नयी दिल्ली : सोमवार को खुदरा मूल्यवृद्धि के बढ़े आंकड़े आने के बाद मंगलवार को थोक मूल्य के भी बढ़े आंकड़े आने के बाद सरकार चौकन्नी हो गयी है. खाद्य मुद्रास्फीति से चिंतित वित्तमंत्री अरुण जेटली बुधवार को यानी आज इसकी समीक्षा करने जा रही है. थोक मूल्य मुद्रास्फीति मई में बढ़ कर 0.79 प्रतिशत पर पहुंच गयी है. मई माह के दौरान खाद्य एवं सब्जियों के मूल्यस्तर एक साल पहले की तुलना में क्रमश: 7.88 और करीब 13 प्रतिशत ऊंचे रहे. थोक मुद्रास्फीति लंबे समय तक शून्य से नीचे रहने के बाद दो माह से शून्य से ऊपर चल रही है. अप्रैल में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति 0.34 प्रतिशत और मार्च में यह शून्य से 0.45 प्रतिशत नीचे थी.
पिछले साल मई में थोक मूल्य मुद्रास्फीति शून्य से 2.20 प्रतिशत नीचे थी. सरकार की ओर से जारी मई के थोक मूल्य सूचकांकों के मुताबिक आलोच्य माह में खाद्य मुद्रास्फीति मई में 7.88 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में यह 4.23 प्रतिशत थी. सब्जियों की मंहगाई दर 12.94 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने दर्ज 2.21 प्रतिशत के मुकाबले तेज बढोतरी दर्शाती है. दाल दलहन की मंहगाई दर 35.56 प्रतिशत पर इससे पिछले माह के स्तर पर कायम रही.
अंडा, मांस और मछली की मुद्रास्फीति 9.75 प्रतिशत रही जबकि फलों में मूल्यवृद्धि दर 3.80 प्रतिशत रही. हालांकि, प्याज की कीमत में मई में गिरावट बरकरार रही और इसके भाव एक साल पहले की तुलना में 21.70 प्रतिशत नीचे रहे. विनिर्माण उत्पादों की मुद्रास्फीति भी मई में बढकर 0.91 प्रतिशत रही जो अप्रैल में 0.71 प्रतिशत थी. थोक मूल्य सूचकांक आधारित खाद्य मुद्रास्फीति में बढोतरी खुदरा मुद्रास्फीति के रझान के अनुरूप है. खुदरा मुद्रास्फीति मई में 21 महीने के उच्चतम स्तर 5.76 प्रतिशत पर रही. ऐसा मुख्य तौर पर खाद्य उत्पादों की बढोतरी कीमत के मद्देनजर हुआ. मुद्रास्फीति में बढोतरी के मद्देनजर रिजर्व बैंक द्वारा आने वाले महीनों में ब्याज दर में कटौती की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है. आरबीआइ ने इस महीने जारी नीतिगत समीक्षा में जनवरी 2017 के लिए खुदरा मुद्रास्फीतिक लक्ष्य पांच प्रतिशत रखा है हालांकि कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के कार्यान्वयन और कच्चे तेल में तेजी के मद्देनजर इसमें बढोतरी की संभावना है.
खाद्य मूल्यों की स्थिति की समीक्षा करेंगे जेटली
खाद्य मुद्रास्फीति से चिंतित वित्त मंत्री अरुण जेटली बुधवार यानी आज स्थिति की समीक्षा करेंगे और दालों सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर अंकुश के उपायों पर विचार-विमर्श करेंगे. दालों के खुदरा दाम अभी भी 170 रुपये किलो के ऊंचे स्तर पर बने हुए हैं. हालांकि, सरकार नए बनाए गए बफर स्टॉक तथा आयात के जरिये आपूर्ति बढाने का प्रयास कर रही है. टमाटर के दाम भी दोगुना होकर 80 रुपये किलो पर पहुंच गए हैं. आलू की कीमतों में भी तेजी देखने को मिल रही है. थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार सब्जियों की मुद्रास्फीति बढ़ कर 12.94 प्रतिशत पर पहुंच गयी है जो एक महीने पहले 2.21 प्रतिशत पर थी. सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्री ने संबंधित मंत्रियों और सचिवों की बैठक बुलाई है जिसमें दालों और टमाटर जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर विचार-विमर्श किया जाएगा. इस बैठक में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह तथा वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल होंगी.
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