नयीदिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि उनकी सरकार के हस्तक्षेप से ऊर्जा के किफायती इस्तेमाल वाले एलइडी बल्ब की दर 350 रुपये प्रति इकाई से घट कर 50 रुपये पर आ गयी है और देश भर में 77 करोड़ एलइडी बल्ब लगा कर सालाना 1.25 लाख करोड़ रुपये की बचत का लक्ष्य रखा गया है. लाल किले की प्राचीर से अपने तीसरे स्वतंत्रता दिवस संबोधन में उन्होंने कहा कि लाइट इमिटिंग डायोड :एलइडी: बल्बों से न केवल बिजली की बचत होती है बल्कि सीओ-2 उत्सर्जन में भी कमी आती है और यह पर्यावरण एवं अर्थव्यवस्था में योगदान देता है.
उन्होंने कहा, ‘‘देश में एलइडी बल्ब की लागत 350 रुपये होती थी. इस कीमत पर एलइडी बल्ब :परंपरागत बल्बों की जगह: कौन खरीदेगा और सरकार इसको लेकर बहुत ज्यादा परेशान नहीं हुई.’ मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन अगर एलइडी बल्ब लोगों के जीवन, पर्यावरण और अर्थव्यवस्था में बदलाव ला सकता है, तो सरकार को इसकी कार्य संस्कृति में बदलाव लाने की भी कोशिश करनी चाहिए. हमने यह किया और सरकार के हस्तक्षेप से एलइडी बल्ब की कीमत 50 रुपये पर आ गयी जो पहले 350 रुपये थी.’ घरों एवं सार्वजनिक लाइटिंग में एलइडी के उपयोग से खपत में 50 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है.
सरकार ने अबतक 13 करोड़ से अधिक एलइडी बल्ब वितरित किये हैं और अगले तीन साल में थोक आर्डर के जरिये 70 करोड़ से अधिक बल्ब वितरित करने का उसका लक्ष्य है.
घरेलू कुशल लाइटिंग कार्यक्रम :डीइएलपी: के तहत सरकार प्रतिस्पर्धी बोली के जरिये एलइडी बल्ब खरीदती है और प्रतिस्पर्धी दर पर उसे ग्राहकों को उपलब्ध कराती है. इससे एलइडी बल्बों की लागत में कमी आयी है.
देश में 13 करोड़ एलइडी वितरित किये जाने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर सरकार सरकारी खजाने से 300 रुपये की सब्सिडी जैसे लोकलुभावन रास्ता आपनाती तो लोग उसकी सराहना करते. उन्होंने कहा लेकिन सरकार के हस्तक्षेप से न केवल ऊर्जा लागत के रूप में हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है बल्कि एलइडी बल्ब की कीमत कम होने से भी बचत हुई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर घरों में 77 करोड परंपरागत बल्बों की जगह एलइडी बल्ब लगा दिये जाएं तो इससे सालाना 1.25 लाख करोड़ रुपये मूल्य की 20,000 मेगावाट :25 अरब यूनिट: की बचत हो सकती है. उन्होंने लाेगों से एलइडी बल्ब अपनाने तथा बिजली बिल में 250 से 500 रुपये की बचत करने की अपील की.
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