मुंबई : बीएसई सेंसेक्स में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही. यह 560 अंक लुढ़ककर बंद हुआ. विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) को ट्रस्ट के रूप में काम करते हुए कर में राहत की उम्मीदें धराशायी होने से बाजार में बिकवाली को जोर रहा. बीएसई-30 कंपनियों वाला शेयर सूचकांक सेंसेक्स 560.45 अंक अथवा 1.44 फीसदी टूटकर 38,337.01 अंक पर बंद हुआ.
दिन में कारोबार के दौरान यह 38,271.35 अंक के निचले और 39,058.73 अंक के उच्च स्तर तक गया. इसी तरह, एनएसई निफ्टी 177.65 अंक अथवा 1.53 फीसदी घटकर 11,419.25 अंक पर बंद हुआ. यह कारोबार के दौरान 11,399.30 अंके के निचले और 11,640.35 अंक के उच्च स्तर के बीच रहा. सबसे तेज गिरावट वाहन कंपनियों के शेयर में देखी गयी.
महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, इंडसइंड बैंक, येस बैंक, बजाज ऑटो, कोटक बैंक, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर में 4.36 फीसदी तक की गिरावट रही. वहीं, तिमाही परिणाम जारी होने से पहले रिलायंस का शेयर 1.01 फीसदी टूटकर बंद हुआ. सेंसेक्स में शामिल एनटीपीसी, पावरग्रिड, टीसीएस और ओएनजीसी शेयर का भाव ही बढ़ा. यह बढ़त 2.32 फीसदी तक रही.
संसद में वित्त विधेयक पर बहस के दौरान गुरुवार को निर्मला सीतारमण जवाब दे रही थीं. उन्होंने धनाढ्यों पर प्रस्तावित कर अधिभार बढ़ाने का विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) पर प्रभाव पड़ने की बहस को खारिज कर दिया. सीतारमण ने कहा कि एफपीआई यदि अपना एक कंपनी के तौर पर पंजीकरण कराते हैं, तो उन पर धनाढ्य पर बढ़ाये गये कर अधिभार का असर नहीं होगा.
शेयर बाजार में निवेश करने वाले कई एफपीआई ट्रस्ट के तौर पर पंजीकृत हैं, उन्हें ऊंचे कर अधिभार से बचने के लिए कंपनी के तौर पर पंजीकरण कराना चाहिए. एवीपी इक्विटी रिसर्च, आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स में निवेश सेवाओं के लिए आधार शोध के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि वित्त मंत्री के बयान से बाजार प्रभावित रहा. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने गुरुवार को 1,404.86 करोड़ रुपये की निकासी की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 329.05 करोड़ रुपये के शेयर की खरीदारी की.
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