Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को बड़ा झटका लगा है. सारण जिले में 139 पदाधिकारियों और नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा देकर संगठन में भूचाल ला दिया. इस्तीफे की वजह जमुई से सांसद और बिहार प्रभारी अरुण भारती पर अवैध वसूली और तानाशाही रवैये के आरोप बताए गए हैं. नाराज नेताओं का कहना है कि खगड़िया सांसद राजेश वर्मा भी इसी तरह का व्यवहार कर रहे हैं.
किन-किन नेताओं ने छोड़ा साथ
इस्तीफा देने वालों में पूर्व जिला अध्यक्ष और वर्तमान प्रदेश सचिव दीपक कुमार सिंह, 39 मंडल समिति सदस्य, 16 प्रखंड अध्यक्ष, 30 महिला समिति सदस्य और 40 नगर निकाय समिति सदस्य शामिल हैं. दीपक कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि संकल्प यात्रा के नाम पर सारण से जबरन वसूली की गई और विरोध करने वालों को अपमानित किया गया. उन्होंने यह भी कहा कि चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती पार्टी को एक कंपनी की तरह चला रहे हैं.
एनडीए में बने रहेंगे लेकिन लोजपा-आर से दूरी
सारण के नाराज नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दोनों सांसदों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दीपक कुमार सिंह ने साफ किया कि लोजपा-आर से इस्तीफा देने के बावजूद वे एनडीए गठबंधन में बने रहेंगे और सभी नेता मिलकर आगे की रणनीति तय करेंगे.
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खगड़िया में भी हो चुकी है बगावत
यह पहला मौका नहीं है जब लोजपा (रामविलास) में इतनी बड़ी तादाद में नेता नाराज हुए हों. पिछले महीने खगड़िया में भी 38 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा दिया था. इनमें पूर्व जिलाध्यक्ष शिवराज यादव, प्रदेश महासचिव रतन पासवान और युवा जिलाध्यक्ष सुजीत पासवान शामिल थे. वहां भी सांसद राजेश वर्मा के कामकाज से असंतोष मुख्य कारण था.
चुनावी तैयारी पर असर तय
नेताओं के लगातार पार्टी छोड़ने से पार्टी की चुनावी तैयारियों पर असर पड़ेगा. सारण और खगड़िया जैसे जिलों में संगठन कमजोर होने से एनडीए की सीटों के समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं. अब सभी की नजर इस पर है कि चिराग पासवान इस असंतोष को दूर करने और नेताओं को मनाने के लिए क्या कदम उठाते हैं.
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