नयी दिल्ली : कर संग्रह में धीमे सुधार के कारण राजकोषीय दबाव बढ़ने से सरकार चालू वित्त वर्ष के संशोधित प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को पाने के लिए अग्रिम कर भुगतान से उम्मीद लगाये बैठी है. चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने 12 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का संशोधित लक्ष्य रखा है. इससे पहले सरकार ने 11.50 लाख करोड़ रुपये के संग्रह का अुनमान रखा था.
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सूत्रों के अनुसार, प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी की भरपाई के लिए प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन संशोधित लक्ष्य को पाना मुश्किल लग रहा है. सूत्रों का कहना है कि अंतरिम बजट में लक्ष्य को 50 हजार करोड़ रुपये बढ़ाये जाने से इसे पाना केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के लिए और मुश्किल हो गया है. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में कितनी कमी रहेगी, इसका सटीक आंकड़ा अग्रिम कर संग्रह के अंतिम आंकड़ों के बाद ही पता चल सकता है.
चालू वित्त वर्ष में जनवरी महीने तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 7.89 लाख करोड़ रुपये रहा है. आयकर अधिनियम के तहत एक साल में 10 हजार रुपये से अधिक की कर देनदारी वाले वेतनभोगी कर्मचारी समेत हर करदाता को अग्रिम कर भुगतान करना होता है. सीबीडीटी के चेयरमैन पीसी मोदी ने कर संग्रह की समीक्षा के लिए अग्रिम कर भुगतान की समयसीमा के शुक्रवार को समाप्त होने से पहले वरिष्ठ कर अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके अलावा, सीबीडीटी ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए कर दाताओं को अग्रिम कर भुगतान करने को कहा है.
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