Bihar Election 2025: बिहार की सियासत में एक और बड़ा फेरबदल होने जा रहा है. मोकामा के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद सूरजभान सिंह अपने परिवार के साथ शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में शामिल हो सकते हैं. उनके साथ पत्नी और पूर्व सांसद वीणा देवी तथा भाई और पूर्व सांसद चंदन सिंह भी राजद की सदस्यता ले सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव खुद सूरजभान परिवार को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे.
सूरजभान सिंह के राजद में आने से मोकामा सीट पर नई सियासी हलचल शुरू हो गई है. यह सीट लंबे समय से बाहुबली अनंत सिंह के प्रभाव में रही है. चर्चा है कि सूरजभान सिंह का परिवार आने वाले विधानसभा चुनाव में मोकामा सीट से अनंत सिंह के खिलाफ मैदान में उतर सकता है.
सूरजभान सिंह जेल में रहते हुए मोकामा से चुने गए थे विधायक
राजनीति में बाहुबल और प्रभाव दोनों के लिए मशहूर सूरजभान सिंह साल 2000 में जेल में रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मोकामा से विधायक चुने गए थे. उन्होंने तब अनंत सिंह के भाई और राजद सरकार में मंत्री दिलीप सिंह को बड़े अंतर से हराया था. उसके बाद वह रामविलास पासवान के करीबी बन गए और लोजपा की राजनीति के सबसे ताकतवर चेहरों में शुमार हो गए.
2014 में पत्नी वीणा देवी मुंगेर से बनीं सांसद
साल 2004 में सूरजभान सिंह ने बेगूसराय की बलिया लोकसभा सीट से लोजपा के टिकट पर जीत हासिल की. सजायाफ्ता होने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से किनारा किया, लेकिन परिवार को राजनीति में बनाए रखा. 2014 में उनकी पत्नी वीणा देवी मुंगेर से सांसद बनीं, जबकि 2019 में उनके भाई चंदन सिंह ने नवादा लोकसभा सीट से जीत दर्ज की.
रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद पारस गुट में बने रहे
सूरजभान परिवार में तीन-तीन पूर्व सांसद होने के बावजूद, रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद जब लोजपा में विभाजन हुआ, तो उन्होंने चिराग पासवान का साथ नहीं दिया और पारस गुट में बने रहे. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने पारस को किनारे लगा दिया, तो सूरजभान परिवार की राजनीतिक जमीन डगमगाने लगी.
राजद में शामिल होने से क्या होगा फायदा?
ऐसे में सूरजभान के सामने दो रास्ते थे- रालोजपा में रहकर राजनीतिक हाशिए पर चले जाना या तेजस्वी यादव के साथ नई पारी की शुरुआत करना. उन्होंने दूसरा रास्ता चुना. सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी यादव की रणनीति के तहत राजद अब अपने पारंपरिक “माय समीकरण” से आगे बढ़ते हुए “ए टू जेड” सामाजिक गठबंधन बनाने की कोशिश में है, जिसमें सवर्ण और भूमिहार चेहरों को भी प्रतिनिधित्व मिल सके. तेजस्वी यादव को उम्मीद है कि सूरजभान सिंह जैसे भूमिहार नेता के आने से पार्टी को शाहाबाद और मगध क्षेत्र में नए वोट बैंक मिलेंगे. खासकर उन सीटों पर जहां पिछली बार एनडीए को बढ़त मिली थी.

