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जीएसटी में क्यों किया गया बदलाव? निर्मला सीतारमण ने किया खुलासा

GST Reform: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी में किए गए बदलाव लोगों के लिए सुधार हैं, जिनका सीधा असर 140 करोड़ भारतीयों पर होगा. जीएसटी परिषद ने चार की जगह दो स्लैब 5% और 18% तय किए हैं, जबकि अहितकर वस्तुओं पर 40% की दर लागू होगी. टीवी, एसी और रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती होंगी. किसानों व छोटे उद्योगों को भी लाभ मिलेगा. कंपनियों के लिए रिफंड और पंजीकरण प्रक्रिया आसान होगी, जिससे खपत बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.

GST Reform: भारत की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार कहे जाने वाले जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा कि जीएसटी दरों में बदलाव दरअसल “लोगों के लिए सुधार” है और इसका सीधा लाभ देश की 140 करोड़ आबादी को मिलेगा.

दो स्लैब की नई व्यवस्था

जीएसटी परिषद की बैठक में यह तय किया गया कि अब चार कर स्लैब की जगह केवल दो मुख्य स्लैब 5% और 18% रहेंगे. इसके अलावा, सिगरेट, तंबाकू और अन्य अहितकर वस्तुओं पर 40% की विशेष दर लागू होगी. नई दरें 22 सितंबर से प्रभावी होंगी, जबकि सिगरेट व तंबाकू उत्पादों को इससे बाहर रखा गया है.

उपभोक्ता वस्तुओं पर राहत

सरकार ने दरों को युक्तिसंगत बनाते हुए कई उपभोक्ता वस्तुओं पर टैक्स कम कर दिया है. इसमें टेलीविजन, एयर कंडीशनर, खानपान सेवाएं और रोजमर्रा की जरूरत की चीजें शामिल हैं. इसका फायदा सीधे उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि इन वस्तुओं के दाम घटेंगे और खपत बढ़ेगी.

गरीब और किसानों को लाभ

सीतारमण ने जोर देकर कहा कि यह सुधार केवल शहरी उपभोक्ताओं के लिए ही नहीं, बल्कि गरीबों और किसानों के लिए भी उपयोगी साबित होगा. जिन उपकरणों, कीटनाशकों और आवश्यक वस्तुओं की उन्हें जरूरत होती है, वे अब सस्ती होंगी. इससे उनकी लागत घटेगी और आय में राहत मिलेगी.

कंपनियों के लिए भी राहत

वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जीएसटी सुधार का असर केवल उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं रहेगा. कंपनियों के लिए अनुपालन, रिफंड और पंजीकरण की प्रक्रिया और आसान हो जाएगी. 90% रिफंड स्वतः ही निश्चित समयसीमा के भीतर क्लियर होंगे. तीन दिनों के भीतर पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध होगी. इससे छोटे उद्यमों को विशेष लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अब कर संबंधी जटिलताओं का सामना कम करना पड़ेगा.

उद्योग जगत से बातचीत

सीतारमण ने कहा कि सरकार उद्योग जगत से लगातार बातचीत कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि टैक्स कटौती का लाभ आम जनता तक पहुंचे. कई कंपनियों ने पहले ही कीमतें घटाने की घोषणा कर दी है. 22 सितंबर के बाद सरकार का पूरा ध्यान इसी पर रहेगा कि आम उपभोक्ताओं को वाकई में इसका लाभ मिले.

राज्यों की सहमति और चिंताएं

जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों की भी अहम भूमिका रही. हालांकि, कुछ राज्यों ने राजस्व को लेकर चिंता जताई, लेकिन इस बात पर सहमति बनी कि दरों में कटौती से लोगों और उद्योग दोनों को फायदा होना चाहिए. सीतारमण ने कहा कि खपत बढ़ने से लंबे समय में राजस्व भी बढ़ेगा, जिससे राज्यों की चिंता काफी हद तक दूर होगी.

अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर

वित्त मंत्री के अनुसार, टैक्स कटौती से वस्तुओं की कीमतें घटेंगी, जिससे खपत और मांग में बढ़ोतरी होगी. इसका सीधा असर उत्पादन और रोजगार पर पड़ेगा. अंततः इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और राजस्व में भी इजाफा होगा.

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आम आदमी के लिए फायदेमंद होगी जीएसटी कटौती

जीएसटी सुधार को केवल एक टैक्स दर कटौती के रूप में नहीं देखा जा सकता, बल्कि यह कदम लोगों और कंपनियों दोनों के लिए राहत लेकर आया है. यह उपभोक्ताओं को सस्ते दाम देगा, किसानों और छोटे उद्यमियों की लागत कम करेगा और उद्योग जगत की प्रक्रियाएं सरल बनाएगा. कुल मिलाकर, यह सुधार भारत की अर्थव्यवस्था के लिए समग्र रूप से सकारात्मक साबित होने जा रहा है.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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