CP Radhakrishnan Net Worth: उपराष्ट्रपति पद चुनाव के लिए आज यानी मंगलवार को मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है. NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की टक्कर INDIA ब्लॉक के सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी से है. 10 बजे से शुरू हुई मतदान की प्रक्रिया शाम 4 बजे तक चलेगी, और देर शाम तक मतगणना पूरी कर जीतने वाले उम्मीदवार के नाम का ऐलान भी कर दिया जाएगा. राधाकृष्णन का राजनीतिक जीवन काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है. उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से पहले वे महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी निभा रहे थे. ऐसे में आइए जानते हैं राधाकृष्णन कितने करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं?
खाते में करोड़ों रुपए फिर भी बे’कार हैं सीपी राधाकृष्णन
कोयंबटूर से दो बार सांसद रहे सीपी राधाकृष्णन की आर्थिक स्थिति की बात करें, तो इनके पास करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद भी खुद की अपनी एक भी कार नहीं हैं. 2019 लोकसभा चुनाव में दाखिल किए गए हलफनामे के अनुसार, सीपी राधाकृष्णन की कुल संपत्ति लगभग 67,11,40,166 करोड़ रुपये है. इसमें कुल अचल संपत्ति 7,31,07,436 है, जिनमें नकदी, बैंक जमा, बीमा, बॉन्ड, शेयर और आभूषण शामिल हैं, जबकि अचल संपत्ति में 44,43,25,040 रुपये की कृषि भूमि, 7,23,73,690 रुपये की गैर-कृषि भूमि, 6,63,34,000 रुपये की व्यावसायिक इमारत है. इसके अलावा, 1,50,00,000 रुपये का आवासीय मकान है. बात करें कर्ज की तो उनके ऊपर 2,36,86,000 रुपये की देनदारी है.
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लंबा रहा सियासी सफर
सीपी राधाकृष्णन 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. साथ वे झारखंड के राज्यपाल के साथ तेलंगाना और पुडुचेरी का अतिरिक्त प्रभार संभाल चुके हैं. इससे पहले साल 2004-07 के बीच उन्हें तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी. इसके अलावा, 2020 से 2022 तक पार्टी के केरल प्रभारी भी रह चुके हैं. इसके अलावा, सीपी राधाकृष्णन दो बार सांसद भी रह चुके हैं, उन्होंने लोकसभा चुनाव 1998 और 1999 में तमिलनाडु के कोयंबटूर से चुनाव जीता था.
RSS से सामाजिक जीवन की शुरुआत
20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु में जन्मे राधाकृष्णन ने अपने करियर की शुरुआत आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में की. बाद में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने। 1996 में बीजेपी तमिलनाडु के सचिव नियुक्त हुए. 1998 और 1999 में वे कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए. 2004 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया और ताइवान की संसदीय यात्रा का भी हिस्सा बने.
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