Apache Helicopter Delivery India Returned To US: भारतीय सेना के लिए तीन AH-64E Apache Guardian अटैक हेलिकॉप्टर अमेरिका से भारत भेजे जा रहे थे. ये वही आधुनिक अटैक हेलिकॉप्टर हैं जो भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने वाले हैं. हेलिकॉप्टर पूरी तरह तैयार थे और भारतीय सेना के रेगिस्तानी कैमोफ्लाज रंग में पेंट भी किए जा चुके थे. लेकिन डिलीवरी प्रक्रिया में ऐसा मोड़ आया जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी. हेलिकॉप्टरों को लेकर उड़ान भरने वाला कार्गो विमान भारत जाने की बजाय वापस अमेरिका लौट गया.
पहले अमेरिका से ब्रिटेन और फिर ब्रिटेन से अमेरिका लौटना
हेलिकॉप्टरों को एंटोनोव एयरलाइंस द्वारा संचालित An-124 कार्गो विमान (सीरियल नंबर UR-82008) से ले जाया जा रहा था. यह विमान 30 अक्टूबर को जर्मनी के लीपजिग से मेसा गेटवे हवाई अड्डा (फीनिक्स-मेसा हवाई अड्डा), एरिजोना पहुंचा. यह वही जगह है जहां Boeing की फैसिलिटी लोकेशन स्थित है और Apache हेलिकॉप्टर इसी क्षेत्र में तैयार किए जाते हैं. यहां से हेलिकॉप्टर लोड किए गए.
1 नवंबर को An-124 ने अमेरिका से उड़ान भरी और यूनाइटेड किंगडम के ईस्ट मिडलैंड्स हवाई अड्डा पहुंचा. प्लेन स्पॉटर किवास्पॉटर ने इस मूवमेंट को ट्रैक किया. तस्वीरों में कम से कम एक Apache की पहचान IA-7105 के रूप में हुई. ब्रिटेन में विमान लगातार 8 दिनों तक खड़ा रहा. उसके बाद 8 नवंबर को, भारत आने की जगह फिर से मेसा गेटवे हवाई अड्डा (एरिजोना) अमेरिका लौट गया. वापस आने के बाद हेलिकॉप्टर उतार दिए गए और उनके रोटर ब्लेड भी हटा दिए गए.
Antonov An-124 UR-82008 arrived at KIWA this afternoon from Leipzig, Germany, to pick up 3 AH-64E Apaches for the Indian Army. pic.twitter.com/5PNuAYGIcx
— KIWA Spotter (@KiwaSpotter) October 30, 2025
Apache Helicopter Delivery India Returned To US: बोइंग का बयान आया सामने
इस असामान्य वापसी की वजह को लेकर सवाल उठे. द वॉर जोन के अनुसार, इन्होंने बोइंग से संपर्क किया. बोइंग के प्रवक्ता ने कहा कि हम बाहरी कारकों के कारण हुई लॉजिस्टिकल समस्याओं को हल कर रहे हैं ताकि शेष विमान की डिलीवरी पूरी की जा सके. हम यूएस सरकार और भारतीय सेना के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. हालांकि बोइंग ने यह साफ नहीं किया कि समस्या हेलिकॉप्टर में थी, विमान में थी, या कस्टम/कागजी कार्रवाई/डिप्लोमैटिक क्लीयरेंस से जुड़ी थी. संभावनाएं यह हो सकती हैं कि तकनीकी या ऑपरेशनल दिक्कत, कस्टम या दस्तावेजी प्रक्रिया या राजनीतिक/डिप्लोमैटिक कारण. द वॉर जोन ने लिखा है कि इन संभावनाओं में से कोई भी वजह हो सकती है.
भारतीय सेना के लिए Apache क्यों महत्वपूर्ण हैं?
भारतीय सेना ने 6 AH-64E Apache खरीदने की डील 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान साइन की थी. कुल मूल्य 796 डॉलर मिलियन है. पहले तीन Apache जुलाई 2024 में वायु सेना स्टेशन हिंडन पर पहुंच चुके हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि ये हेलिकॉप्टर चुनौतीपूर्ण इलाकों में सेना की क्षमता बढ़ाएंगे. ये हेलिकॉप्टर फिलहाल महाराष्ट्र के नासिक सेना विमानन प्रशिक्षण स्कूल में ट्रेनिंग के लिए उपयोग हो रहे हैं. आने वाले समय में इन्हें जोधपुर के उत्तर में स्थित नागतलाओ आर्मी एविएशन बेस पर तैनात किया जाएगा. भारत ने यूएस से दो अलग-अलग सेवाओं के लिए Apache मंगाए हैं. भारतीय वायुसेना ने पहले ही 22 Apache प्राप्त कर लिए हैं. भारतीय सेना अपने लिए 6 Apache ले रही है.
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