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देश के लिए ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली बीएसएल कंपनी ने वेतन समझौते की बात पर कर्मचारियों को दिया सस्पेंसन, जानें पूरा मामला

देश में ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच कोरोना संक्रमण के मरीजों की टूटती सासों को लौटाने में बीएसएल सहित सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. बीएसएल, भिलाई सहित सेल के अन्य प्लांटों से देश के कई हिस्सों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति सड़क मार्ग और ऑक्सीजन एक्सप्रेस से की जा रही है. ऐसे में बीएसएल सहित सेल कर्मी यथाशीघ्र वेतन समझौता करने की मांग कर रहे है.

Jharkhand News, Bokaro News बोकारो : देश के लिए आक्सीजन और अपने कर्मचारियों के लिए सस्पेंसन… वाह रे सेल मैनेजमेंट ! 01 जनवरी 2017 से लंबित वेतन समझौता को लेकर बीएसएल सहित सेल कर्मी आक्रोशित हैं. कर्मी सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इजहार कुछ इसी तरह कर रहे है. कर्मियों का कहना है : हम बचा रहे है टूटती सांस, अब तो पूरी कर दो आस.

देश में ऑक्सीजन को लेकर मचे हाहाकार के बीच कोरोना संक्रमण के मरीजों की टूटती सासों को लौटाने में बीएसएल सहित सेल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. बीएसएल, भिलाई सहित सेल के अन्य प्लांटों से देश के कई हिस्सों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन की लगातार आपूर्ति सड़क मार्ग और ऑक्सीजन एक्सप्रेस से की जा रही है. ऐसे में बीएसएल सहित सेल कर्मी यथाशीघ्र वेतन समझौता करने की मांग कर रहे है.

वेतन समझौता की मांग को लेकर भिलाई और बोकारो स्टील प्लांट के कर्मी टूल्सडाउन भी कर चुके है. इसको लेकर प्रबंधन ने भिलाई में 13 व बोकारो में 1 मजदूर को निलंबित कर दिया है. प्रबंधन की इस कार्यवाही से बीएसएल, भिलाई सहित सेल की अन्य इकाइयों के कर्मियों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है. उधर यूनियन ने भी इसका विरोध किया है. वेज रिवीजन सहित कर्मियों के निलंबन के विरोध में यूनियनों ने 3 और 6 मई को हड़ताल की घोसना कर रखी है.

कर्मियों का कहना है कि सेल प्रबंधन और इस्पात मंत्रालय जिन कर्मचारियों की मेहनत और कर्तव्यनिष्ठा से पूरे देश में आक्सीजन सप्लाई करके वाहवाही लूट रहा है, वही सेल प्रबधन और इस्पात मंत्रालय अपने कर्मचारियों के कोरोना से सुरक्षा और कोरोना से मृत्यु पर किसी भी तरह का मुआवजा भी नहीं दे रहा है. 54 माह से वेज रिवीजन और सभी प्रकार की सुविधाओं से वंचित कर्मचारियों द्वारा आवाज उठाने पर उनके खिलाफ सस्पेंशन और एफआईआर जैसा कार्य प्रबंधन और मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है.

इस्पात मजदूर मुकम्मल हड़ताल कर जवाब देंगे : रामाश्रय

एटक से संबद्ध बोकारो इस्पात कामगार यूनियन ने बोकारो स्टील प्रबंधन से सीआरएम-3 के कर्मी रितेश कुमार-ओसीटी का निलंबन तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए इस्पात मजदूरों का वेतन पुनरीक्षण पर समझौता नहीं करने पर 06 मई को हड़ताल करने की चेतावनी प्रबंधन को दिया है.

यूनियन के महासचिव रामाश्रय प्रसाद सिंह ने बुधवार को बोकारो स्टील प्रबंधन और सेल के शीर्ष अधिकारियों से निलंबित ओसीटी रितेश का निलंबन तत्काल वापस लेने और 06 मई के पूर्व वेतन पुनरीक्षण पर सम्मानजनक समझौता करने की मांग की. प्रबंधन को चेतावनी दिया है कि अगर यह कार्य नहीं किए गए तो 06 मई को इस्पात मजदूर मुकम्मल हड़ताल कर इसका जवाब देंगे और आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल की ओर जाने के लिए विवश होंगे.

