बीजिंग : यूरोपीय संघ के एक व्यापारिक संगठन ने मंगलवार को कहा कि विदेशी कंपनियां वायरस प्रभावित चीन में काम फिर से शुरू करने के लिए कड़ा संघर्ष कर रही हैं. उन्हें आपूर्ति शृंखला में बाधा, बढ़ता हुआ माल भंडार और बीमारी को रोकने के लिए बनाये गये नियमों का सामना करना पड़ रहा है. चीन में यूरोपीय यूनियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष जॉर्ज वुटके ने कहा कि दुनिया भर में कई दवा कंपनियां चीन से माल मंगाती हैं. ऐसे में, यदि महामारी का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो एंटीबॉयोटिक्स और अन्य दवाओं की कमी हो सकती है.
चीन में जनवरी के अंत में त्योहारी मौसम के बाद बेहद धीमी रफ्तार से काम शुरू हुआ है, क्योंकि वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए लोगों को घर में ही रहने के लिए कहा गया है. वुटके ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को दोबारा पटरी पर लाना कठिन साबित हो रहा है और यह कब तक चलने वाला है, इसका कोई अंदाज नहीं है.
चीन का वुहान प्रांत अमेरिका, यूरोप और जापानी कार निर्माताओं और इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्तिकर्ताओं का बड़ा केंद्र है और इसी प्रांत में इस महामारी का सबसे अधिक प्रकोप है. ऐसे में, कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.