11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

AI ने छीन ली 11,000 से अधिक लोगों की नौकरियां, Accenture के कदम से मचा हाहाकार

Accenture Layoffs: एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज की जरूरत बनता जा रहा है. यह लोगों के काम को आसान करने के साथ-साथ जीवन का अहम हिस्सा बन गया है. लिखने-पढ़ने और वीडियो कंटेंट तैयार करने के साथ ही यह कई जटिल कामों को आसान बना दे रहा है. लेकिन, इसका दूसरा भयावह पक्ष यह भी […]

Accenture Layoffs: एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज की जरूरत बनता जा रहा है. यह लोगों के काम को आसान करने के साथ-साथ जीवन का अहम हिस्सा बन गया है. लिखने-पढ़ने और वीडियो कंटेंट तैयार करने के साथ ही यह कई जटिल कामों को आसान बना दे रहा है. लेकिन, इसका दूसरा भयावह पक्ष यह भी है कि इसकी वजह से लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ रहा है. इसका ताजा उदाहरण कन्सल्टिंग और टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एक्सेंचर है. इस टेक कंपनी ने पिछले तीन महीने में पूरी दुनिया में स्थापित कार्यालयों से करीब 11,000 लोगों को नौकरी से बाहर कर दिया है. इस वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है.

एक्सेंचर ने क्यों उठाया ऐसा कदम

अंग्रेजी की वेबसाइट टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, टेक कंपनी एक्सेंचर ने पिछले तीन महीनों में दुनिया भर में 11,000 से अधिक कर्मचारियों को दूसरी नौकरी पर जाने का नोटिस दे दिया है. कंपनी का यह कदम तेजी से बढ़ते एआई के अपनाने और कॉर्पोरेट मांग में गिरावट के बीच आर्थिक पुनर्गठन कार्यक्रम का हिस्सा है. इस पुनर्गठन को करीब 865 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत पर संचालित किया जा रहा है.

क्या कहते हैं कंपनी के सीईओ

एक्सेंचर के सीईओ जूली स्वीट ने स्पष्ट किया है कि कंपनी उन सभी कर्मचारियों को जल्दी से जल्दी निकाल-बाहर करेगी, जिनमें वह आवश्यक कौशल नहीं देखती और जिनका रीस्किलिंग करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि कंपनी अब तेजी से क्लाइंट मांग के अनुरूप अपने वर्कफोर्स को एआई-उन्मुख क्षमताओं वाला बनाना चाहती है.

छंटनी का विस्तार और समय सीमा

अगस्त के अंत तक एक्सेंचर की वैश्विक कर्मचारी संख्या 779,000 थी, जो तीन महीने पहले 791,000 थी. यह छंटनी प्रक्रिया नवंबर 2025 तक जारी रहने की संभावना है. कंपनी को उम्मीद है कि इस पुनर्गठन से वह 1 अरब डॉलर से अधिक की बचत कर सकेगी.

एआई में निवेश और प्रशिक्षण

रिपोर्ट में कहा गया है कि छंटनी के साथ ही कंपनी ने एजेंटिक एआई (एजेंटिक आर्टफिशियल इंटेलिजेंस) में अपने बाकी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम शुरू किया है. यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि कर्मचारी भविष्य की एआई-उन्मुख मांगों के अनुरूप खुद को तैयार कर सकें, जो क्लाइंट ऑपरेशंस में जरूरी होंगे.

वित्तीय प्रदर्शन और आशावाद

इन कटौतियों के बावजूद एक्सेंचर ने जून–अगस्त की तिमाही में 7% की राजस्व वृद्धि दर्ज की है, जो 17.6 अरब डॉलर तक पहुंची. सीईओ जूली स्वीट ने इसे इस प्रकार पेश किया, जो कंपनी की “विशेष क्षमता” दिखाती है कि वह अपने क्लाइंट्स को एआई-आधारित इनोवेशन में मदद कर सकती है.

इसे भी पढ़ें: रतन टाटा की पहली बरसी से पहले होगी धनवर्षा, 6 अक्टूबर को आईपीओ पेश करेगी टाटा कैपिटल

जोखिम खड़ा कर सकती है बड़े पैमाने पर छंटनी

कंपनी की ओर से इतने बड़े पैमाने पर की जा रही छंटनी कर्मचारियों की मनोस्थिति, ब्रांड की छवि और कंपनी की दीर्घकालीन प्रतिभा रणनीति के लिए जोखिम खड़ी कर सकती है. एआई आधारित रणनीति में जाने का उद्देश्य सकारात्मक है, लेकिन इसे संतुलन और मानव संसाधन निवेश के साथ लागू करना जरूरी होगा. साथ ही, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस तरह की कटौती टेक क्षेत्र में अन्य कंपनियों के लिए एक ट्रेंड बन जाएगी.

इसे भी पढ़ें: Bank Holiday: अक्टूबर 2025 में कितने दिन बैंक रहेंगे बंद? जानिए पूरी लिस्ट

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel