Hindustan Copper Share Price: हिंदुस्तान कॉपर के शेयर 25 सितंबर को 6.25% बढ़ गए. इसका कारण शंघाई में तांबे की कीमतें गुरुवार को छह महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं है. इसकी एक बड़ी वजह यह रही कि फ्रीपोर्ट-मैकमोरन कंपनी ने इंडोनेशिया की अपनी ग्रासबर्ग खदान में “फोर्स मैज्योर” घोषित कर दिया. इसका मतलब है कि अब वहां से तांबे की सप्लाई पर असर पड़ेगा. ट्रेडर्स का मानना है कि कच्चे माल की कमी आगे और बढ़ सकती है, इसी उम्मीद में तांबे की कीमतें बढ़ीं और हिंदुस्तान कॉपर के शेयर चढ़ गए.
तांबे की कीमतों में और आएगी तेजी
फ्रीपोर्ट कंपनी ने 24 सितंबर को कहा कि ग्रासबर्ग खदान (जो दुनिया की सबसे बड़ी तांबा और सोना निकालने वाली खदानों में से एक है) में काम 2026 की पहली छमाही में धीरे-धीरे दोबारा शुरू हो सकता है. लेकिन 2026 में वहां से तांबे का उत्पादन पहले के अनुमान से करीब 35% कम हो सकता है. इस खदान में काम बंद होने के बाद से ही बाजार में तांबे के कच्चे माल की कमी को लेकर चिंता बनी हुई है. अब जो नई जानकारी सामने आई है, उससे लगता है कि कीमतें और ऊपर जा सकती हैं.
कितना उछला हिंदुस्तान कॉपर का शेयर
मनी कंट्रोल के रिपोर्ट के अनुसार , 25 सितंबर को सुबह 11:05 बजे, एनएसई पर हिंदुस्तान कॉपर का शेयर 5.6% चढ़कर 326 रुपये पर पहुंच गया. इस स्टॉक का 52 हफ्तों का हाई 353 रुपये और लो 184 रुपये रहा है. कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस समय 31,550 करोड़ रुपये है. इंटरनेशनल मार्केट की बात करें, तो शंघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज में सबसे ज्यादा ट्रेड होने वाला तांबा का कॉन्ट्रैक्ट 2.86% बढ़कर 82,280 युआन (लगभग 11,545.64 डॉलर) प्रति टन पर पहुंच गया, जो कि 26 मार्च के बाद सबसे ऊंचा स्तर है.
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
चीनी ब्रोकरेज कंपनी जिनरुई फ्यूचर्स के विश्लेषकों ने एक रिपोर्ट में कहा कि ग्रासबर्ग खदान से तांबे का जो उत्पादन प्रभावित हुआ है, वह उम्मीद से कहीं ज्यादा है. यही वजह है कि तांबे की कीमतों को लेकर आने वाले समय में बढ़ोतरी की संभावना और भी मजबूत हो गई है. फ्रीपोर्ट की खदान में हुई यह घटना यह दिखाती है कि तांबे का बाजार ग्लोबल सप्लाई में थोड़ी सी भी रुकावट से कितना ज्यादा प्रभावित हो सकता है. खासकर जब पहले से ही कच्चे माल की कमी बनी हुई है.
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यह तांबे की सप्लाई को झटका देने वाली ताजा घटना है. इससे पहले इस हफ्ते हडबे मिनरल्स इंक नाम की कंपनी ने भी बताया था कि पेरू में राजनीतिक विरोध-प्रदर्शनों के चलते उसने अपनी मिल (प्रोसेसिंग यूनिट) का काम बंद कर दिया है.
रिपोर्ट: सौम्या शाहदेव
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