नयी दिल्ली : सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया में पांच घंटे से अधिक समय तक चेक-इन-सॉफ्टवेयर ठप रहने की वजह से शनिवार को 155 उड़ानों में देरी हो गयी, जिससे उसके हजारों यात्री दुनियाभर में कई हवाई अड्डों पर फंस गये. सरकारी विमानन कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्विनी लोहानी ने कहा कि चेक-इन, सामान और आरक्षण की निगरानी करने वाले उसके यात्री सेवा प्रणाली (पीएसएस) सॉफ्टवेयर ने शनिवार को तड़के साढ़े तीन बजे से सुबह आठ बजकर 45 मिनट तक काम करना बंद कर दिया. इस दौरान एयरलाइन के कर्मचारी उन्हें बोर्डिंग पास जारी नहीं कर पाये, जिससे दुनियाभर में एयर इंडिया के हजारों यात्री हवाई अड्डों पर फंस गये.
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एयरलाइन के सूत्रों के अनुसार, सॉफ्टवेयर (जो अटलांटा स्थित कंपनी एसआईटीए का है) शनिवार तड़के करीब तीन बजे से सुबह नौ बजे तक ठप रहा. नतीजतन, दुनियाभर में प्रमुख हवाईअड्डों पर बोर्डिंग पास जारी नहीं किये जा सके और विभिन्न विमानों की उड़ानों में देरी हुई. लोहानी ने कहा कि एयर इंडिया एसआईटीए कंपनी की यात्री सेवा प्रणाली का इस्तेमाल करती है. एसआईटीए सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी है, जो एयरलाइन को आगमन, बोर्डिंग और सामान ट्रैक करने की प्रौद्योगिकी मुहैया कराती है.
लोहानी ने कहा कि पीएसएस ठप होने के कारण सुबह 10 बजे तक कुल 85 विमानों की उड़ानों में देरी हुई. उन्होंने कहा कि 85 विमानों की उड़ानों में देरी होने के कारण दिन भर उसका असर रहा. उन्होंने कहा कि इस देरी के कारण कुछ उड़ानों को रद्द भी किया गया. बाद में एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि शाम साढ़े आठ बजे तक औसतन दो घंटे के लिए कुल 155 उड़ानों में देरी होगी. एयर इंडिया समूह की हर दिन औसतन 674 उड़ानें होती हैं.
लोहानी ने स्पष्ट किया कि सॉफ्टवेयर बंद होने के कारण ज्यादातर घरेलू उड़ानों पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा. एक या दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देरी होगी. दिल्ली-शंघाई उड़ान में करीब डेढ़ घंटे की देरी है. यूरोप के लिए रवाना हुई उड़ानें नियत समय पर हैं. इससे प्रभावित हुए यात्रियों के बारे में सीएमडी ने कहा कि एयरलाइन सोशल मीडिया और अपने कॉल सेंटर के जरिये उन्हें सूचना देने की हरसंभव कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि चूंकि, संख्या बहुत ज्यादा है, तो ऐसी संभावना है कि हमारे कॉल सेंटर इतने लोगों से न निपट पाएं. उन्होंने कहा कि जो यात्री उड़ान नहीं भर पायेंगे, उन्हें होटल में ठहराया जायेगा या उन्हें एयर इंडिया अथवा अन्य किसी एयरलाइन के अलग विमान से यात्रा करायी जायेगी. लोहानी ने कहा कि एसआईटीए अभी यह देख रही है कि सॉफ्टवेयर ठप होने की क्या वजह रही.
उन्होंने कहा कि वे जांच कर रहे हैं कि यह वायरस की वजह से हुआ या फिर किसी अन्य वजह से. वे अब भी मूल समस्या का पता लगा रहे हैं. एयर इंडिया के अलावा कोई अन्य भारतीय एयरलाइन एसआईटीए का इस्तेमाल नहीं करती. यह पूछे जाने पर कि क्या एसआईटीए इस बाधा के लिए एयरलाइन को हर्जाना देगी? इस पर सीएमडी ने जवाब दिया कि हमें इस पर विचार करना होगा.
हालांकि, इस घटना के बाद पीएसएस सॉफ्टवेयर का संचालन करने वाली कंपनी एसआईटीए ने असुविधा के लिए खेद जताया है. एसआईटीए ने कहा कि उसे तड़के सर्वर की मरम्मत के दौरान कुछ जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके कारण विमानों का संचालन बाधित हुआ. उसने एक बयान में कहा कि हमने सभी हवाई अड्डों पर सेवाओं को पूरी तरह बहाल कर लिया है, जहां एयर इंडिया की सेवाएं बाधित थीं. हमारी प्राथमिकता हमेशा स्थिर प्रणाली सुनिश्चित कराना है, जहां ग्राहक प्रभावी रूप से कारोबार कर पाये और हम इस घटना की वजह पता लगाने और ऐसी घटना को दोबारा होने से रोकने के लिए पूरी जांच-पड़ताल कर रहे हैं.
एयरलाइन ने शनिवार सुबह बोर्डिंग पास जारी नहीं किये, जिससे गुस्साए कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा उतारा. एक यात्री डॉ सोनल सक्सेना ने सुबह सात बजकर 20 मिनट पर ट्वीट किया कि बिल्कुल अराजकता है. तड़के तीन बजे से दिल्ली में एयर इंडिया का सिस्टम काम नहीं कर रहा है. सभी विमान खड़े हैं और उनकी उड़ान में देरी है. कोई आगमन और बोर्डिंग नहीं.
यह पूछे जाने पर कि यात्रियों को उड़ानों में देरी होने के बारे में एसएमएस या सोशल मीडिया के जरिये क्यों नहीं बताया गया? इस पर लोहानी ने कहा कि जब भी कोई अन्य प्रणाली सही तरीके से काम नहीं करती, तो हम यात्रियों से संपर्क करने की सूचना पाने के लिए पीएसएस का इस्तेमाल करते हैं और फिर उनसे संपर्क करते हैं, लेकिन जब हमारे पीएसएस ने ही काम करना बंद कर दिया, तो हमारे पास यात्रियों को सूचित करने के लिए कोई और तरीका नहीं था.
इससे पहले, पिछले साल 23 जून को ऐसी ही घटना हुई थी, जब एयरलाइन के चेक-इन सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी के कारण देशभर में उसके 25 विमानों ने नियत समय से देरी से उड़ान भरी थी.
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