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आसमान में बढ़ेगा मुकाबला! तीन नई एयरलाइंस को मिली सरकार से मंजूरी

Aviation Company NOC: भारतीय विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने वाली है. नागर विमानन मंत्रालय ने अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को उड़ान भरने के लिए एनओसी दे दी है, जबकि उत्तर प्रदेश की शंख एयर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है. नए ऑपरेटर्स की एंट्री से घरेलू विमानन बाजार में विकल्प बढ़ेंगे. सरकार का लक्ष्य कनेक्टिविटी, प्रतिस्पर्धा और यात्रियों के लिए बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करना है.

Aviation company NOC: भारतीय विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और विकल्प बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को नागर विमानन मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मिल गया है. इसके साथ ही, ये दोनों एयरलाइंस परिचालन की दिशा में अगले औपचारिक कदम उठाने के लिए तैयार हैं. सरकार का मानना है कि नए ऑपरेटर्स की एंट्री से किरायों में संतुलन, सेवाओं की गुणवत्ता और कनेक्टिविटी में सुधार होगा.

शंख एयर को पहले ही मिल चुकी है मंजूरी

इन दो कंपनियों के अलावा, उत्तर प्रदेश स्थित शंख एयर को मंत्रालय से पहले ही एनओसी मिल चुका है. शंख एयर के 2026 में परिचालन शुरू करने की संभावना जताई जा रही है. तीनों नई एयरलाइंस की एंट्री से खासतौर पर उत्तर भारत, टियर-2 और टियर-3 शहरों की कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

तेजी से बढ़ता घरेलू विमानन बाजार

नागर विमानन मंत्रालय देश में अधिक विमानन संचालकों को प्रोत्साहित करने पर जोर दे रहा है. भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते घरेलू नागर विमानन बाजारों में शामिल है. बढ़ती आय, पर्यटन, व्यापारिक यात्रा और क्षेत्रीय संपर्क योजनाओं ने हवाई यातायात की मांग को लगातार ऊपर रखा है. मंत्रालय का उद्देश्य इस मांग को पूरा करने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है.

अभी कितनी एयरलाइंस हैं मैदान में

वर्तमान में भारत में नौ नियमित घरेलू विमानन कंपनियां सेवाएं दे रही हैं. इनमें एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो और सार्वजनिक क्षेत्र की अलायंस एयर के अलावा अकासा एयर, स्पाइसजेट, स्टार एयर, फ्लाई91 और इंडियावन एयर शामिल हैं. हालांकि, हाल के वर्षों में कुछ कंपनियां परिचालन चुनौतियों के चलते टिक नहीं पाईं.

फ्लाई बिग ने निलंबित की उड़ानें

क्षेत्रीय विमानन कंपनी फ्लाई बिग ने अक्टूबर में नियमित उड़ानों को निलंबित कर दिया था. इससे यह स्पष्ट होता है कि नए और छोटे ऑपरेटर्स के लिए बाजार में टिके रहना आसान नहीं है. ईंधन लागत, लीजिंग खर्च, स्लॉट उपलब्धता और फंडिंग जैसी चुनौतियां लगातार बनी रहती हैं.

इंडिगो और एयर इंडिया का दबदबा

भारतीय घरेलू बाजार में इंडिगो और एयर इंडिया समूह (एयर इंडिया व एयर इंडिया एक्सप्रेस) की संयुक्त हिस्सेदारी 90% से अधिक है. इस प्रभुत्व के बीच नई एयरलाइंस के लिए जगह बनाना चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि नई कंपनियां खास रूट्स, बेहतर सेवाओं और क्षेत्रीय फोकस के जरिए प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएंगी.

क्या कहते हैं राममोहन नायडू

नागर विमानन मंत्री के राममोहन नायडू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया है कि पिछले एक सप्ताह में उन्होंने शंख एयर, अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस की टीमों से मुलाकात की. उन्होंने लिखा कि शंख एयर को पहले ही एनओसी मिल चुका है, जबकि अल हिंद एयर और फ्लाईएक्सप्रेस को इस सप्ताह मंजूरी दी गई है. मंत्री ने दोहराया कि मंत्रालय का लक्ष्य अधिक एयरलाइंस को प्रोत्साहित कर बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है.

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‘उड़ान’ योजना से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बल

उन्होंने कहा कि ‘उड़ान’ योजना ने स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाई91 जैसी छोटी एयरलाइंस को क्षेत्रीय संपर्क में अहम भूमिका निभाने का अवसर दिया है. भविष्य में भी इस योजना के तहत नए रूट्स और शहरों को जोड़ने की व्यापक संभावनाएं हैं.

भाषा इनपुट के साथ

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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