Bihar Election 2025: राजनीति में ना कोई दोस्त होता है ना दुश्मन. बिहार चुनाव में तेज प्रताप की साली को लालू ने टिकट देकर नया समीकरण बना दिया है. एक तरफ पारिवारिक कलह की वजह से तेज प्रताप को राजद से बाहर निकाल दिया गया है. दूसरी तरफ ऐश्वर्या की बहन करिश्मा को परसा विधानसभा से RJD ने टिकट देकर बिहार की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह फैसला केवल राजनीतिक नहीं बल्कि लालू परिवार के भीतर रिश्तों की कड़वाहट को कम करने की कोशिश भी है.
लालू परिवार की राजनीतिक मेल-मिलाप की शुरुआत
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को करिश्मा राय का टिकट जारी किया. दिलचस्प बात यह है कि परसा सीट पर पहले चंद्रिका राय का परिवार लंबे समय से एक्टिव रहा है. चंद्रिका राय तेज प्रताप यादव के ससुर हैं और 2020 के चुनाव में इस सीट से जदयू के टिकट पर लड़े थे. अब उनके परिवार की ही भतीजी करिश्मा राय को RJD से टिकट देकर लालू यादव ने स्पष्ट संदेश दिया है कि पार्टी पुराने मतभेदों को पीछे छोड़कर परिवार और संगठन को एकजुट करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
कौन हैं डॉ. करिश्मा राय?
करिश्मा राय पेशे से डेंटिस्ट हैं और बिहार की राजनीति में नया चेहरा मानी जा रही हैं. वे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की पोती हैं और तेज प्रताप यादव की पत्नी ऐश्वर्या राय की चचेरी बहन हैं. 2018 में तेज प्रताप और ऐश्वर्या की शादी ने पूरे बिहार की सियासत में हलचल मचा दी थी, लेकिन बाद में यह रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया. उस दौरान दोनों परिवारों के बीच गहरी नाराजगी सामने आई थी. अब, करिश्मा राय का टिकट उसी दरार को भरने की दिशा में एक प्रतीकात्मक कदम माना जा रहा है.
इलेक्शन कमीशन में अधिकारी हैं करिश्मा के पति
करिश्मा राय के पति विजय सिंह यादव सीजीएसटी कमिश्नर और निर्वाचन आयोग के नोडल अधिकारी हैं. इस वजह से उनका प्रशासनिक नेटवर्क भी मजबूत माना जाता है. वहीं, करिश्मा को हाल ही में तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद में शामिल कराया गया था. पार्टी के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि करिश्मा की उम्मीदवारी से राजद को सारण जिले में महिला और युवा मतदाताओं के बीच नया चेहरा देने का मौका मिलेगा.
टिकट मिलने के बाद करिश्मा की पहली प्रतिक्रिया
टिकट मिलने के बाद करिश्मा राय ने सोशल मीडिया पर इमोशनल पोस्ट किया. उन्होंने लिखा- “मैं राजनीति में किसी पद या लाभ के लिए नहीं, बल्कि जनता की सेवा और तेजस्वी के नेतृत्व में काम करने आई हूं. लालू परिवार मेरे लिए परिवार से बढ़कर है, और उनके आदर्श मेरे लिए प्रेरणा हैं.”
तेज प्रताप का अलग रास्ता, फिर भी परिवार पर असर
ध्यान देने वाली बात यह है कि लालू प्रसाद यादव ने कुछ महीने पहले ही तेज प्रताप यादव को पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया है. वजह है तेज प्रताप की निजी जिंदगी से जुड़ा विवाद और सोशल मीडिया पर उनके बयान. तेज प्रताप ने ‘जनशक्ति जनता दल (JJD)’ नाम से नई पार्टी बना ली और महुआ सीट से खुद को उम्मीदवार घोषित कर दिया. लालू परिवार और तेजस्वी यादव का यह कदम संकेत देता है कि वे परिवार की इज्जत और एकता को फिर से जोड़ने की कोशिश में हैं.

