Rohini Acharya Viral Tweet: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की करारी हार के ठीक एक दिन बाद शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से संबंध समाप्त करने का सनसनीखेज ऐलान कर दिया है. रोहिणी का यह बयान न केवल RJD की हार के बाद उठ रहे सवालों को और तेज करता है, बल्कि लालू परिवार के भीतर लंबे समय से चल रही अनबन को भी सार्वजनिक रूप से उजागर करता है.
आखिर रोहिणी आचार्या ने क्या कह दिया ?
उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव के करीबी और RJD सांसद संजय यादव पर भी सीधा हमला करते हुए कहा, “मैं राजनीति छोड़ रही हूं और परिवार से संबंध खत्म कर रही हूं. यह वही है जो संजय यादव और रमीज चाहते थे. मैं सारी जिम्मेदारी ले रही हूं.” रोहिणी के इस बयान के बाद RJD खेमे में भूचाल आ गया है.
तेज प्रताप यादव की पहले ही हो चुकी है विदाई
रोहिणी के परिवार छोड़ने के निर्णय ने उस दरार को और बड़ा कर दिया है, जो पहले ही उनके भाई तेज प्रताप यादव को लेकर बन चुकी थी. तेज प्रताप को इस साल की शुरुआत में निजी विवादों और सोशल मीडिया पोस्ट के कारण पार्टी और परिवार दोनों से बेदखल कर दिया गया था. तेज प्रताप यादव ने एक फेसबुक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने अपने ‘रिलेशनशिप’ के बारे में बताया था. उनका ये पोस्ट परिवार के भीतर गंभीर मतभेद पैदा कर दिया थे. यह विवाद उनके पुराने वैवाहिक मामले और अइश्वर्या राय के साथ चल रहे तलाक केस की चर्चा को भी फिर से सामने ले आया था.
ना पार्टी में रहे ना ही परिवार में, हाथ से चली गई सीट
पार्टी के निकाले जाने के बाद तेज प्रताप ने अपनी नई पार्टी, जनशक्ति जनता दल (JJD) का गठन किया और महुआ सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा. LJP (रामविलास) के उम्मीदवार संजय कुमार सिंह ने 87,641 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि तेज प्रताप तीसरे स्थान पर रहे.
RJD का प्रदर्शन निराशाजनक
रोहिणी के फैसले के पीछे RJD की चुनावी हार भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है. बिहार की 243 सीटों में से RJD केवल 25 सीटों पर सिमट गई, जबकि वह 140 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ी थी. महागठबंधन के अन्य दल भी बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रहे. महागठबंधन में RJD के साथ CPI(ML) को दो, IIP को एक और CPI(M) को एक सीट मिली. वहीं AIMIM ने पांच और BSP ने एक सीट पर जीत दर्ज की.
NDA की प्रचंड जीत
उधर, NDA एक बार फिर बिहार में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी. BJP ने 89 और JDU ने 85 सीटें जीतकर गठबंधन को मजबूत आधार दिया. LJP (रामविलास) को 19, हम (सेक्युलर) को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिलीं. कुल मिलाकर NDA ने 202 सीटों पर कब्जा जमाते हुए तीन-चौथाई बहुमत हासिल किया. यह दूसरी बार है जब NDA 200 के आंकड़े को पार करने में सफल रही है.
Also read: रोहिणी आचार्या के X पोस्ट में दो नामों का जिक्र, एक के पिता यूपी के जेल में, जानें कौन है दूसरा
आगे क्या ?
RJD की हार, आंतरिक कलह और अब रोहिणी आचार्या का इस्तीफा इन सबने पार्टी के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. लालू परिवार के भीतर बढ़ती खाई और चुनावी रणनीति पर उठ रहे सवालों के बीच RJD के लिए खुद को फिर से संगठित करना बड़ी चुनौती साबित होने वाला है.

