IBM Job Layoffs: दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी आईबीएम ने मंगलवार को इस तिमाही में कर्मचारियों की संख्या घटाने की घोषणा की है. कंपनी के अनुसार, यह कदम उनके वैश्विक कर्मचारियों के “एक छोटे से प्रतिशत” को प्रभावित करेगा. हालांकि, आधिकारिक तौर पर सटीक संख्या साझा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है. यह निर्णय उस समय आया है, जब कंपनी एआई-बेस्ड क्लाउड सर्विसेज पर अपना फोकस बढ़ा रही है और अपने हाई-मार्जिन सॉफ्टवेयर सेगमेंट को प्राथमिकता दे रही है.
सीईओ अरविंद कृष्ण की रणनीति
आईबीएम के सीईओ अरविंद कृष्ण के नेतृत्व में कंपनी पिछले कुछ वर्षों से सॉफ्टवेयर और एआई समाधानों पर जोर दे रही है. “रेड हैट” विभाग के माध्यम से कंपनी ने क्लाउड सेवाओं में उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराई है. अरविंद कृष्ण का मानना है कि भविष्य का आईटी सेक्टर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हाइब्रिड क्लाउड समाधानों पर निर्भर करेगा, इसलिए आईबीएम अपने संसाधनों को उसी दिशा में पुनर्गठित कर रही है.
क्लाउड ग्रोथ में सुस्ती से निवेशकों की चिंता
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईबीएम के क्लाउड सॉफ़्टवेयर सेगमेंट में वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ी है. इस सुस्ती ने निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है क्योंकि बाजार में अपेक्षा थी कि एआई और क्लाउड डोमेन से कंपनी को तेज लाभ मिलेगा. आईबीएम के शेयर मंगलवार को करीब 2% गिर गए. हालांकि, वर्ष 2024 के दौरान इनमें 35% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई थी.
अमेरिकी कर्मचारियों पर भी असर संभव
आईबीएम ने यह भी स्पष्ट किया है कि अमेरिका में कुछ नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं, लेकिन कुल मिलाकर देश में रोजगार की स्थिति स्थिर रहने की उम्मीद है. कंपनी के अनुसार, इस छंटनी का उद्देश्य संसाधनों का पुनर्संतुलन करना है, ताकि भविष्य की तकनीकी प्राथमिकताओं को समर्थन मिल सके.
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आईबीएम के कुल कर्मचारी और भविष्य की दिशा
वर्ष 2024 के अंत तक आईबीएम में करीब 2,70,000 कर्मचारी कार्यरत थे. विशेषज्ञों का कहना है कि यह छंटनी कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें पारंपरिक सेवाओं से हटकर अधिक एआई और क्लाउड-चालित मॉडल की ओर बढ़ना शामिल है.
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