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जानिए क्या है QUAD जिसमें पीएम मोदी भी करेंगे शिरकत, क्यों चीन खाता है इतना खौफ

सिडनी में अगले महीने क्वाड सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज इसकी मेजबानी करेंगे. क्वाड नेताओं की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी हिस्सा लेंगे. इसके अलावा जापान के पीएम किशिदा फुमियो, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.

QUAD Meeting: अगले महीने ऑस्ट्रेलिया की राजधानी सिडनी में क्वाड देशों की बैठक हो रही है. क्वाड देशों के नेता तीसरी बार मुलाकात करेंगे. व्हाइट हाउस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने कहा कि क्वाड देशों की मुलाकात का मकसद महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और सामरिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर आपसी सहयोग को और गहरा करना है.

पीएम मोदी भी होंगे बैठक में शामिल: व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने बताया कि, सिडनी में अगले महीने यानी 24 मई को क्वाड सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज इसकी मेजबानी करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि क्वाड नेताओं की बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भी हिस्सा लेंगे. इसके अलावा जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बानीज ने पिछले साल पीएम पद की शपथ लेने के कुछ घंटों बाद ही तोक्यो में आयोजित क्वाड सम्मेलन में शिरकत की थी.

कई अहम बातों पर होगी चर्चा:  प्रेस सचिव ज्यां-पियरे ने कहा कि शिखर सम्मेलन में क्वाड नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि वे महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, समुद्री क्षेत्र में जागरूकता और सामरिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र से अन्य संबंधित मुद्दों पर आपसी सहयोग को कैसे और गहरा कर सकते हैं. गौरतलब है कि भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य दखलअंदाजी के खिलाफ एक स्वतंत्र, मुक्त और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की जरूरत पर काफी समय से चर्चा कर रहे हैं.

पूरे क्षेत्र पर चीन करता है दावा: विवादित दक्षिण चीन सागर के करीब पूरे क्षेत्र पर चीन हमेशा से अपना दावा करता है. चीन का ताइवान, फिलीपींस , ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम सहित कई अन्य देशों के साथ सीमा विवाद है. चीन ने दक्षिण चीन सागर में कई कृत्रिम द्वीपों और सैन्य अड्डों का निर्माण भी किया हुआ है. इसी को लेकर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए 2017 में एक नयी रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड की स्थापना की थी.

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क्या है क्वाड: नाम के अनुसार क्वाड एक चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद समूह है. इसका मतलब क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (Quadrilateral Security Dialogue) है. इसके चार सदस्य देश हैं. इन देशों में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नाम शामिल हैं. क्वाड के सभी सदस्य देश समुद्री सुरक्षा और व्यापार के साझा हितों को लेकर एक मंच पर आये हैं. वहीं, चीन हमेशा से क्वाड का विरोध करता आया है. हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की दखलअंदाजी के खिलाफ क्वाड देश खड़े हैं, इस कारण भी चीन इसका विरोध करता रहा है. क्वाड स्थापना की शुरुआत 2004 में ही शुरू हो गई थी, लेकिन ये 2017 में पूरी तरह अस्तित्व में आ पाया.

भाषा इनपुट के साथ

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