Flying Car: कभी फिल्मों में दिखने वाली उड़ने वाली कार अब धीरे-धीरे हकीकत बन रही है. दुनियाभर की बड़ी कंपनियां ऐसी गाड़ियां बना रही हैं जो सड़क पर भी चल सकें और आसमान में भी उड़ सकें. The Straight Times, The Sun और People’s Daily की रिपोर्ट्स के अनुसार, कई प्रोजेक्ट्स अब टेस्टिंग के आखिरी चरण में पहुंच चुके हैं. लेकिन सवाल ये है कि ये उड़ने वाली कारें बाजार में कब तक आएंगी और क्या ये सबके लिए सुरक्षित होंगी?
अब तक क्या हुआ विकास?
बीते कुछ सालों में कई कंपनियों ने Flying Car के मॉडल तैयार किये हैं. Alef Aeronautics नाम की कंपनी ने एक ऐसी इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार बनाई है जो सड़क से सीधा आसमान में उड़ान भर सकती है.KleinVision ने भी अपनी AirCar को कई बार टेस्ट किया है, जो कार से कुछ सेकंड में विमान में बदल जाती है. इन वाहनों में VTOL (Vertical Take-Off and Landing) तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिससे यह किसी भी छोटे मैदान या पार्किंग से उड़ान भर सकती हैं.रिपोर्ट्स की मानें, ताे कई मॉडल 2025 के आखिर तक मार्केट में आने की तैयारी में हैं. हालांकि, अभी तक ये सिर्फ हाई अर्निंग क्लास और सरकारी ट्रायल्स तक सीमित हैं.
बाजार में कब तक आएगी Flying Car?
दुनिया की कई कंपनियां जैसे Alef, Klein Vision और XPeng पहले से प्री-ऑर्डर ले रही हैं. अंग्रेजी अखबार ‘द सन’ (The Sun) की रिपोर्ट के अनुसार, इन कारों की शुरुआती कीमत करीब 8 से 10 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹6 से ₹8 करोड़) तक हो सकती है. यानी आम लोगों के लिए ये तकनीक अभी महंगी है. उम्मीद है कि 2026 तक कुछ चुनिंदा देशों में ये कारें दिखने लगेंगी, लेकिन भारत जैसे देशों में इसे आने में 2030 या उसके बाद तक का समय लग सकता है.
रेगुलेशन और सेफ्टी की बड़ी चुनौतियां
1. Air Traffic और Control System
Flying Cars के लिए आकाश में भी ट्रैफिक मैनेजमेंट की जरूरत होगी. सड़क की तरह आसमान में भी लेन और सिग्नल सिस्टम बनाना होगा ताकि हादसे न हों.
2. नियम और लाइसेंस
कार के साथ-साथ उड़ने वाली गाड़ियों के लिए ड्राइविंग + पायलट लाइसेंस दोनों की जरूरत पड़ेगी. सरकारों को इसके लिए नये कानून और ट्रेनिंग सिस्टम बनाने होंगे.
3. Safety Standards
उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी, मौसम में बदलाव, या पक्षियों से टकराव जैसी दिक्कतें सबसे बड़ी सेफ्टी चुनौती हैं.
4. Infrastructure की कमी
शहरों में Landing Pad, चार्जिंग स्टेशन और Maintenance Zone बनाने की जरूरत होगी. बिना इन सबके Flying Car चलाना संभव नहीं.
5. लागत और पहुंच
फिलहाल Flying Car की कीमत इतनी ज्यादा है कि यह सिर्फ अमीरों का खिलौना लगती है. Mass Production शुरू होने के बाद ही कीमतों में गिरावट आ सकती है.
भविष्य का सफर: Traffic से छुटकारा या नयी मुसीबत?
अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो आने वाले 10 सालों में Flying Cars बड़े शहरों के ट्रैफिक को काफी हद तक कम कर सकती हैं. लेकिन इसके साथ ही Air Traffic Jam, Noise Pollution और सुरक्षा जैसे नये मुद्दे भी सामने आ सकते हैं. विशेषज्ञों की मानें, ताे Flying Car इंसान की Mobility को नये स्तर पर ले जाएगी, लेकिन इसके लिए Global Rules और Technology दोनों का मिलकर काम करना जरूरी है.
2020 के दशक में EV, अगला दशक Flying Car का
Flying Car अब कल्पना नहीं रही, यह सच्चाई बनने के बेहद करीब है. The Straight Times की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक दुनिया के कुछ हिस्सों में लोग हवा में सफर करने वाली कारों का इस्तेमाल कर रहे होंगे. हालांकि, सुरक्षा, नियम और लागत जैसी बड़ी चुनौतियां अभी बाकी हैं. लेकिन जिस तरह Electric Vehicles ने तेजी से जगह बनायी, उसी तरह आने वाले दशक में Flying Cars भी हमारे सफर का नया अध्याय लिख सकती हैं.
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