हमने मुश्किलों और चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया : अरुण जेटली
नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है और वैश्विक स्तर पर विकास दर 2014 के 3.4 प्रतिशत से गिरकर 2015 में 3.1 प्रतिशत आ गयी है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक ‘देदिप्यमान प्रकाशस्तम्भ’ का नाम दिया है. जेटली ने लोकसभा में 2016-17 का बजट पेश करते हुए यह बताया. वित्त मंत्री ने पिछली सरकार पर कटाक्ष करते कहा कि विरासत में मिली खराब अर्थव्यवस्था को नयी सरकार ने पटरी पर लाने का काम किया है जिसे वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है. इस बात को उन्होंने एक कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से पेश किया :
‘कश्ती चलाने वालों ने जब हार के दी पतवार हमें,
लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मझधार हमें.
फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको,
इन हालात में आता है, दरियाकरनापार हमें’
अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा, ‘मैं यह बजट ऐसे समय में प्रस्तुत कर रहा हूं जब वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है. वैश्विक स्तर पर विकास 2014 के 3.4 प्रतिशत से कम होता हुआ 2015 में 3.1 प्रतिशत के स्तर पर आ गया है. वित्तीय बाजारों पर आघात हुए हैं और वैश्विक व्यापार कम हो गया. विश्व स्तर पर इन प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपना आधार मजबूत बनाये रखा है. हमारी अंतर्निहित ताकत और इस सरकार की नीतियों की मेहरबानी ने भारत को लेकर अपार विश्वास और आशा कायम है.’
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा लोकसभा में आज पेश 2016-17 के बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
– व्यक्तिगत आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं.
– देश में कालाधन रखने वालों के लिए कर-कानून अनुपालन के लिए चार माह का अवसर. उन पर लगेगा 45 प्रतिशत का कर और ब्याज.
– 5 लाख रुपये से कम की आय वाले आयकरदाताओं को राहत.
– धारा 87 एक के तहत छूट की सीमा 2,000 रुपये से बढाकर 5,000 रुपये की गयी.
– आवास किराये पर कटौती की सीमा 20,000 रुपये से बढकर 60,000 रुपये हुई.
– पुराने कर मामलों पर एकबारगी विवाद निपटान योजना. जुर्माना, ब्याज नहीं लगेगा.
– राजस्व सचिव की अगुवाई वाली उच्चस्तरीय समिति पिछली तारीख से कर कानून का इस्तेमाल कर सामने आने वाली नयी देनदारियों को देखेगी.
– नयी विनिर्माण इकाइयों के लिए कारपोरेट कर की दर 25 प्रतिशत तय की गयी.
– कोयला, लिग्नाइट और पीट पर स्वच्छ ऊर्जा उपकर 200 रुपये से बढाकर 400 रुपये प्रति टन किया गया.
– पहला घर खरीदने वालों को 35 लाख रुपये तक के ऋण पर 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती मिलेगी.
– घर की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.
– 2017-18 तक राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य.
– 2015-16 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 3.9 प्रतिशत. 2016-17 में यह 3.5 प्रतिशत होगा.
– 2015-16 में राजस्व घाटा 2.8 प्रतिशत.
– 2015-16 में चालू खाते का घाटा 14.4 अरब डालर या जीडीपी के 1.4 प्रतिशत पर.
– विदेशी मुद्रा भंडार 350 अरब डालर के अपने उच्चस्तर पर.
– बजट में न बदलाव वाले स्तंभों रेखांकित किया गया. इनमें 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना, बुनियादी ढांचा, निवेश और सुधार शामिल.
– मनरेगा के लिए अभी तक का सर्वाधिक 38,500 करोड रुपये का आवंटन
– डायलिसिस के कुछ उपकरणों पर मूल सीमा शुल्क, उत्पाद सीवीडी की छूट.
– सरकार एक माडल शाप्स और एस्टाब्लिशमेंट विधेयक जारी करेगी. छोटी खुदरा दुकानें सातों दिन खुलेंगी.
– 1 मई, 2018 तक 100 प्रतिशत ग्रामीण विद्युतीकरण.
– सरकार नयी कर्मचारियों के लिए पहले तीन साल का 8.33 प्रतिशत का ईपीएफ योगदान देगी.
– स्टार्ट अप्स को तीन सल तक 100 प्रतिशत कर छूट. लेकिन मैट की छूट नहीं. मैट अप्रैल 2016-2019 तक लेगा.
– आधार कार्यक्रम को सांविधिक दर्जा.
– बुनियादी ढांचा परिव्यय 2.21 लाख करोड रपये.
– किसान कल्याण के लिए 35,984 करोड रुपये. पांच साल में सिंचाई पर 86,500 करोड रुपये खर्च किये जाएंगे.
– नाबार्ड के तहत 20,000 करोड रुपये का सिंचाई कोष बनाया जाएगा.
– गरीबों को एलपीजी कनेक्शन के लिए 2,000 करोड रुपये. महिलाओं के लिए एमपीजी कनेक्शन की योजना.
– स्टैंड अप इंडिया के लिए 500 करोड रुपये का आवंटन.
– सडकों और राजमार्गों के लिए 55,000 करोड रुपये का आवंटन. कर मुक्त बांड जारी कर सकता है एनएचएआई.
– गैर सूचीबद्ध कंपनियों के लिए दीर्घावधि का पूंजीगत लाभ तीन से घटाकर दो साल करने का प्रस्ताव.
