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94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का सिंगापुर के डीबीएस में होगा विलय, आरबीआई के प्रशासक मनोहरन ने दी जानकारी

Laxmi Vilas Bank merger : निजी क्षेत्र के 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का सिंगापुर के डीबीएस में जल्द ही विलय हो जाएगा. इस बात की जानकारी लक्ष्मी विलास बैंक के नवनियुक्त प्रशासक टी एन मनोहरन ने बुधवार को दी है. हालांकि, उन्होंने बैंक के करीब 20 लाख ग्राहकों को यह भरोसा भी दिया है कि उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. बैंक में जमा उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि लक्ष्मी विलास बैंक का सिंगापुर के डीबीएस के साथ निर्धारित समय सीमा में ही विलय हो जाएगा.

Laxmi Vilas Bank merger : निजी क्षेत्र के 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का सिंगापुर के डीबीएस में जल्द ही विलय हो जाएगा. इस बात की जानकारी लक्ष्मी विलास बैंक के नवनियुक्त प्रशासक टी एन मनोहरन ने बुधवार को दी है. हालांकि, उन्होंने बैंक के करीब 20 लाख ग्राहकों को यह भरोसा भी दिया है कि उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है. बैंक में जमा उनका पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. इसके साथ ही, उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि लक्ष्मी विलास बैंक का सिंगापुर के डीबीएस के साथ निर्धारित समय सीमा में ही विलय हो जाएगा.

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक का प्रशासक नियुक्त किया. आरबीआई ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के बैंक के निदेशक मंडल को हटाने के बाद प्रशासक की नियुक्ति की है.

बैंक के लेन-देन पर लगी है एक महीने की रोक

बैंक का नेटवर्थ नकारात्मक दायरे में जाने और एक चौथाई कर्ज एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) होने तथा कई प्रयासों के बावजूद पूंजी जुटाने में नाकाम रहने के बाद उस पर 30 दिन के लिए लेन-देन को लेकर पाबंदी लगायी गई है. पाबंदी की अवधि 16 दिसंबर को समाप्त होगी. पाबंदी के तहत प्रति खाताधारक 25,000 रुपये की निकासी की सीमा तय की गई है.

एक साल में निजी क्षेत्र के तीसरे बैंक पर लगी पाबंदी

लक्ष्मी विलास बैंक (एलवीबी) तीसरा बैंक है जिस पर पिछले साल सितंबर के बाद से पाबंदी लगाई गई है. इससे पहले, 2019 में सहकारी बैंक पीएमसी तथा इस साल मार्च में यस बैंक पर पाबंदी लगाई गई थी. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के दिशानिर्देश में यस बैंक को पटरी पर लाने में सफलता मिली, जबकि पीएमसी संकट का समाधान अभी होना बाकी है.

बैंक के मौजूदा नकदी पर प्रशासक की नजर

मनोहरन ने ‘कांफ्रेन्स कॉल’ में संवादददताओं से कहा कि हम उपलब्ध नकदी पर नजर रख रहे हैं और नियामक के साथ भी समन्वय कर रहे हैं, ताकि यह तय किया जा सके कि बड़ी संख्या में जमाकर्ताओं के निकासी के लिए आने पर भी किसी भी शाखा में नकदी की कमी नहीं हो. उन्होंने कहा कि हमें नकदी को लेकर नियामक का पूरा समर्थन हैं. किसी भी ग्राहक को अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है.

बीएसई में 20 फीसदी लुढ़का शेयर

एलवीबी का शेयर बीएसई में 20 फीसदी लुढ़ककर 12.40 रुपये प्रति इक्विटी पर आ गया. वहीं, बीएसई मानक सूचकांक सेंसेक्स 0.52 फीसदी बढ़कर पहली बार 44,000 अंक के ऊपर बंद हुआ. मनोहरन ने कहा कि एलवीबी के 20 लाख ग्राहकों के 20,070 करोड़ रुपये जमा हैं. इसमें से 14,000 करोड़ रुपये मियादी जमा और 6,070 करोड़ रुपये बचत और चालू खाते हैं.

उन्होंने कहा कि वहीं बैंक ने 17,000 करोड़ रुपये कर्ज दे रखा है. सितंबर में बैंक के पास 20,973 करोड़ रुपये जमा थे, जो घटकर 20,070 करोड़ रुपये पर आ गए. वहीं, इस दौरान कर्ज 16,622 करोड़ रुपये से बढ़कर 17,325 करोड़ रुपये पहुंच गया.

पाबंदी के बाद बैंक के एटीएम से हुई 10 करोड़ की निकासी

मनोहरन ने कहा कि मंगलवार की शाम से पाबंदी के बाद एटीएम के जरिये केवल 10 करोड़ रुपये की ही निकासी हुई है. उन्होंने कहा कि बैंक से निकासी को लेकर होड़ जैसी कोई बात नहीं है. वैसे भी बैंक के पास पर्याप्त नकदी है.

20 नवंबर को सभी पक्षों की बात सुनेगा आरबीआई

मनोहरन ने कहा कि आरबीआई 20 नवंबर को विलय को लेकर अंतिम योजना लाने से पहले सभी पक्षों की बातों को सुनेगा. अभी जो प्रस्ताव आया है, वह केवल मसौदा है. उनसे यह पूछा गया था कि कई संस्थागत निवेशकों ने आरबीआई के एलवीबी के सभी शेयरों का मूल्य बट्टे खाते में डालते हुए शून्य किये जाने के प्रस्ताव को चुनौती देने की चेतावनी दी थी, इसको देखते हुए वह विलय को लेकर कैसे आशान्वित हैं.

वित्त वर्ष 2019-20 में बैंक को 836.04 करोड़ का घाटा

एलवीबी को मार्च 2020 को समाप्त वित्त वर्ष 2019-20 में 836.04 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ. बैंक को चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में 396.99 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 357.17 करोड़ रुपये था.

बैंक का शुद्ध एनपीए (फंसा कर्ज) सितंबर, 2020 को समाप्त तिमाही में शुद्ध कर्ज का 7.01 फीसदी रहा, जो मार्च 2020 में 10.24 फीसदी था. बैंक का सकल एनपीए दूसरी तिमाही में कुल कर्ज का 24 प्रतिशत से अधिक था.

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Posted By : Vishwat Sen

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