US Build Massive Military Base Near Gaza Border: अमेरिका गाजा और इजराइल की सीमा के पास एक विशाल सैन्य अड्डा बनाने पर विचार कर रहा है. शोमरिम की रिपोर्ट के मुताबिक, यह अड्डा हजारों अमेरिकी सैनिकों को समायोजित कर सकेगा और भविष्य में अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण प्रयासों में मदद करेगा. यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ी हुई है. गाजा में इजराइल के दो साल के भीषण हमलों के बाद बीते महीने युद्ध रुका, लेकिन तनाव अभी भी कायम है. सीजफायर के बावजूद कई बार हमले हो चुके हैं.
IDF को जानकारी नहीं या बहुत कम जानकारी
इजराइली रक्षा बल (IDF) के सूत्रों ने बताया कि उन्हें इस बड़े अमेरिकी अड्डे के विचार के बारे में या तो कोई जानकारी नहीं थी या बहुत कम जानकारी मिली थी. इसका मतलब यह हो सकता है कि यह योजना अभी शुरुआती स्तर पर है और इसे लागू होने में समय लगेगा. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने IDF को सूचित किए बिना इस बदलाव पर सहमति दी हो, क्योंकि उन्होंने पहले भी संवेदनशील राजनीतिक मामलों में ऐसे कदम उठाए हैं.
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US Build Massive Military Base Near Gaza Border: अमेरिका का नया कोऑर्डिनेशन केंद्र
अक्टूबर के अंत में अमेरिका का नया सिविल-मिलिट्री कोऑर्डिनेशन सेंटर (CMCC) किरयात गैट में काम करना शुरू कर चुका है. इस केंद्र में केवल कुछ सौ अमेरिकी सैनिक और सहयोगी अधिकारी होंगे, इसलिए इसकी भूमिका क्षेत्र में सीधे कार्रवाई करने के बजाय समन्वय तक सीमित है. यूएस सेंटकॉम अधिकारियों ने बताया कि CMCC अंतरराष्ट्रीय, मानवीय और सैन्य चैनलों के बीच समन्वय के लिए बनाया गया है. इसका उद्देश्य सहयोगी देशों के बीच निर्णय लेने की प्रक्रिया को आसान बनाना है.
नेतन्याहू का दौरा और भविष्य की योजना
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने CMCC का दौरा किया और कहा कि हमास को निरस्त्र करना और गाजा को सैन्य रूप से निष्क्रिय करना “पूरा किया जाएगा.” उनके साथ वरिष्ठ IDF अधिकारी भी मौजूद थे. हाल ही में CMCC का जिक्र अमेरिकी और इजराइली उच्चस्तरीय बैठकों में भी हुआ. टेल अवीव में IDF के चीफ ऑफ स्टाफ और अमेरिकी जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के बीच हुई बैठक में गाजा के स्थिरीकरण के अगले कदमों पर चर्चा हुई. अगर यह अमेरिकी अड्डा बनता है, तो यह गाजा और इजराइल की सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय राजनीति और सैन्य संतुलन को भी प्रभावित करेगा. IDF की अनजान स्थिति दर्शाती है कि यह योजना अभी प्रारंभिक स्तर पर है, लेकिन नेतन्याहू की मौन सहमति इसे तेजी से आगे बढ़ा सकती है.
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