– स्वच्छ भारत अभियान के लिए 9,000 करोड रुपये का आवंटन. 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का लक्ष्य. 50,000 किलोमीटर के राज्य राजमार्गों का उन्नयन.
– गहरे समुद्र और अन्य इस्तेमाल नहीं हुए गहरे स्रोतों से गैस उत्पादन पर प्रोत्साहन.
– एनएचएआई, इरेडा और नाबार्ड जैसी एजेंसियां 31,300 करोड रुपये के बुनियादी ढांचा बांड जारी करेंगी.
– बीमा, पेंशन, शेयर बाजार, संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों में एफडीआई नियमें में और ढील.
– घरेलू स्तर पर बने खाद्य उत्पादों के कारोबार में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति.
– सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन:पूंजीकरण के लिए 25,000 करोड रुपये.
– विनिवेश विभाग का नया नाम निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग.
– रणनीतिक बिक्री के लिए सीपीएसई की पहचान करेगा नीति आयोग.
– सरकारी बैंकों की मजबूती के लिए रुपरेखा को डिजाइन किया जाएगा.
– आईडीबीआई में सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे लाने पर विचार.
– प्रत्येक परिवार को एक लाख रुपये की स्वास्थ्य बीमा योजना की सुविधा.
– नयी योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को 30,000 रुपये का अतिरिक्त कवर.
– बैंक-बीमा कंपनियों के दिवालियापन के लिए विशेषीकृत निपटान व्यवस्था उपलब्ध कराने को वृहद संहिता.
– कंपनियों का पंजीकरण एक दिन में करने के लिए कंपनी कानून में संशोधन.
– गार 1 अप्रैल, 2017 से लागू किया जाएगा.
– गैर कानूनी जमा योजनाओं से निपटने के लिए कानून.
– प्रभावी प्रबंधन के स्थान नियमों को एक साल के लिए टाला गया.
– एनपीएस के मामले में सेवानिवृत्ति के समय 40 प्रतिशत कोष निकाले पर कर छूट.
– सार्वजनिक-निजी-भागीदारी में नयी जान फूंकने के लिए कदम उठाए जाएंगे.
– सार्वजनिक सेवाएं (विवाद निपटान) विधेयक पेश होगा. पीपीपी रियायती करार पर नये सिरे से वार्ता के लिए दिशानिर्देश.
– बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए नयी क्रेडिट रेटिंग प्रणाली.
– ब्याज दर निर्धारण वाली मौद्रिक नीति समिति 2016 में
– एक जून, 2016 से सभी कर योग्य सेवाओं पर आधा प्रतिशत का ‘कृषि कल्याण उपकर.’
– छोटी पेट्रोल, एलपीजी और सीएनजी कारों पर एक प्रतिशत का बुनियादी ढांचा उपकर. कुछ निश्चित क्षमता की डीजल कारों पर 2.5 प्रतिशत तथा ऊंचे इंजन क्षमता वाले वाहनों, एसयूवी पर 4 प्रतिशत का उपकर.
– बीडी को छोडकर अन्य तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क की दर 10 से बढाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव.
– सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी में मदद करेगा रिजर्व बैंक.
– सेबी नया डेरिवेटिव उत्पाद विकसित करेगा.
– सरकारी साधारण बीमा कंपनियां शेयर बाजारों पर सूचीबद्ध होंगी.
– स्वायत्त निकायों की समीक्षा और उन्हें तर्कसंगत बनाया जाएगा.
– प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आवंटित राशि बढाकर 1.80 लाख करोड रुपये की गयी.
– डाकघरों में एटीएम, माइक्रो एटीएम बढाएगी सरकार.
– साधारण बीमा योजना के तहत निर्मया योजना में सेवा कर की छूट.
– चुनिंदा जिलों में पायलट आधार पर उर्वरक सब्सिडी के हस्तांतरण के लिए डीबीटी का इस्तेमाल.
– योजना, गैर योजना भेद को समाप्त किया जाएगा. एक समिति करेगी एफआरबीएम की समीक्षा.
– एकल प्रीमियम एन्यूटी पालिसी पर सेवा कर की दर 3.5 से घटाकर 1.4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव.
– निवासी द्वारा भारत में विकसित और पंजीकृत पेटेंटों के वैश्विक स्तर पर इस्तेमाल से आय पर 10 प्रतिशत का कर.
– एनबीएफसी को डूबते कर्ज और संदिग्ध ऋण के मामले में अपनी आय पर 5 प्रतिशत की कटौती.
– रेफ्रिजेरेटेड कंटेनरों पर मूल सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत किया गया. इस पर उत्पाद शुल्क की दर घटाकर 6 प्रतिशत की गयी.
– चार महानगरों में 30 वर्ग मीटर के फ्लैटों की आवासीय परियोजना पर मुनाफे में 100 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव. अन्य शहरों में यह 60 वर्गमीटर के फ्लैटों के लिए. इन परियोजनाओं को जून, 2016 से मार्च, 2019 तक मंजूर किया गया हो और ये तीन साल में पूर्ण हो जाएं. मैट लागू होगा.
– कृषि ऋण का लक्ष्य 9 लाख करोड रुपये के अपने सबसे ऊंचे स्तर पर.
– बी आर अंबेडकर की जयंती पर राष्ट्र को एकीकृत कृषि बाजार ई-प्लेटफार्म समर्पित किया जाएगा.
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