Pope: ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्मगुरु, पोप फ्रांसिस के 88 साल की उम्र में निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की चर्चा तेज हो गई है. उनका निधन ईस्टर संडे के अगले दिन हुआ, जिससे चर्च में एक नया पोप चुनने का सवाल खड़ा हो गया है. इस समय लुइस एंटोनियो, पिएट्रो पारोलिन, पीटर तुर्कसन, पीटर एर्डो और एंजेला स्कोला जैसे नाम प्रमुख रूप से चर्चा में हैं. हालांकि, एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से किसी भी उम्मीदवार के नाम में महिला का नाम नहीं है. यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या कोई महिला पोप बन सकती है, जिसका उत्तर है, नहीं.
पोप बनने के लिए कैथलिक चर्च में कुछ स्पष्ट नियम हैं. इसके अनुसार, केवल बपतिस्मा प्राप्त पुरुष ही पोप बन सकते हैं. इसके अलावा, पोप बनने के लिए व्यक्ति का अविवाहित होना, साथ ही उसे बिशप, कार्डिनल या प्रीस्ट होना जरूरी है. कैथलिक चर्च के नियमों में महिलाओं को पादरी बनने की अनुमति नहीं है और इसी कारण महिलाओं को पोप बनने का अधिकार भी नहीं दिया जाता है. हालांकि, पोप फ्रांसिस ने महिलाओं को चर्च में वाचक के रूप में सेवा देने की अनुमति दी थी और उनके अनुसार महिलाओं को योग्यतानुसार पवित्र ग्रंथ पढ़ने और यूचरिस्टिक मंत्रियों के रूप में सेवा देने का अधिकार होना चाहिए.
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कैथलिक चर्च का मानना है कि जीसस ने केवल पुरुषों को ही अपने कार्य के लिए चुना था और इसलिए चर्च में पुरुषों को ही पादरी और पोप बनने की अनुमति दी जाती है.
पोप के चुनाव की प्रक्रिया वेटिकन में होती है, जहां 80 साल से कम उम्र के कार्डिनल्स गुप्त मतदान करते हैं. पोप बनने के लिए दो-तिहाई बहुमत प्राप्त करना जरूरी होता है. यदि सहमति नहीं बनती है, तो मतदान जारी रहता है और जब तक निर्णय नहीं होता, तब तक मतपत्रों को जलाया जाता है. जब चिमनी से सफेद धुआं निकलता है, तब माना जाता है कि नया पोप चुन लिया गया है.
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