगी खास छूट, गडकरी का बड़ा बयान

New Scrap Policy: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वाहन उद्योग से अपील की है कि जो ग्राहक पुरानी गाड़ी को कबाड़ में बदलने का प्रमाणपत्र जमा कर नई गाड़ी खरीदें, उन्हें अतिरिक्त छूट दी जाए. उन्होंने जीएसटी में राहत देने का सुझाव भी दिया. गडकरी ने कहा कि स्क्रैप पॉलिसी से उद्योग और सरकार दोनों को लाभ होगा. साथ ही, आयातित धातुओं पर निर्भरता घटेगी. सरकार पुराने वाहनों के निपटान से पर्यावरण संरक्षण और नई तकनीक वाले वाहनों को बढ़ावा देना चाहती है.

New Scrap Policy: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को वाहन उद्योग जगत से अपील की कि वे उन ग्राहकों को विशेष छूट देने पर विचार करें, जो नई गाड़ी खरीदते समय अपने पुराने वाहन को कबाड़ में बदलने का प्रमाणपत्र जमा करते हैं. इस पहल से न केवल उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा, बल्कि वाहन उद्योग को भी नई रफ्तार मिलेगी.

जीएसटी में राहत का सुझाव

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध किया है कि स्क्रैप पॉलिसी के तहत नई गाड़ी खरीदने वाले ग्राहकों को जीएसटी में राहत दी जाए. उनका मानना है कि यदि केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठाती है, तो उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा और नई गाड़ियों की बिक्री में भी तेजी आएगी.

ई20 ईंधन पर उठे सवाल

इस मौके पर गडकरी ने ई20 ईंधन (20% एथनॉल मिश्रित पेट्रोल) को लेकर सोशल मीडिया पर चल रहे विरोध को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह विरोध राजनीतिक रूप से उनके खिलाफ किया गया था. उनका कहना है कि यह एक पेड कैंपेन था, जिसे एथनॉल के खिलाफ चलाया गया और उन्हें व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाने की कोशिश की गई.

कांग्रेस के आरोप और गडकरी की प्रतिक्रिया

हाल ही में, कांग्रेस ने गडकरी पर हितों के टकराव के आरोप लगाए थे. कांग्रेस का दावा है कि गडकरी आक्रामक रूप से एथनॉल उत्पादन का समर्थन कर रहे हैं, जबकि उनके दो पुत्र एथनॉल कंपनियों से जुड़े हुए हैं. इस पर गडकरी ने साफ कहा कि ये आरोप केवल राजनीतिक उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं और वास्तविकता से इनका कोई लेना-देना नहीं है.

स्क्रैप पॉलिसी से उद्योग और सरकार दोनों को लाभ

गडकरी ने कहा कि वाहन स्क्रैप नीति का लाभ सिर्फ ग्राहकों तक ही सीमित नहीं है. इससे निजी क्षेत्र को स्क्रैप धातु की आपूर्ति भी मिलेगी, जिसे फिलहाल आयात करना पड़ता है. इससे घरेलू उद्योग की लागत कम होगी और देश की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. गडकरी का कहना है कि यह नीति सरकार और उद्योग दोनों के लिए विन-विन स्थिति साबित हो सकती है.

हर महीने कबाड़ में बदल रहे हजारों वाहन

मंत्री ने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि वर्तमान में हर महीने औसतन 16,830 पुराने वाहन कबाड़ में बदले जा रहे हैं. इसके अलावा, निजी क्षेत्र ने इस दिशा में लगभग 2,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है. उन्होंने वाहन निर्माताओं से आग्रह किया कि वे इस नीति का लाभ ग्राहकों तक सीधे पहुंचाने के लिए उन्हें नई गाड़ी पर अच्छी छूट दें.

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किसे होगा अधिक फायदा

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का यह बयान स्पष्ट करता है कि सरकार पुरानी गाड़ियों को हटाने और नई तकनीक आधारित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है. स्क्रैप पॉलिसी से जहां पर्यावरण को फायदा होगा. वहीं, ग्राहकों को छूट और उद्योग को कच्चे माल की उपलब्धता मिलेगी. यदि जीएसटी में राहत और कंपनियों द्वारा विशेष डिस्काउंट लागू होते हैं, तो यह नीति आने वाले वर्षों में भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में बड़ा बदलाव ला सकती है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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