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Insurance Policy: थर्ड पार्टी या कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस, आपकी गाड़ी के लिए कौन है फायदेमंद?

Insurance Policy: भारत में गाड़ी चलाते समय कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) लेना कानूनी रूप से अनिवार्य है. लेकिन कई बार दुविधा रहती है कि थर्ड पार्टी और कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance) में से कौन सी पॉलिसी लेनी चाहिए. आइए, दोनों में अंतर को सरल शब्दों में समझते हैं: कवरेज में […]

Insurance Policy: भारत में गाड़ी चलाते समय कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस (Third Party Insurance) लेना कानूनी रूप से अनिवार्य है. लेकिन कई बार दुविधा रहती है कि थर्ड पार्टी और कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance) में से कौन सी पॉलिसी लेनी चाहिए. आइए, दोनों में अंतर को सरल शब्दों में समझते हैं:

कवरेज में अंतर (Difference in Coverage)

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस: जैसा कि नाम से पता चलता है, यह सिर्फ दुर्घटना में हुए तीसरे पक्ष को हुए नुकसान को कवर करता है. इसमें सामने वाले की गाड़ी या संपत्ति को हुए नुकसान के साथ-साथ उसमें सवार लोगों को लगी चोट या मृत्यु का खर्च भी शामिल है. लेकिन, आपकी खुद की गाड़ी को हुए किसी भी नुकसान की भरपाई इस इंश्योरेंस में नहीं मिलती.

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कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस: यह थर्ड पार्टी वाली सभी चीजों के साथ-सा साथ आपकी गाड़ी को हुए नुकसान को भी कवर करता है. इसमें दुर्घटना के अलावा चोरी, प्राकृतिक आपदाएँ, दंगे, या गाड़ी में खुद-ब-खुद आग लगने जैसी घटनाओं से हुए नुकसान की भरपाई भी मिलती है. आप अपनी जरूरत के हिसाब से इसमें अतिरिक्त कवरेज जैसे इंजन की खराबी या पर्सनल एक्सीडेंट कवर भी ले सकते हैं.

प्रीमियम में अंतर (Difference in Premium)

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस सिर्फ थर्ड पार्टी को कवर करता है, इसलिए इसका प्रीमियम (Premium) काफी कम होता है. वहीं, कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस ज्यादा व्यापक कवरेज देता है, जिस वजह से इसका प्रीमियम भी ज्यादा होता है.

कौन सी पॉलिसी चुनें (Which policy to choose)

अगर आप नई गाड़ी खरीद रहे हैं या आपकी गाड़ी की कीमत ज्यादा है, तो कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस लेना फायदेमंद होता है. यह आपको मानसिक शांति देता है क्योंकि किसी भी तरह के नुकसान में आपको आर्थिक मदद मिलती है. वहीं, अगर आपकी गाड़ी पुरानी है और बजट सीमित है, तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का विकल्प चुन सकते हैं. लेकिन, याद रखें कि इस स्थिति में अपनी गाड़ी को हुए नुकसान का खर्च खुद उठाना पड़ेगा.

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