Automatic Vs Manual Car: नई कार खरीदना वाकई रोमांचक होता है. लेकिन एक सवाल अक्सर लोगों को उलझन में डाल देता है. वो है ऑटोमैटिक कार लें या फिर मैनुअल? दोनों के अपने फायदे और नुकसान होते हैं. सही चुनाव इस बात पर निर्भर करता है कि आप कैसे और कहां ड्राइव करते हैं और कार से आपकी उम्मीदें क्या हैं. शहरों में ट्रैफिक बढ़ने और ड्राइविंग आदतें बदलने के साथ-साथ अब ज्यादा लोग ऑटोमैटिक कार की तरफ जा रहे हैं, लेकिन आज भी कई ड्राइवर्स मैनुअल को ही पसंद करते हैं. फैसला लेने से पहले दोनों ऑप्शन को रोजमर्रा के इस्तेमाल के हिसाब से समझना जरूरी है. आइए आपको बताते हैं.
ड्राइव करने में कौन है ज्यादा आसान?
ऑटोमैटिक कार चलाना काफी आसान होता है. इसमें न क्लच दबाना पड़ता है और न ही बार-बार गियर बदलना होता है. इसलिए शहर की ट्रैफिक और लंबे जाम में ऐसी कारें ज्यादा आरामदायक रहती हैं. कम मेहनत में और बिना ज्यादा तनाव के गाड़ी चल जाती है. वहीं मैनुअल कार में हर वक्त क्लच और गियर पर ध्यान देना पड़ता है, खासकर धीमी ट्रैफिक में. नए ड्राइवर्स के लिए यह काम थोड़ा थकाने वाला हो सकता है.
माइलेज में कौन है बेस्ट?
पहले मैनुअल कारें ज्यादा माइलेज देती थीं, लेकिन अब ऑटोमैटिक और मैनुअल के बीच का फर्क काफी कम हो गया है. आजकल की ऑटोमैटिक गियरबॉक्स पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट हो गई हैं और कई मॉडल्स में माइलेज लगभग मैनुअल जितना ही मिल जाता है. फिर भी बजट कारों में सही तरीके से चलाने पर मैनुअल कारें अभी भी थोड़ा बेहतर माइलेज दे देती हैं.
दोनों में सस्ता कौन?
मैनुअल कारें ऑटोमैटिक कारों के मुकाबले सस्ती होती हैं. इन्हें खरीदने की कीमत भी कम होती है और मेंटेनेंस का खर्च भी कम होता है. वहीं ऑटोमैटिक कारें शुरू में महंगी पड़ती हैं और गियरबॉक्स के हिसाब से इनकी रिपेयर भी भारी पड़ सकती है. अगर बजट कम है, तो मैनुअल कार लेना ज्यादा समझदारी भरा फैसला होता है.
ड्राइविंग कम्फर्ट में कौन आगे?
अगर आपको ड्राइविंग का मजा लेना पसंद है, तो मैनुअल कार ज्यादा रोमांचक लगती है. इसमें गियर आपके कंट्रोल में होते हैं, जिससे कार से बेहतर जुड़ाव महसूस होता है. यही वजह है कि आज भी कई ड्राइविंग पसंद करने वाले लोग मैनुअल कार चुनते हैं. वहीं ऑटोमैटिक कार आराम पर ज्यादा फोकस करती है. इसे चलाना स्मूद और आसान होता है, लेकिन ड्राइविंग का मजा थोड़ा कम महसूस होता है.
आपके लिए कौन सा सही?
अगर आप शहर में रोज गाड़ी चलाने वालों में से हैं तो आपके लिए ऑटोमैटिक कार ज्यादा फायदेमंद होगी, क्योंकि इससे ऑफिस आने-जाने का झंझट कम हो जाता है. वहीं अगर आप हाईवे पर चलाने वाले या कभी-कभार ड्राइव करने वालों में से हैं तो फिर आपके लिए मैनुअल कार भी ठीक रहेगी. बुजुर्ग ड्राइवरों और नए सीखने वालों के लिए भी ऑटोमैटिक कार एक अच्छा ऑप्शन है.
यह भी पढ़ें: भारत में गाड़ियों का स्टीयरिंग राइट साइड क्यों होता है? सालों से ड्राइविंग करने वाले भी नहीं जानते इसका जवाब

