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सामाजिक सुरक्षा में भारत ने लगाई ऐतिहासिक छलांग, 10 साल में 64.3% तक बढ़ा दायरा

Social Security: भारत में सामाजिक सुरक्षा का दायरा 2015 में 19% से बढ़कर 2025 में 64.3% हो गया है. आईएलओ के अनुसार, अब 94 करोड़ से अधिक लोग कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह दुनिया में सबसे तेज सामाजिक सुरक्षा विस्तार में से एक है. श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने इसे 'अंत्योदय' की दिशा में बड़ा कदम बताया. आईएलओ ने भी भारत की जन-केंद्रित नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की है.

Social Security: भारत ने सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में पिछले एक दशक में एक ऐतिहासिक छलांग लगाई है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2015 में जहां देश की मात्र 19% आबादी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में थी, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 64.3% तक पहुंच गया है. इसका अर्थ यह है कि आज भारत में 94 करोड़ से अधिक नागरिक कम-से-कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त कर रहे हैं.

विश्व स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क

आईएलओ के आंकड़ों के अनुसार, सामाजिक सुरक्षा के लाभार्थियों की संख्या के लिहाज से भारत अब दुनिया में दूसरे स्थान पर है. यह उपलब्धि भारत को न केवल वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख भूमिका में लाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत ने गरीबों और जरूरतमंदों तक कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाने के लिए कितनी तेजी से कदम बढ़ाए हैं.

श्रम मंत्री ने जताया गर्व

श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, “यह दुनिया भर में सामाजिक सुरक्षा दायरे में सबसे तेज विस्तार है. यह ‘अंत्योदय’ यानी अंतिम व्यक्ति को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है.” श्रम मंत्री फिलहाल जिनेवा में आयोजित आईएलओ के 113वें अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार “किसी को भी पीछे न छोड़ने” के लक्ष्य को लेकर चल रही है और सामाजिक सुरक्षा योजनाएं उसी दिशा में बड़ा कदम हैं.

आईएलओ ने की भारत की सराहना

आईएलओ के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ हुंगबो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही जन-कल्याणकारी नीतियों की खुले दिल से सराहना की. उन्होंने विशेष रूप से गरीबों और श्रमिकों के लिए बनाई गई योजनाओं को सराहा और भारत की “जन-केंद्रित नीति” की प्रशंसा की.

योजनाओं की संरचना और आंकड़ों का महत्व

आईएलओ की ओर से किसी देश की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मान्यता देने के लिए कुछ मापदंड होते हैं.

  • योजना का विधायी समर्थन
  • नकद या सक्रिय लाभ का होना
  • पिछले तीन वर्षों के सत्यापित और प्रमाणिक आंकड़े प्रस्तुत करना

भारत ने इन सभी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया है. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह उपलब्धि पहले चरण की है, जिसमें चयनित आठ राज्यों और महिला-केंद्रित योजनाओं के आंकड़े शामिल हैं.

100 करोड़ की आबादी तक पहुंचने का लक्ष्य

श्रम मंत्रालय ने यह संकेत दिया है कि यह आंकड़ा भविष्य में और बढ़ेगा. जैसे-जैसे दूसरे चरण के आंकड़े और अन्य योजनाओं को आईएलओ से मान्यता मिलेगी, भारत का सामाजिक सुरक्षा दायरा 100 करोड़ नागरिकों तक पहुंच सकता है. यह देश की समावेशी विकास नीति और सर्वस्पर्शी कल्याणकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है.

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जन-कल्याण की ओर मजबूत कदम

भारत का सामाजिक सुरक्षा दायरा केवल आंकड़ों की वृद्धि नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि सरकार ने योजनाओं को सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रखा, जमीनी स्तर तक क्रियान्वयन को भी गंभीरता से लिया है. आने वाले वर्षों में इस दिशा में और अधिक प्रगति की उम्मीद है, जिससे ‘न्यू इंडिया’ की संकल्पना और सशक्त होगी.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
Deputy Chief Content Writer in Prabhat Khabar Digital With Experience of More than 24 Years in Print and Digital Media. One Book Published on 300 years hindi Journalism in Rajasthan Book Named Naye aayam ki khoj : Rajasthan Patrkarita.

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