Trump EU India China: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मूड इस बार जरा टेढ़ा है. रूस-यूक्रेन जंग पर उनका प्लान अभी तक क्लिक नहीं किया, तो अब उन्होंने नया पत्ता फेंक दिया है. और इस बार टारगेट कौन है? जी हां, भारत और चीन. ट्रंप ने यूरोपियन यूनियन (EU) को फोन करके कहा कि “भाई, अब मिलकर खेलना पड़ेगा. भारत और चीन पर 100% तक टैरिफ ठोक दो. जब तक ये दोनों रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीदना बंद नहीं करेंगे, तब तक इन पर दबाव डालते रहो. फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि वॉशिंगटन में US और EU अफसरों की मीटिंग चल रही थी. एजेंडा था कि रूस की कमाई कैसे काटी जाए. तभी ट्रंप अचानक फोन पर कूद पड़े और बोले, ‘टैक्स ठोक दो, और धड़ाधड़ ठोकते रहो’.
Trump EU India China: EU की शर्त और अमेरिका की चाल
अमेरिकी अफसरों का कहना है कि “हम तो तैयार हैं, लेकिन तभी जब यूरोप भी साथ देगा.”मतलब साफ है: अकेले अमेरिका लड़ाई में नहीं फंसेगा, पूरा यूरोप साथ होना चाहिए. अभी हाल ये है कि अमेरिका ने भारत से आने वाले माल पर 50% ड्यूटी और चीन पर 30% ड्यूटी लगा दी है. EU भी बोर्ड पर आ गया तो ये टैरिफ सीधा 100% तक पहुंच जाएगा.
मोदी दोस्त भी, टारगेट भी
अब मजेदार हिस्सा सुनिए. ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा कि “मोदी मेरे बेस्ट फ्रेंड हैं. भारत-अमेरिका के बीच जो ट्रेड नेगोसिएशन चल रही है, वो जल्द ही सक्सेसफुल होगी. आने वाले हफ्तों में मैं मोदी से फोन पर बात करूंगा.”
इधर, पीएम मोदी ने भी जवाब दिया. उन्होंने X पर लिखा कि “भारत और अमेरिका अच्छे दोस्त और स्वाभाविक साझेदार हैं. हमारी ट्रेड डील दोनों देशों की साझेदारी की अपार संभावनाओं को खोलेगी. हमारी टीमें तेजी से बातचीत पूरी करने में लगी हैं. मैं भी ट्रंप से बात करने का इंतजार कर रहा हूं. यानी दोस्ती पब्लिक में, लेकिन बैकग्राउंड में टैरिफ की तलवार लटक रही है.
ट्रंप की झुंझलाहट
व्हाइट हाउस के अंदर खबर है कि ट्रंप की टेंशन बढ़ गई है. उन्होंने चुनाव से पहले दावा किया था कि मैं राष्ट्रपति बनते ही रूस-यूक्रेन जंग कुछ घंटों में खत्म कर दूंगा. लेकिन हुआ उल्टा. रूस ने हाल ही में यूक्रेन पर सबसे बड़ा हवाई हमला कर दिया. अब ट्रंप को मजबूरी में कड़े कदम उठाने पड़ रहे हैं. भारत पर तो सेकेंडरी सैंक्शन लग ही चुके हैं. चीन को अब तक बचाकर रखा था, लेकिन अब उसकी बारी भी लगती है.
भारत-चीन-पुतिन का खेल
याद कीजिए, हाल ही में SEO समिट हुआ था. उसमें पीएम मोदी, शी जिनपिंग और पुतिन एक साथ दिखे. फोटो में स्माइल, हाथ मिलाना और दोस्ती की झलक साफ थी. ये तस्वीरें अमेरिका को बहुत चुभीं. ट्रंप को यही लगता है कि भारत-चीन मिलकर रूस के साथ ज्यादा नज़दीकियां बना रहे हैं. और ये जंग की कमाई पुतिन की जेब में जा रही है. तो कहानी ये है कि ट्रंप बाहर से दोस्ती की डोर खींच रहे हैं, और अंदर से टैरिफ का डंडा भी उठा रखा है. सवाल बस इतना है कि मोदी और भारत इसे दोस्ती मानेंगे या दबाव?
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