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अमेरिका-पाकिस्तान की दोस्ती ने बढ़ाई भारत की चिंता, शहबाज-ट्रंप मुलाकात और सऊदी समझौता बढ़ा सकते हैं तनाव!

US Pakistan Ties: अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों में बढ़ती नजदीकियां भारत-अमेरिका संबंधों में नया तनाव पैदा कर रही हैं. शहबाज का अमेरिका दौरा और सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौता भारत की रणनीतिक स्थिति पर असर डाल सकते हैं. पूरा विश्लेषण पढ़ें.

US Pakistan Ties: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हाल में बढ़ती नजदीकियों ने भारत-अमेरिका संबंधों में नई गहमागहमी पैदा कर दी है. यह सिर्फ कूटनीतिक खेल नहीं, बल्कि रणनीतिक संतुलन का मामला बन गया है. साउथ एशिया विशेषज्ञ माइकल कुगेलमैन के अनुसार, भारत लंबे समय से जानता रहा है कि अमेरिका और पाकिस्तान दोस्ताना, यहां तक कि सैन्य संबंध रख सकते हैं. लेकिन हालिया तेजी और पाकिस्तान के साथ अमेरिका की नई नजदीकियों ने इसे एक “सेंसिटिव टेंशन पॉइंट” बना दिया है.

US Pakistan Ties: शहबाज का दौरा और मुनिर की ताकत

कुगेलमैन ने शहबाज शरीफ के संभावित अमेरिका दौरे को इस रिश्ते की गति का प्रमुख संकेत माना. उन्होंने कहा, “अगर शहबाज अमेरिका जाकर राष्ट्रपति ट्रंप से मिलते हैं, तो यह दिखाएगा कि यह रिश्ता कितनी तेजी से मजबूत हुआ है. और यह सब पाकिस्तान के आर्मी चीफ असिम मुनिर की भूमिका के बिना संभव नहीं था.”

कुगेलमैन ने जोर देकर कहा कि मुनिर की शक्तिशाली उपस्थिति और अमेरिकी नेताओं के साथ उनकी बैठक ने पाकिस्तान-अमेरिका रिश्तों को नई ऊंचाई दी है. शहबाज का दौरा इस यात्रा का नवीनतम संकेत हो सकता है, लेकिन मुनिर के प्रभाव को देखते हुए आगे की घटनाएं उतनी आश्चर्यजनक नहीं होंगी.

Saudi Defense Pact: सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौता – गेम चेंजर

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने हाल ही में रणनीतिक रक्षा समझौता किया, जो क्षेत्रीय सुरक्षा पर बड़ा असर डाल सकता है. कुगेलमैन के अनुसार, यह समझौता भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पाकिस्तान औपचारिक रूप से मध्य पूर्व की सुरक्षा संरचना में शामिल हो गया है.

कुगेलमैन ने कहा, “सऊदी अरब भारत के साथ मजबूत संबंध रखता है. यह समझौता सऊदी-भारत संबंधों में बाधा नहीं बनेगा. लेकिन पाकिस्तान अब चीन, तुर्की, गल्फ देशों और अमेरिका के साथ मजबूत साझेदारी के साथ-साथ सऊदी अरब के साथ औपचारिक सैन्य गठबंधन में शामिल हो गया है. इससे भारत के लिए नए सुरक्षा और कूटनीतिक चैलेंज पैदा हुए हैं.”

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भारत की मजबूत कूटनीतिक स्थिति

हालांकि, विशेषज्ञ ने भारत की मजबूत कूटनीतिक स्थिति पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “भारत के पास यूरोप, इजराइल, मध्य पूर्व और रूस के साथ मजबूत साझेदारी है, जो इसे इस नए परिदृश्य में संतुलन बनाए रखने में मदद करेगी. मध्य पूर्व भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं के लिए बेहद अहम है, इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.”

MEA का रुख -निगरानी और सुरक्षा

भारत की विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी इस समझौते पर गहरी निगरानी रखने का संकेत दिया. प्रवक्ता रंधीर जैसवाल ने कहा कि भारत इस ‘लंबे समय से चले आ रहे’ सऊदी-पाकिस्तान संबंधों की औपचारिकता को देख रहा है और इसके राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर प्रभाव का अध्ययन करेगा.

MEA ने बयान में कहा, “हम सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक रक्षा समझौते के बारे में रिपोर्ट देख चुके हैं. सरकार इस बात से अवगत थी कि यह कदम लंबे समय से विचाराधीन था. हम इसके निहितार्थों का अध्ययन करेंगे. भारत अपने राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है.”

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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