नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को भारतीय कंपनियों से कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार और पूर्वोत्तर क्षेत्र में खर्च करने की अपील की. कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रही सीतारमण ने पिछले साल सीएसआर गतिविधियों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये खर्च किये जाने की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह दूर-दराज के क्षेत्रों में विकास के लिए काफी प्रासंगिक है.
पहले राष्ट्रीय सीएसआर पुरस्कार वितरण के लिए राजधनी में आयोजित समारोह में वित्त मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्यों में सीएसआर के क्षेत्र में काफी काम देखने को मिलते हैं. वहीं, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, झारखंड और बिहार जैसे राज्यों को भी सीएसआर के जरिये समर्थन की जरूरत है. इस मामले में पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी आठ राज्यों को मत भूलिये.
उन्होंने कहा कि संपत्ति सृजित करने वालों को केवल संपत्ति सृजित करने के लिए सम्मानित नहीं किया जा रहा, बल्कि समाज को सीएसआर के नाम पर वापस दिये जाने के लिए सम्मानित किया जा रहा है. सीएसआर के तहत लाभ का एक निश्चित हिस्सा समाज को देना है और इसको लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. कंपनी कानून, 2013 के तहत कुछ लाभ कमाने वाली कंपनियों को अपने तीन साल के औसत शुद्ध लाभ का कम-से-कम 2 फीसदी कंपनी सामाजिक जिम्मेदारी गतिविधियों पर खर्च करने की जरूरत होती है.
इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि सीएसआर के तहत स्वास्थ्य और शिक्षा पर जोर दिया जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने देश भर में पानी की कमी की चुनौती को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र पर भी ध्यान देने की जरूरत है.
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