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खुशखबरी! इनकम टैक्स ने भेजना शुरू कर दिया रिफंड, आपका आया क्या? चेक करें खाता

Income Tax Refund: देश के टैक्सपेयर्स को 16 सितंबर 2025 तक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की समय सीमा दी गई थी. अब जब अधिकांश लोगों ने आईटीआर फाइल कर दिया है, तो वे अपने इनकम टैक्स रिफंड का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन छोटी-छोटी गलतियाँ रिफंड में देरी का कारण बन सकती हैं. इसलिए आज हम आपको यह बताने जा रहे है कि कैसे आप बिना किसी गलती के आसानी से टैक्स रिफंड प्राप्त कर सकते हैं. अगर आपने भी आईटीआर फाइल किया है और रिफंड का इंतजार कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बहुत जरूरी है.

Income Tax Refund: देश के लाखों टैक्सपेयर्स के लिए खुशखबरी है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न दाखिल करने के बाद अब टैक्सपेयर्स के खातों में रिफंड ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है. अगर आपने भी आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल किया है और उसका ई-वेरिफिकेशन हो गया है, तो आपके भी स्थायी खाता नंबर (पैन) में रिफंड आ गया होगा. आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए 16 सितंबर 2025 तक का समय दिया था. हालांकि, इसके लिए आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 ही थी, लेकिन पोर्टल में आई तकनीकी खामियों की वजह से इसकी डेडलाइन को एक दिन के लिए बढ़ाया गया था.

क्यों बढ़ाई गई थी आईटीआर फाइल करने की तारीख?

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आखरी तारीख एक दिन बढ़ा दी थी. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सोमवार को इस वर्ष के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी, क्योंकि 15 सितंबर की पूर्व निर्धारित समय सीमा पर तकनीकी गड़बड़ियों के कारण रिटर्न दाखिल करने में कुछ दिक्कतें आई थी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भी यह बयान दिया था, “आईटीआर दाखिल करने की सुविधा के लिए,अंतिम तिथि एक दिन (16 सितंबर 2025) बढ़ा दी गई है”. ऐसा कथित तौर पर इसलिए हुआ क्योंकि सोमवार को समय सीमा के कारण आईटीआर के ई-फाइलिंग पोर्टल पर भारी ट्रैफ़िक के कारण तकनीकी खराबी आ गई थी.

इसके अलावा,सोमवार को वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए अग्रिम कर की दूसरी तिमाही किस्त के भुगतान करने की अंतिम तिथि भी थी, जिससे पोर्टल पर दबाव और भी बढ़ गया था. इसके अलावा, आयकर विभाग ने बताया था कि ई-फाइलिंग पोर्टल मंगलवार को रात 12:00 बजे से ले कर रात 2:30 बजे तक मेंटेनेंस मोड में रहा,ताकि जरूरी तकनीकी सुधार और उपयोगिताओं में बदलाव किए जा सकें.सोमवार को जिन उपयोगकर्ताओं को पोर्टल तक खोलने में दिक्कत हो रही थी, उनके लिए विभाग ने कुछ जांच-पड़ताल भी जारी किए थे ,जो संभावित तौर पर उनकी मदद कर सकती थीं.

कितने आईटीआर किए गए फाइल?

सोमवार, 15 सितंबर 2025 तक 7.3 करोड़ से ज्यादा आयकर रिटर्न दाखिल किए गए थे, जो पिछले साल कि तुलना में 7.28 करोड़ से ज्यादा है. आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक 7.28 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे. वहीं, आकलन वर्ष 2023-2024 में दाखिल किए गए आईटीआर की संख्या 6.77 करोड़ थी.

क्या है रिफंड की प्रक्रिया?

इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) के ई-वेरिफाई होते ही रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. ज्‍यादातर मामलों में आईटीआर फाइल होने के चार से पांच हफ्ते में रिफंड आपके बैंक खाते में आ जाता है. अगर आपको आपका रिफंड इस दौरान नहीं मिले, तो आप कुछ चीजों को जरूर चेक करें. सबसे पहले आप अपने फॉर्म को चेक करें कि कहीं आपने फॉर्म भरने में किसी तरह की गलती तो नहीं कर दी है. इसके अलावा, आप आयकर विभाग से भेजे गए किसी भी नोटिस या जानकारी को देखें और साथ ही आयकर विभाग की ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिफंड का स्टेटस ट्रैक करें.

क्यों कुछ मामलों में लग जाता है ज्यादा समय ?

जानकार बताते हैं क‍ि जैसे ही आपका रिटर्न ई-वेरीफाई होता है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से उसे प्रोसेस करना शुरू कर द‍िया जाता है. अध‍िकतर मामलों में रिफंड 2 से 5 हफ्तों के अंदर टैक्सपेयर्स के बैंक खाते में आ जाता है. टैक्‍सपेयर को रिफंड मिलने में तब देरी हो सकती है, जब टीडीएस डेटा मैच न करें. इनकम टैक्स रिफंड की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो जाती हैं. कई टैक्सपेयर्स का आईटीआर फाइल करने और वेरिफाई होने के बाद एक हफ्ते के अंदर ही रिफंड आ जा रहा है. इसके ल‍िए शर्त यह है क‍ि जो जानकारी उन्होंने दर्ज की है, वह आयकर विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध होनी चाह‍िए.

क्या है इनकम टैक्स रिफंड में देरी के कारण?

ऐसे बहुत सी वजह होती हैं, जिससे आपका इनकम टैक्स रिफंड होने में देर हो सकती है. इसकी कई वजह हैं. यह गौर करने वाली बात है कि आप अपना बैंक अकाउंट पहले से ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पोर्टल में प्री-वैलिडेट रहे. अगर आपके बैंक अकाउंट का नाम आपके पैन कार्ड से मेल नहीं खाता है, तो रिफंड आने में देर होने का ये भी बहुत बड़ा कारण हो सकता है. आपने अगर आईएफएससी कोड अपने तरफ से गलत भरा है, तब भी देर हो सकती है. वहीं, आईटीआर में जिस खाते की जानकारी दी है और वह अब बंद हो गया है, तब भी रिफन्ड में मे देर हो सकती है. इसके साथ ही आपका पैन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं है, तब भी आपको रिफंड मिलने मे देरी हो सकती है.

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ऐसे चेक करे स्‍टेटस

रिफंड का स्टेटस चेक करने के लिए आप सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट www.incometax.gov.in पर जाएं. इसके बाद पैन और पासवर्ड डालकर करके लॉग इन करें. आपका पैन कार्ड आधार कार्ड से जुड़ा होना चाहिए. अगर नहीं जुड़ा है, तो वेबसाइट पर ‘लिंक नाउ’ बटन का यूज कर इसे ल‍िंक कर लें. फिर ऊपर दिए गए मेन्यू में ‘सर्व‍िसेज’ पर क्लिक करें और ‘नो योर रिफंड स्टेटस’ पर क्लिक करे .इसके बाद ‘ई-फाइल’ टैब पर जाएं और ‘इनकम टैक्स रिटर्न्स’ पर क्लिक करें और ‘व्यू फील्ड रिटर्न्स’ का ऑप्शन चुनें. ऐसा करते ही आपकी स्क्रीन पर उस असेसमेंट ईयर के लिए आपका रिफंड स्टेटस दिखाई देने लगेगा.

रिपोर्ट: सौम्या शाहदेव

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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