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भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने के लिए बातचीत जारी, वाणिज्य मंत्रालय ने की पुष्टि

India-US Trade Agreement: भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने के लिए बातचीत जारी रखेंगे. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका में तीन-दिवसीय चर्चा की, जिसमें व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर रचनात्मक बैठकें हुईं. अमेरिकी टैरिफ और ब्रांडेड दवाओं पर टैरिफ के बीच भी समझौते की रूपरेखा तय करने का प्रयास जारी है. पहला चरण अक्टूबर-नवंबर तक पूरा होने का लक्ष्य है, ताकि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार 191 अरब डॉलर से बढ़कर 500 अरब डॉलर तक पहुंच सके.

India-US Trade Agreement: भारत और अमेरिका ने पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को जल्द पूरा करने के लिए वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई है. वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार बयान में कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में अमेरिका गया भारतीय प्रतिनिधिमंडल तीन-दिवसीय बातचीत के बाद 24 सितंबर को स्वदेश लौट आया.

वाणिज्य मंत्रालय की पुष्टि

वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर रचनात्मक बैठकें कीं. दोनों पक्षों ने समझौते की रूपरेखा पर विचार साझा किए और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते को जल्द अंजाम तक पहुंचाने के लिए वार्ता जारी रखने का फैसला किया.

हाई लेवल बैठकें

यात्रा के दौरान पीयूष गोयल ने अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जेमीसन ग्रीर और भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर से मुलाकात की. इसके अलावा, भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिकी उद्योगपतियों और निवेशकों से भी दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की.

टैरिफ विवाद और व्यापार दबाव

ये वार्ताएं अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की पृष्ठभूमि में हुई हैं. अमेरिका ने भारतीय उत्पादों के आयात पर 25 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाया और रूसी कच्चे तेल की खरीद के लिए 25 प्रतिशत दंडात्मक टैरिफ भी लागू किया. भारत ने अमेरिका से इन शुल्कों को हटाने की मांग की, क्योंकि यह व्यापार समझौते की राह में महत्वपूर्ण था.

दवाओं के आयात पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रांडेड दवाओं पर 1 अक्टूबर से 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने की घोषणा की थी. इससे भारतीय निर्यात प्रभावित हो सकता है, क्योंकि अमेरिका में दवाओं की आपूर्ति में भारतीय कंपनियों की बड़ी हिस्सेदारी है. वर्ष 2022 में अमेरिका में लिखी गई हर 10 में से चार दवा पर्चियां भारत से आपूर्ति की गई थीं.

समझौते की चरणबद्ध योजना

इन गतिरोधों के बावजूद व्यापार वार्ता पटरी पर है और समझौते को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा. समझौते का पहला चरण इस साल अक्टूबर-नवंबर तक पूरा करने की योजना है. अब तक पांच दौर की वार्ताएं हो चुकी हैं. लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए.

निवेशकों और कारोबारियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया

गोयल की अगुवाई वाले भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका के प्रमुख उद्योगपतियों और निवेशकों से मुलाकात की. बैठक में सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली और कारोबारी दिग्गजों ने भारत की वृद्धि गाथा पर भरोसा जताते हुए भारत में अपनी कारोबारी गतिविधियों को बढ़ाने की इच्छा प्रकट की.

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पिछली वार्ताओं का संक्षिप्त विवरण

दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने फरवरी, 2025 में व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने का फैसला किया था. भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने के बाद व्यापार वार्ता अगस्त के अंत में स्थगित हो गई थी, लेकिन सितंबर के मध्य में अमेरिकी दल के भारत आने के बाद यह सिलसिला फिर से शुरू हुआ.

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अमेरिकी कारोबारियों और निवेशकों के साथ बैठक

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी कारोबारियों और निवेशकों के साथ हुई बैठकों में सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और उन्होंने भारत की वृद्धि कहानी पर भरोसा जताते हुए कारोबार बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की. इस प्रकार, भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द पूरा होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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