ऑक्सीजन उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को करते हुए 06 मई को हड़ताल

यह सही है कि पूरे देश में कोरोना महामारी का प्रकोप है. ऑक्सीजन की कमी है. इसके लिए सेल के प्लांटों, खासकर बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन और इस्पात कर्मी अपनी पूरी क्षमता से लिक्विड ऑक्सीजन बनाकर आपदा में रिकॉर्ड कायम भेज रहे हैं. एटक सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्ना कंपनी सेल और इसके कर्मचारियों के इस योगदान से गौरवान्वित है और इस पहलकदमी का अभिनंदन करता है.

लेकिन, चार वर्षों से अधिक समय से लंबित वेतन पुनरीक्षण भी जरूरी है. इस्पात मजदूर ऑक्सीजन उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को करते हुए 06 मई को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर किए जा रहे हैं. प्रबंधन की हठधर्मिता के कारण स्थिति गंभीर हो रही है. प्रबंधन को मजदूरों के आक्रोश का सम्मान करते हुए सक्रिय रूप से

समझौता पर पहुंचने का प्रयास करना चाहिए. सम्मानजनक समझौता की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. आंदोलन को दबाने या किसी भी कर्मचारी को दमन करने से समस्या सुलझने के बदले और अधिक उलझेगा.

सीटू ने सेल चेयरमेन को चार्जशीट सस्पेंशन के खिलाफ ज्ञापन दिया

इस्पात मजदूर मोर्चा (सीटू) ने गुरुवार को बीएसएल प्रशासनिक भवन में जाकर चार्चशीट सस्पेंशन के खिलाफ डायरेक्टर इंचार्ज के माध्यम से सेल चेयरमेन को ज्ञापन दिया. महामंत्री बीडी प्रसाद ने कहा : कोविद का तेजी से प्रसार होने के कारण आज भिलाई स्टील प्लांट और बोकारो स्टील प्लांट काफी बुरी तरह से प्रभावित हैं. इसके वावजूद उत्पादन को जारी रखते हुए अपनी वाजिव मांगो के लिए मजदूर स्वत:स्फूर्त ढंग से आन्दोलित हैं. अपनी मांगो के लिए आन्दोलित होना मजदूरों का वैधानिक हक है.

भिलाई में 150 से ज्यादा मजदूर जान गंवा चुके हैं
श्री प्रसाद ने कहा :

दुख की बात है कि मजदूरों की मांगो को दरकिनार कर प्रबंधन मजदूरों पर दमनात्मक कारवाई कर रही है. मजदूरों को आन्दोलित होने का मूख्य वजह उनका वेतन समझौता को प्रबन्धन द्वारा 52 महिने से लटका कर रखना और मनमानी करना रहा है. प्रबंधन की लापरवाही से कोविद के कारण भिलाई में 150 से ज्यादा मजदूर जान गंवा चुके हैं. बोकारो में भी स्थिति नियंत्रण से बाहर हो रही है. बड़ी संख्या में बीएसएल के मजदूर और उनके परिवार कोविद से पीड़ित है. बीजीएच में उनका ईलाज भी नहीं हो पा रहा है.

भिलाई के सीईओ को भी भेजा गया ज्ञापन

वेज रीविजन के लिए प्रब़धन की नाकारात्मक सोंच और मनमानी, मजदुरों के खिलाफ कारवाई को लेकर मजदूरों में आक्रोश रोज बढता जा रहा है. 06 मई की हड़ताल को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने का मन मजदूर बना चुके हैं.

इस अवसर पर डायरेक्टर ईंचार्ज के माध्यम से सेल चेयरमैन को पत्र भेजकर सम्मानजनक वेतन समझौता कराने और सस्पेंशन आर्डर, चार्जशीट. शो-कॉज नोटीश वापस लेने की मांग की गयी. एक कॉपी भिलाई के सीईओ को भी भेजा गया.

वेज रीविजन देरी के खिलाफ आंदोलन पर करवाई गलत

इधर, जेजेएमएस के महासचिव बीके चौधरी, सीएसडब्लू महासचिव देवदीप सिंह दिवाकर, जेएमएस के महासचिव साधु शरण गोप ने कहा : वेज रीविजन में देरी होने से मजदूरों का आर्थिक घाटा हो रहा. इसके बावजूद प्रबन्धन सिर्फ वार्ता के नाम पर डेट देती है. इससे मजदूरों में आक्रोश होना स्वाभाविक है. टूल डाउन भी स्फूर्त आक्रोश का नतीजा है. इस हालात के लिए प्रबन्धन कम जिमेवार नही है. 52 महीना बाद भी वेज सेटल नही होता है तो मजदूर आखिर करें क्या. टूल डाउन आंदोलन पर मजदूरों पर हुई करवाई को प्रबन्धन वापस ले.

Posted By : Sameer Oraon

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