तोक्यो : जापान में एक अदालत ने बुधवार को निसान मोटर के चेयरमैन कार्लोस घोसन की हिरासत 10 दिन के लिए बढ़ा दी. साथ ही यह भी संभावना है कि कथित वित्तीय गड़बड़ी के इस मामले में कंपनी के खिलाफ भी मुकदमा दायर किया जा सकता है.
निसान-रेनॉ-मित्सुबिशी का गठजोड़ बनाने वाले घोसन की सोमवार को हुई गिरफ्तारी से वैश्विक कार उद्योग और जापान का कारपोरेट जगत सकते में आ गया है. मीडिया रपटों में बुधवार को कहा गया है कि तोक्यो की जिला अदालत ने घोसन की हिरासत को 10 और दिन के लिए बढ़ा दिया है, क्योंकि घोसन के अपने वेतन-भत्तों को कथित तौर पर कम दिखाने के मामले में अभियोजकों ने अपनी जांच तेज कर दी है. घोसन की गिरफ्तारी के 48 घंटे बाद जांचकर्ताओं ने उसकी हिरासत 10 दिन बढ़ाये जाने की मांग की. उन्हें उत्तरी तोक्यो में एक हिरासत केंद्र में रखा गया है, जहां कोई ऐशो-आराम नहीं है.
अभियोजक अयानो कानेजुका ने एजेंसी को बताया, सैद्धांतिक तौर पर उन्हें उनके कक्ष में अकेले ही रखा गया है. निसान के लिए भी हालात बद से बदतर हो गये हैं. असाही शिमबन ने अपनी रपट में कहा है कि तोक्यो जिला लोक अभियोजक के कार्यालय का मानना है कि इस मामले में कंपनी को भी जवाब देना चाहिए कि उसने पांच साल तक अपने चेयरमैन के वेतन-भत्तों को कम करके क्यों दिखाया. इस खबर पर अभियोजक कार्यालय और कंपनी दोनों ने टिप्पणी करने से मना कर दिया.
फ्रांसीसी और जापानी अधिकारी कंपनी में निवेशकों के विश्वास को बनाये रखने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि घोसन की गिरफ्तारी के बाद निसान-रेनो-मित्सुबिशी के शेयर गिरे हैं. निसान का निदेशक मंडल बृहस्पतिवार को घोसन को चेयरमैन पद से हटाने पर निर्णय करेगा. हालांकि, फ्रांस की वाहन निर्माता कंपनी रेनॉ ने कार्लोस घोसन को अपना मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाये रखने का निर्णय किया है. यद्यपि उसने मंगलवार को घोषणा की कि कंपनी में दूसरे नंबर के व्यक्ति थिएरी बोल्लोर फिलहाल घोसन का काम संभालेंगे. बोल्लोर कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी हैं.
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