भारत की अग्रणी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स अब इलेक्ट्रिक वाहन, ईवी (Tata Motors EV) क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए कमर कस चुकी है. कंपनी के यात्री वाहन इलेक्ट्रिक खंड के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने हाल ही में ‘एफटी लाइव एनर्जी ट्रांजिशन समिट इंडिया’ में इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी.
चीनी कंपनियों से मुकाबले के लिए लागत समरूपता पर फोकस
चंद्रा ने बताया कि चीनी ईवी कंपनियों को बड़े पैमाने पर उत्पादन और मजबूत ईवी इकोसिस्टम का लाभ मिलता है, जिससे उनकी लागत काफी कम होती है. टाटा मोटर्स अगले एक से डेढ़ साल में लॉजिस्टिक्स और 15% शुल्क को ध्यान में रखते हुए लागत संरचना को चीनी कंपनियों के बराबर लाने की योजना बना रही है.
आत्मनिर्भरता और स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा
कंपनी अब सेमीकंडक्टर और अन्य महत्वपूर्ण घटकों के स्थानीय उत्पादन पर जोर दे रही है. इससे न केवल लागत में कमी आएगी, बल्कि भारत को ईवी क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम होगा.
सरकारी नीतियों और प्रोत्साहन योजनाओं का सकारात्मक असर
चंद्रा ने यह भी बताया कि भारत सरकार की स्थिर नीतियां, कम जीएसटी दरें और राज्य सरकारों की प्रोत्साहन योजनाएं ईवी बिक्री को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही हैं. अगस्त 2025 में टाटा मोटर्स ने 7,111 इलेक्ट्रिक कारें बेचीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 62% अधिक हैं.
वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धा की तैयारी
हालांकि वर्तमान में लागत प्रतिस्पर्धा में टाटा मोटर्स चीनी कंपनियों से पीछे है, लेकिन कंपनी तेजी से खुद को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रही है. यह रणनीति भारत को ईवी विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है.
EV यूजर्स के लिए खुशखबरी! टाटा की नई पहल से भारत को मिला सबसे बड़ा ईवी चार्जिंग हब
Tesla Model Y: भारत में पहली टेस्ला कार की डिलीवरी, जानिए कौन बना पहला मालिक

