Vladimir Putin’s 30-hour visit to India Schedule and Agenda: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज 4 दिसंबर को भारत की यात्रा पर आ रहे हैं. उनकी भारत प्रवास कुल 30 घंटे का रहने वाला है. इस दौरान वे भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर बैठक करेंगे. पुतिन की यह चार साल बाद पहली भारत यात्रा होगी. यह पुतिन की 2022 में यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद पहली भारत यात्रा होगी, इसलिए इसका खास महत्व है. यह दौरा दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों के एक नए चरण की शुरुआत करने वाला माना जा रहा है, जिसमें कई बड़े समझौते, उद्योग जगत के नेताओं से मुलाकात और राज्य भोज शामिल हैं. इस दौरान पुतिन का शेड्यूल कैसा रहेगा, कब और किन लोगों से मिलेंगे, आइये जानते हैं.
पुतिन भारत में कब पहुंचेंगे?
पुतिन 4 दिसंबर की शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे, जहां प्रधानमंत्री मोदी 7 लोक कल्याण मार्ग पर उनके सम्मान में एक निजी रात्रिभोज देंगे. यह यात्रा भारत-रूस के बीच सामरिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने के अवसर पर भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ाने और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित चर्चा होगी. दोनों नेता वैश्विक मुद्दों पर भी बात करेंगे, विशेष रूप से भारत की इस अपील पर कि रूस-यूक्रेन संकट का समाधान कूटनीतिक माध्यमों से खोजा जाए.
5 दिसंबर का पुतिन का कार्यक्रम
5 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम होंगे. सुबह पुतिन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक ट्राई सर्विसेज गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत किया जाएगा. इसके बाद वे राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे. इसके बाद वे करीब 11 बजे हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए मिलेंगे. इस बैठक में रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और रणनीतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौते होने की उम्मीद है. बैठक के बाद दोनों नेता संयुक्त बयान जारी करेंगे.
भारत-रूस बिजनेस फोरम कब शुरू होगा?
5 दिसंबर की दोपहर करीब 4 बजे दोनों नेता भारत-रूस बिजनेस फोरम को संबोधित करेंगे. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन भारत मंडपम जाकर उद्योगपतियों के साथ चर्चा करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार को और बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा. विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, दोनों देश श्रमिक गतिशीलता समझौते को भी अंतिम रूप दे रहे हैं, जिसके तहत कुशल और अर्ध-कुशल भारतीय मजदूर रूस के निर्माण, स्वास्थ्य और आतिथ्य क्षेत्रों में काम कर सकेंगे. इसके अलावा, यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ संभावित मुक्त व्यापार समझौता, नागरिक परमाणु सहयोग, रूसी सेना में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा होगी.
पुतिन राष्ट्रपति मुर्मू से कब मिलेंगे?
शाम करीब 7 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में राज्य भोज देंगी. लगभग 30 घंटे भारत में रहने के बाद पुतिन 5 दिसंबर देर रात रवाना होंगे. पुतिन के शुक्रवार रात लगभग 9:30 बजे रवाना होने की उम्मीद है.
दोनों देशों के बीच एजेंडे में क्या-क्या
इस यात्रा के दौरान रूस टुडे (RT) भी भारत में अपना संचालन शुरू करेगा. इसके लिए 100 सदस्यीय ब्यूरो भारत में रिपोर्टिंग करेगा. पुतिन के शीर्ष सहयोगी यूरी उशाकोव ने कहा कि भारत यात्रा के दौरान एक संयुक्त बयान जारी होने की उम्मीद है और विभिन्न क्षेत्रों में कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिनमें “2030 तक रूसी-भारतीय आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों के विकास कार्यक्रम” भी शामिल है. उशाकोव ने कहा, “यह यात्रा… रूस-भारत संबंधों के व्यापक एजेंडे पर समग्र रूप से चर्चा करने का अवसर प्रदान करती है. नरेंद्र मोदी के साथ मुख्य वार्ताओं के अलावा कार्यक्रम में रूस-इंडिया बिजनेस फोरम में भाग लेना और भारत में RT टीवी चैनल के लॉन्च समारोह में शामिल होना भी शामिल है.”
व्यापार बढ़ाने पर होगा पूरा जोर
उन्होंने आगे कहा कि व्यापार और आर्थिक सहयोग के प्रमुख पहलुओं पर चर्चा होगी. उन्होंने कहा- 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 12% बढ़कर 63.6 बिलियन डॉलर तक पहुंचा. हमारे पास कई बड़े और संभावनाओं से भरे प्रोजेक्ट हैं. औद्योगिक सहयोग, नवीन प्रौद्योगिकियां, परिवहन, शांतिपूर्ण अंतरिक्ष अनुसंधान, खनन, स्वास्थ्य सेवा और श्रमिक प्रवासन कार्यक्रमों के अलावा, दोनों देश राजनीति और सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और वित्त, परिवहन और लॉजिस्टिक्स, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति समेत कई क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत कर रहे हैं.
सैन्य साजो सामान को लेकर भी होगी चर्चा
भारत शिखर बैठक में लंबित सैन्य उपकरणों की डिलीवरी को तेज करने का मुद्दा उठाने की तैयारी में है, विशेषकर उन रक्षा प्रणालियों को लेकर जिनमें यूक्रेन युद्ध के बाद देरी हुई है. प्रमुख चर्चाओं में अतिरिक्त S-400 एयर डिफेंस सिस्टम शामिल होने की उम्मीद है. भारत 2018 में पांच S-400 इकाइयों के लिए 5 अरब डॉलर का अनुबंध कर चुका है, जिनमें से तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं और शेष दो की डिलीवरी अगले वर्ष के मध्य तक होने की संभावना है. प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बैठक के समानांतर भारत और रूस के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और आंद्रे बेलोउसॉव भी महत्वपूर्ण सैन्य हार्डवेयर पर बातचीत करेंगे. वहीं, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने संकेत दिया कि वार्ता में भारत की रूसी Su-57 पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान में रुचि पर भी चर्चा हो सकती है.
अमेरिकी टैरिफ से खड़ी मुश्किल पर हल निकालने की कोशिश
पुतिन की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत-अमेरिका संबंधों में कुछ तनाव देखा जा रहा है. अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 50% तक आयात शुल्क और रूसी तेल खरीद से जुड़ी वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है. ऐसे में दोनों देशों के बीच ऊर्जा सुरक्षा भी वार्ता का अहम हिस्सा होगी, खासकर अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारतीय आयात पर पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए. पेस्कोव ने कहा कि भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद अस्थायी रूप से कम हो सकती है, हालांकि रूस आपूर्ति बनाए रखने की कोशिश कर रहा है.
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