Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है. उससे पहले NDA ने सीट बंटवारे और उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की कवायद तेज कर दी है. रविवार को बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने पटना में जदयू नेता व केंद्रीय मंत्री ललन सिंह से मुलाकात की. इसके बाद वे केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के आवास पहुंचे, जहां उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े भी उनके साथ थे. धर्मेंद्र प्रधान ने 28 सितंबर को सीएम नीतीश से भी मुलाकात की थी.
तीनों नेताओं और मांझी के बीच यह बैठक बंद कमरे में हुई, जिसे NDA में सीट शेयरिंग की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, प्रधान जल्द ही उपेंद्र कुशवाहा से भी मुलाकात करेंगे ताकि एनडीए के भीतर सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय हो सके.
2 दिन चली बीजेपी की समीक्षा बैठकें
ललन सिंह से मुलाकात से पहले धर्मेंद्र प्रधान ने दो दिनों तक बीजेपी की अंदरूनी चुनावी बैठकों में हिस्सा लिया, जहां उम्मीदवारों और मौजूदा विधायकों के प्रदर्शन पर गहन मंथन किया गया. जानकारी के अनुसार, पार्टी ने इस बार स्पष्ट कर दिया है कि टिकट उन्हीं नेताओं को मिलेगा जिनकी जनता के बीच पकड़ मजबूत है और जिनकी जीत की संभावना पक्की है. जिन विधायकों की ग्राउंड पर स्थिति कमजोर है या जिन पर एंटी-इनकंबेंसी का असर दिखाई दे रहा है, उनके टिकट कटने की संभावना बढ़ गई है.
सिटिंग विधायकों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार
शनिवार देर रात भाजपा कार्यालय में हुई राज्य कार्यसमिति की महत्वपूर्ण बैठक में धर्मेंद्र प्रधान ने खुद समीक्षा प्रक्रिया की निगरानी की. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, सांसद रविशंकर प्रसाद और संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ त्रिपाठी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे.
सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में करीब 60 सिटिंग सीटों पर रिपोर्ट तैयार की गई, जबकि बची हुई सीटों पर चर्चा आज पूरी होगी. प्रत्येक सीट पर उम्मीदवारों का फीडबैक, संगठन की रिपोर्ट और जनता का रुझान देखकर तीन नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व को भेजा जाएगा.
एनडीए में जल्द तय होगा फॉर्मूला
बीजेपी की रणनीति के अनुसार, सीट शेयरिंग पर बातचीत के बाद एनडीए की साझा बैठक बुलाई जाएगी. इसमें जदयू, हम और आरएलएम जैसे सहयोगी दलों के बीच अंतिम फार्मूले पर मुहर लगाई जाएगी.
सूत्रों का कहना है कि धर्मेंद्र प्रधान का दौरा केवल समीक्षा नहीं बल्कि गठबंधन के समन्वय की बड़ी कवायद है.

