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…तो क्या धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर अब नहीं चलेगी ट्रेन

धनबाद: भू-धंसान एवं अग्नि प्रभावित धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर शायद अब ट्रेनों की सीटी नहीं सुनायी देगी. अब इस क्षेत्र के बच्चे छुक-छुक गाड़ी को चलते देख नहीं पायेंगे. इस रेल खंड पर यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद करने की कवायद अंतिम चरण में है. 22 मई को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में होने वाली बैठक […]

धनबाद: भू-धंसान एवं अग्नि प्रभावित धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर शायद अब ट्रेनों की सीटी नहीं सुनायी देगी. अब इस क्षेत्र के बच्चे छुक-छुक गाड़ी को चलते देख नहीं पायेंगे. इस रेल खंड पर यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद करने की कवायद अंतिम चरण में है. 22 मई को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में होने वाली बैठक में औपचारिक मुहर लगने की संभावना है. जिसके बाद डीसी लाइन में कभी भी ट्रेन नहीं चलेगी.
रेलवे बोर्ड ने शुरू किया मंथन: 22 मई को होने वाली बैठक के पहले ही रेलवे बोर्ड में डीसी लाइन पर मैराथन बैठक शुरू हो गयी है. नयी दिल्ली में रेलवे बोर्ड अधिकारियों की बैठक हुई है. धनबाद रेल मंडल से डीसी रूट के बारे में हर जानकारी मांगी गयी. इसमें ट्रेनों की संख्या, स्टेशन, इन स्टेशनों से यात्रा करने वालों की संख्या, रैक लोडिंग प्वाइंट सहित अग्नि प्रभावित रेल खंड शामिल हैं. रेलवे अधिकारियों की मानें तो 22 मई को पीएमओ में होने वाली बैठक में इस रेल लाइन को बंद करने का अादेश जारी हो सकता है. इस रेल लाइन को बंद करने को लेकर अब रेलवे भी अपनी सहमति दे चुकी है.
कई ट्रेनों का परिचालन भी होगा बंद : डीसी रेल लाइन बंद होने से कई ट्रेन के परिचालन को भी रेलवे बंद कर देगी. जबकि इस रूट में 22 जोड़ी एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता है. वहीं रेलवे प्रशासन मौर्य, शताब्दी, पाटलीपुत्रा, शक्तिपुंज, कामख्या एक्सप्रेस सहित अन्य एक दो ट्रेनों का परिचालन गोमो रूट से करेगी.
ट्रेन सेवा से वंचित होंगे लाखों यात्री
धनबाद से चंद्रपुरा के बीच बांसजोड़ा, सिजुआ, कुसुंडा, बसुरिया, कतरासगढ़, सोनारडीह, टुंडू , बुदरा, फुलारीटांड, जमुनिया व दुग्धा स्टेशन हैं. इन स्टेशनों से प्रति दिन हजारों यात्री रेल टिकट लेकर अन्य स्थानों पर सफर करते हैं. रेलवे के आंकड़े के अनुसार प्रति वर्ष लगभग 50 लाख यात्री टिकट लेकर सफर कर रहे हैं. इससे रेलवे को लगभग 10 करोड़ रुपया से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होता है. वहीं इसके बंद होने से रेलवे प्रशासन को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. यात्रियों की संख्या में भी भारी गिरावट आयेगी. इस रूट में कई कोयला रैक लोडिंग प्वाइंट भी है.
अधिकारियों ने किया धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन का निरीक्षण
कतरास/सिजुआ. धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन को डायर्वट किये जाने को लेकर कोल इंडिया व बीसीसीएल की टीम ने साउथ गोविंदपुर व अंगारपथरा साइडिंग का गुरुवार को निरीक्षण किया. टीम ने दोनों जगहों पर लगी आग की स्थिति की जानकारी ली.
टीम ने वर्तमान में आग पर काबू पाने के लिए की जा रही पहल, अंगारपथरा झरिया खास सेक्शन में 30 जनवरी को रेलवे द्वारा ट्रेंच कटिंग पर रोक लगाये जाने आदि की विस्तृत जानकारी ली. अंगारपथरा से धनबाद नौ किमी रेल लाइन क्षेत्र में करीब 200 मिलियन टन कोयला का भंडार है. 22 मई को पीएमओ में रेलवे लाइन डायवर्ट को लेकर उच्चस्तरीय बैठक होगी. बैठक को ले टीम ने रेलवे ट्रैक के किनारे लगी आग का निरीक्षण किया, ताकि पीएमओ को अद्यतन स्थिति से अवगत कराया सके. टीम में कोल इंडिया के डीटी एके शरण, सीएमपीडीआइएल रांची के मानवेंद्र कुमार, बीसीसीएल के जीएम सेफ्टी एके सिंह, गोविंदपुर, कतरास व सिजुआ क्षेत्र के जीएम क्रमश: केसी मिश्र, एके दत्ता, जेपी गुप्ता, गोविंदपुर क्षेत्र के सुरक्षा पदाधिकारी संजय कुमार सिंह, रामबचन सिंह आदि शामिल थे.

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