Minimum Balance: आईसीआईसीआई बैंक के मंथली एवरेज बैलेंस (एमएबी) विवाद के बाद एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किया है. बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसने अपने किसी भी प्रकार के सेविंग अकाउंट के मिनिमम बैलेंस (एएमबी) नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है.
ग्राहकों के लिए राहत भरी खबर
एचडीएफसी बैंक ने कहा कि वह ग्राहकों की प्रोफाइल के अनुसार कई तरह के सेविंग अकाउंट ऑफर करता है और हर अकाउंट के लिए अलग-अलग एएमबी की जरूरत होती है. फिलहाल, किसी भी अकाउंट के लिए यह नियम नहीं बदला गया है. बैंक के अनुसार, नियमित सेविंग अकाउंट का एएमबी 10,000 रुपये और सेविंग्स मैक्स अकाउंट का एएमबी 25,000 रुपये है.
सोशल मीडिया पर फैली गलत खबर
हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट में दावा किया गया था कि एचडीएफसी बैंक ने भी आईसीआईसीआई बैंक की तरह मिनिमम बैलेंस नियमों में बदलाव कर दिया है. इन अफवाहों को खत्म करने के लिए बैंक ने आधिकारिक बयान जारी किया और कहा कि ग्राहकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
आईसीआईसीआई बैंक का एमएबी विवाद
भारत के दूसरे सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने हाल ही में नए सेविंग अकाउंट के लिए एमएबी बढ़ा दिया था. मेट्रो और शहरी शाखाओं में इसे 50,000 रुपये, अर्ध-शहरी में 25,000 रुपये और ग्रामीण शाखाओं में 10,000 रुपये कर दिया गया था. ग्राहकों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद बैंक ने नियमों में बदलाव करते हुए इसे मेट्रो और शहरी में 15,000 रुपये, अर्ध-शहरी में 7,500 रुपये और ग्रामीण में 2,500 रुपये कर दिया. आईसीआईसीआई बैंक ने कहा कि 1 अगस्त, 2025 से लागू किए गए नए एमएबी को ग्राहकों की प्रतिक्रिया के आधार पर बदला गया है, ताकि यह उनकी उम्मीद के अनुसार हो.
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मिनिमम बैलेंस और आरबीआई का रुख
मिनिमम बैलेंस, महीने के अंत में खाता धारक के बैलेंस के साधारण औसत पर आधारित होता है. यदि तय न्यूनतम बैलेंस नहीं रखा जाता, तो बैंक पेनल्टी वसूलता है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक बैंक अपने एमएबी तय करने के लिए स्वतंत्र है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से बैंक पर निर्भर करता है और आरबीआई इसके लिए कोई सीमा तय नहीं करता.
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