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RBI का बड़ा बदलाव : अब सरकारी बॉन्ड में सीधे लेनदेन कर सकेंगे आम निवेशक, केंद्रीय बैंक में खुलेगा खाता

RBI MPC Meeting : निवेश के ख्याल से सरकारी बॉन्ड को बेहद सुरक्षित माना जाता है. इस बॉन्ड को सरकार जारी करती है, इसलिए इसमें बाजार का जोखिम कम होता है और बेहतरीन रिटर्न भी मिलता है.

RBI MPC Meeting : खुदरा निवेशक अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जरिए सरकारी बॉन्ड में लेनदेन कर सकेंगे. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी है कि सरकारी बॉन्ड में लेनदेन करने के लिए कोई भी व्यक्ति आरबीआई में खाता खुलवा सकता है. इसके साथ ही, भारत अब उन देशों में शामिल हो गया है, जहां के आम निवेशक सरकारी बॉन्ड में लेनदेन करते हैं. इसे बहुत बड़ा बुनियादी बदलाव माना जा रहा है.

सरकारी बॉन्ड में निवेश सुरक्षित

बता दें कि अभी तक खुदरा निवेशक सरकारी सिक्योरिटीज में लेनदेन करते हैं, लेकिन आरबीआई की ओर से बड़ा बदलाव किए जाने के बाद वे सीधे सरकारी बॉन्ड में लेनदेन कर सकेंगे. यह एक नया कदम है. दरअसल, सरकारी बॉन्ड में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सरकार और आरबीआई ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.

क्यों जारी किया जाता है सरकारी बॉन्ड

गौरतलब है कि निवेश के ख्याल से सरकारी बॉन्ड को बेहद सुरक्षित माना जाता है. इस बॉन्ड को सरकार जारी करती है, इसलिए इसमें बाजार का जोखिम कम होता है और बेहतरीन रिटर्न भी मिलता है. इसके साथ ही, सरकारी बॉन्ड एक डेट इंस्ट्रुमेंट है, जिसकी खरीद-बिक्री की जाती है. केंद्र और राज्य सरकारें इस बॉन्ड को जारी करती हैं. कई बार नकदी संकट पैदा हो जाने की वजह से केंद्र और राज्य सरकारों को फंड की जरूरत पड़ती है. नकदी की कमी होने की वजह से बाजार से रकम जुटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें बॉन्ड जारी करती हैं. ये बॉन्ड छोटी और दीर्घावधि के लिए जारी किए जाते हैं.

दो तरह का बॉन्ड जारी करती है सरकार

नकदी संकट से उबरने के लिए सरकार की ओर से दो प्रकार के बॉन्ड जारी किए जाते हैं. कम समय के लिए जारी किए जाने वाले बॉन्ड को सिक्योरिटी ट्रेजरी बिल कहा जाता है. यह एक साल से कम अवधि के लिए जारी किया जाता है. इसके साथ ही, एक साल से अधिक समय के लिए जारी किया जाने वाला बॉन्ड ही सरकारी बॉन्ड कहलाता है. केंद्र सरकार दोनों प्रकार के बॉन्ड को जारी करती है, जबकि राज्य सरकारों के पास केवल डेट सिक्योरिटी जारी करने का अधिकार है.

कौन करता है सरकारी बॉन्ड की खरीद-बिक्री

सरकारी बॉन्ड की खरीद-बिक्री म्यूचुअल फंड, प्रोविडेंट फंड, बीमा कंपनियां, कमर्शियल बैंक, प्राइमरी डीलर, को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और पेंशन फंड करते हैं. इसमें एक साथ सरकारी बॉन्ड खरीदने और बेचने के लिए बोली लगाई जाती है. इसमें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को सीमित कारोबार की इजाजत दी जाती है. कंपनियां भी सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री करती हैं.

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Posted By : Vishwat Sen

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