13.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

ईमानदार करदाता नहीं डरें, काला धन रखने वालों के लिए बना है नया कानून : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : कालेधन की अर्थव्यवस्था को समुचित तरीके से खत्म करने का निर्देश देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि देश में समानांतर अर्थव्यवस्था को सही तरीके से कुचलने के लिए कर अधिकारी कार्रवाई करें. साथ ही वित्त मंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि विदेश में जमा कालेधन को […]

नयी दिल्ली : कालेधन की अर्थव्यवस्था को समुचित तरीके से खत्म करने का निर्देश देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि देश में समानांतर अर्थव्यवस्था को सही तरीके से कुचलने के लिए कर अधिकारी कार्रवाई करें. साथ ही वित्त मंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि विदेश में जमा कालेधन को वापस लाने से जुड़े नये कानून के किसी ईमानदार करदाता को डरने की कोई जरूरत नहीं है.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के शीर्ष अधिकारियों के सम्मेलन को आज यहां संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि समानांतर अर्थव्यवस्था को कुचलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि यह काम कटु तरीके से करने के बजाय बहुत उचित तरीके से करना है. जेटली ने कहा कि शीर्ष अधिकारी होने के नाते आप को यह काम करते समय अपनी ईमानदारी के सर्वश्रेष्ठ स्तर को बरकरार रखना है. विदेश में जमा कालेधन को वापस लाने से जुड़े नये कानून के संबंध में जेटली ने कहा कि किसी ईमानदार करदाता को इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है. इसके निशाने पर सिर्फ वे हैं जिन्होंने विदेश में काला धन जमा किया है या जो कानून के अनुपालन की अनिवार्यता की उपेक्षा करना चाहते हैं.

वित्त मंत्री ने कर अधिकारियों से कहा, हर नेक मंशा वाला सलाहकार आपसे कहेगा कि कर का आधार बढ़ना चाहिए. काला धन खत्म किया जाना चाहिए और साथ ही यदि आप ऐसा करने के लिए कदम उठाते हैं तो आप उन सख्त कार्रवाई पर तंज भी सुनने होते हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने काले धन की समस्या से निपटने के लिए कई पहल की हैं. इनमें संसद द्वारा काला धन कानून पारित करना और घरेलू गैरकानूनी संपत्ति से निपटने के लिए बेनामी सौदा (निषेध) अधिनियम का पेश किया जाना शामिल है.

जेटली ने कहा कि कर संग्रह बढ़ने पर सरकार सामाजिक एवं बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं पर खर्च बढ़ाने और व्यक्तिगत करदाताओं को राहत प्रदान करने की स्थिति में होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14-15 प्रतिशत बढ़ सकता है और राजकोषीय घाटा 3.9 प्रतिशत के बजट अनुमान से भी नीचे रखा जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि वह राजकोषीय घाटे को लक्ष्य से और कम करने की बजाय सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं पर व्यय बढ़ाने को तरजीह देगी.

वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य राजकोषीय घाटे के आंकड़ों को बेहतर करना नहीं है बल्कि हम व्यय बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि ज्यादा खर्च करने से वृद्धि तेज होती है. उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि राजस्व संग्रह के बड़े हिस्से का निवेश बुनियादी ढांचा, सिंचाई और सामाजिक क्षेत्रों में किया जाए ताकि अर्थव्यवस्था को ज्यादा फायदा पहुंचाया जा सके. काले धन के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि कई कदमों की घोषणा की गयी है और सरकार भविष्य में और पहल करेगी ताकि गैरकानूनी संपत्ति के प्रसार को कुचला जा सके.

उन्होंने कहा कि काले धन के प्रसार को दबाने के लिए कुछ कदमों की घोषणा की जा चुकी है और कुछ की घोषणा भविष्य में की जा सकती है. उन्होंने कहा कि यदि कर का आधार बढ़ता है, कर संग्रह बढ़ता है और जिन्हें कर अदा करना है उन्हें भुगतान के लिए मजबूर किया जाता है तो सरकार की ईमानदार करदाताओं को रियायत देने की क्षमता भी बढ़ती है.

जेटली ने कहा कि कराधान में कोई अस्पष्ट क्षेत्र नहीं है. उन्होंने कहा कि या तो कर भुगतान किया जाना है या नहीं किया जाना है. यदि यह भुगतान योग्य नहीं है तो इसकी वसूली की कोई कोशिश न होनी चाहिए लेकिन यदि कर बनता है तो सरकार के लिए उसकी वसूली किए जाने के अलावा उस पर किसी और कारण से पुनर्विचार की कोई गुंजाइश नहीं बनती है. नीति बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए ताकि किसी को तंग नहीं किया जएगा लेकिन इससे बच निकलने की कोशिश करने वाले सफल नहीं होने चाहिए. उन्होंने कहा कि यहां बहुत काम है और नीतियों के दायरे में हम अपना काम करते रहेंगे.

जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर लागू करने की योजना और कंपनी कर की दर को धीरे धीरे चार साल में 30 से घटा कर 25 प्रतिशत करने के निर्णय का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने कर सुधारों के मोर्चे पर कई कदम उठाए हैं. जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा, बहुत सा काम किया जा चुका है और अभी बहुत सा काम बाकी है. इसको पूरा करने के लिए कुछ ही महीने बाकी हैं.

अप्रत्यक्ष कर के संबंध में जेटली ने कहा कि जीएसटी आगे बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है. बहुत सा काम किया जा चुका है और बहुत कुछ करना बाकी है और हमारे पास काम पूरा करने के लिए कुछ ही महीने बचे हैं. राज्य सभा ने जीएसटी विधेयक को एक प्रवर समिति के पास भेजा है जो अगले सत्र की शुरुआत में सदन को अपनी रपट भेज सकती है. सरकार एक अप्रैल 2016 से जीएसटी लागू करना चाहती है.

प्रत्यक्ष कर के संबंध में जेटली ने कहा कि हमारी कोशिश है अगले चार साल में कंपनी कर की दर घटाकर वैश्विक स्तर पर ला दी जाए और जहां तक संभव हो सके कर छूटों को खत्म किया जाए. उन्होंने कहा कि एक वर्ग को कुछ रियायत देने की जरूरत है ताकि हम उन्हें अधिक खर्च के लिए प्रेरित कर सके. उन्होंने कहा कि इसकी कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा, हम लोगों को यह भी जानना चाहिए कि जब हम कराधार के विस्तार की बात करते हैं तो उसकी कुछ अंतर्निहित सीमाएं होती हैं.

जेटली ने कहा कि यदि 55-60 प्रतिशत भारतीय कृषि पर निर्भर है तो ये इसका मलतब है कि इतने परिवार कर के दायरे से बाहर हैं. हमने कई पहलें की हैं. हर सलाहकार आपको कहेगा कि कर का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए. मंत्री ने कहा कि मुझेलगता है कि सीबीडीटी कई क्षेत्रों को आसान बनाने पर भी काम कर रही है, जिनमें फार्म भी शामिल है और यह करदाताओं के लिए बहुत फायदे का होगा.

इससे पहले राजस्व सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष करों से 7.98 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. यह निश्चित तौर से प्राप्त किए जाने योग्य है और बहुत व्यावहारिक लक्ष्य है. विदेश में काला धन रखने वालों से जुड़ी एचएसबीसी की सूची के संबंध में उन्होंने कहा कि इनमें जिन मामलों में आकलन 31 मार्च 2015 तक पूरे कर लिए जाने थे उन्हें पूरा कर लिया गया है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel