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वित्त मंत्रालय ने तैयार किया गोल्ड मोनिटाइजेशन का ड्राफ्ट, अब घर में रखे सोने से होगी कमाई

इंटरनेट डेस्क हिंदुस्तान ही नहीं दुनिया भर में सोने को लेकर बडा आकर्षण है. नि:संदेह अपने यहां यह थोडा ज्यादा है. लोग अपनी गाढी कमाई से सोना खरीदते हैं और उसे घर में रखते हैं. कुछ लोग स्वाभाविक आकर्षण में तो कुछ निवेश व सोेने का बुरे वक्त का साथी मान कर ऐसा करते हैं. […]

इंटरनेट डेस्क
हिंदुस्तान ही नहीं दुनिया भर में सोने को लेकर बडा आकर्षण है. नि:संदेह अपने यहां यह थोडा ज्यादा है. लोग अपनी गाढी कमाई से सोना खरीदते हैं और उसे घर में रखते हैं. कुछ लोग स्वाभाविक आकर्षण में तो कुछ निवेश व सोेने का बुरे वक्त का साथी मान कर ऐसा करते हैं. लेकिन, नरेंद्र मोदी सरकार ने घर पर रखे इसे सोने को हमारे व आपके लिए और अधिक उपयोगी बनाने के लिए एक व्यापक पहल की है. वित्त मंत्रालय ने गोल्ड मोनिटाइजेशन का ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसको खुले संवाद के लिए सरकार ने अपनी वेबसाइट माइ गोव डॉट इन पर रख दिया है. इस पर हर भारतीय नागरिक दो जून तक शाम पांच बजे तक अपनी राय दे सकता है. आइए जानें इस नयी स्कीम के क्या हैं फायदे.
सरकान ने अपने बजट भाषण में इस साल इसकी घोषणा की थी. अंगरेजी के शब्द मोनिटाइजेशन का हिंंदी अर्थ होता है मुद्रीकरण. यानी सोने का मुद्रा में रूपांतरण, जो आपको हित लाभ देगा. भारत सरकार ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि भारत 800 से 1000 टन सोना हर साल आयात करता है. भारत में 20 हजार टन स्वर्ण भंडार है, जिसका न कोई वाणिज्यिक उपयोग हो पाता है और न ही इसका मुद्रीकरण हो पाता है. सरकार की नयी स्कीम से इसका दोनों प्रकार का लाभ होगा.
जानिए इस स्कीम की 10 अहम बातें, जिससे आप घर पर रखे सोने से कर सकेंगे कमाई :
1. गोल्ड मोनिटाइजेशन स्कीम अब आमलोगों की कमाई का जरिया बनेगी. सरकार की इस कवायद का उद्देश्य है कि अनुपयोगी पडी इस संपदा का उपयोग करना. इसके माध्यम से सरकार आम लोगों के घरों में पडे सोने को वित्तीय प्रणाली में लाना चाहती है.
2. इस स्कीम के तहत कम से 30 ग्राम सोने के मुद्रीकरण की आप शुरुआत कर सकते हैं.
3. सरकार ने इस योजना के तहत मिलने वाले ब्याज पर कर नहीं लेगी. इस स्कीम से जुड कर आप वेल्थ टैक्स, कैपिटल गेंस टैक्स से भी बच सकेंगे.
4. सरकार घर में पडे सोने के उपयोग की प्रणाली शुरू सोने के आयात पर निर्भरता कम करना चाहती है. फिलहाल देश का बहुत ज्यादा पैसा इसमें खर्च होता है.
5. यह स्कीम आम आदमी के अलावा, मंदिर, ट्रस्ट, ज्वेलरी वालों व बैंकों के लिए फायदेमंद होगी, क्योंकि इन सबों के पास सामान्यत: काफी सोना होता है.
6. सरकार इसके लिए देश में 350 हॉलमार्किंग सेंटर खोलेगी, जिसमें आपके सोने की जांच होगी और यह पता लगाया जायेगा कि वह कितना खरा सोना है और उसी आधार पर उसका मूल्यांकन होगा. हालांकि आरंभिक चरण में ऐसा चुनिंदा शहरों में ही होगा. इस सेंटरों से ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड का सर्टिफिकेट दिया जायेगा. सोने की जांच का शुल्क लिया जायेगा.
7. कस्मर सेंटर के आकलन से संतुष्ट होने के बाद बैंक में उसे जमा करने के लिए केवाइसी फॉर्म भरेगा और उसे पिघलाए जाने की इजाजत देगा. इसमें कुछ ही वक्त लगेगा. अगर व्यक्ति इस स्कीम से हटना चाहेगा, तो उसके लिए भी आसान प्रक्रिया बनायी जायेगी.
8. इस स्कीम से जुडने के लिए आपको ज्वेलरी को पिघलाया जाना आवश्यक होगा, पिघलाने की अवस्था में ही इसका मूल्यांकन होगा. ज्वेलरी में लगे पत्थरों का मूल्यांकन किया जायेगा.
9. आपके बैंक में जमा सोने का ब्याज भी सोने के रूप में ही दिया जायेगा और यह 30 से 60 दिनों में शुरू होगा. बैंक भी अपने सीआरआर व एसएलआर का हिस्सा सोने के रूप में रख सकेंगे.
10. ग्राहक को यह आजादी होगी कि व सोने या कैश के रूप में अपने गोल्ड डिपॉजिट को वापस ले. हालांकि ग्राहक को इसके लिए आरंभ में ही बताना होगा. पर, इसका ब्याज बैंक ही तय करेंगे. विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए बैंक सोना बेच सकेंगे और बैंक गोल्ड लोन भी दे सकेंगे.

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