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अमेरिका ने रची साजिश, पाकिस्तान ने दिया अंजाम! शेख हसीना का बड़ा खुलासा, बोलीं- छात्र आंदोलन नहीं था, बांग्लादेश पर हुआ आतंकी हमला

Sheikh Hasina Blames US Pakistan: महीनों की चुप्पी तोड़ते हुए, शेख हसीना ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि बांग्लादेश में छात्र आंदोलन कोई विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि अमेरिका और पाकिस्तान द्वारा रचा गया एक आतंकवादी हमला था. यूनुस पर भी लगाया गद्दारी का आरोप. जानिए, कैसे सत्ता से निर्वासन तक पहुंचीं बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना.

Sheikh Hasina Blames US Pakistan: कभी बांग्लादेश की सबसे ताकतवर महिला रहीं शेख हसीना अब दिल्ली के एक सुरक्षित घर में निर्वासन का जीवन बिता रही हैं. महीनों तक चुप रहने के बाद उन्होंने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी और द प्रिंट को दिए इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, वह कोई जनआंदोलन नहीं था बल्कि अमेरिका की साजिश और पाकिस्तान की साजिश का नतीजा था. हसीना ने साफ शब्दों में कहा कि उसे क्रांति मत कहिए! वह बांग्लादेश पर आतंकी हमला था. इसे अमेरिका ने प्लान किया और पाकिस्तान ने अंजाम दिया. यह सब मुझे हटाने के लिए किया गया. पुलिस ने नहीं, आतंकियों ने लोगों को मारा और आरोप मेरे ऊपर लगा दिए.”

Sheikh Hasina Blames US Pakistan: कैसे टूटी हसीना की सत्ता की दीवार

5 अगस्त 2024 को यही वह दिन था जब बांग्लादेश की राजनीति उलट गई. लगातार हफ्तों तक चले छात्र प्रदर्शनों में हिंसा भड़क उठी. शुरुआत सरकारी नौकरियों में आरक्षण नीति (Job Quota Policy) के विरोध से हुई थी, लेकिन जल्द ही नारे बदल गए कि “हसीना इस्तीफा दो.” करीब 1,400 लोगों की मौत के बाद हालात इतने बिगड़ गए कि सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने हसीना को देश छोड़ने की सलाह दी. प्रदर्शनकारी जब ढाका स्थित प्रधानमंत्री आवास की ओर बढ़ रहे थे, तब हसीना ने देश छोड़ दिया. अब वे दिल्ली के एक सरकारी सेफहाउस में रह रही हैं.

Sheikh Hasina Blames US Pakistan: 15 साल से ज्यादा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं

78 वर्षीय शेख हसीना, जो लगातार 15 साल से ज्यादा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं, अब निर्वासन में हैं. हाल ही में उन्होंने रॉयटर्स को दिए बयान में कहा कि उनकी पार्टी अवामी लीग अगले साल होने वाले चुनावों का बहिष्कार करेगी, क्योंकि चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया है. हसीना ने कहा कि मैं किसी ऐसी सरकार के अधीन बांग्लादेश नहीं लौटूंगी जो अवामी लीग को सत्ता से दूर रखे. मैं अभी भारत में ही रहना चाहती हूं.

‘यूनुस और अमेरिका ने रची साजिश’- हसीना का सीधा आरोप

हसीना ने अपने सबसे बड़े आरोप में नोबेल विजेता मुहम्मद यूनुस का नाम लिया. उन्होंने कहा कि यूनुस ने अमेरिका के कहने पर उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश रची. आप जानते हैं इसके पीछे असली आदमी कौन है? वह यूनुस है. अमेरिकियों ने मुझसे सेंट मार्टिन द्वीप मांगा था. अगर मैं मान जाती तो वे मुझे नहीं हटाते. लेकिन मैंने अपनी जमीन नहीं बेची. हसीना का दावा है कि अमेरिका बंगाल की खाड़ी में स्थित इस रणनीतिक द्वीप पर नियंत्रण चाहता था. जब उन्होंने इनकार किया, तो यूनुस को आगे कर पूरी योजना बनाई गई. उन्होंने कहा कि यूनुस ने फंडिंग, प्लानिंग और हिंसा इन सब मामलों सबमें अहम भूमिका निभाई.

पाकिस्तान पर भी सीधा वार

हसीना ने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की कट्टरपंथी ताकतें बांग्लादेश में लंबे समय से सक्रिय हैं और 1971 से ही हमारे अंदर के चरमपंथी नेटवर्क को हवा देती रही हैं. हसीना ने कहा कि यह वही पुराना खेल है. पाकिस्तान ने हमेशा हमारे भीतर के उग्रपंथी समूहों को सपोर्ट किया है.

सियासी उथल-पुथल और मुकदमेबाजी

हसीना के देश छोड़ने के बाद मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी. इस सरकार ने अवामी लीग की राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी और मई 2025 में पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया. अब अवामी लीग कई कानूनी लड़ाइयों में घिरी हुई है. हसीना पर भी आरोप लगे हैं कि प्रदर्शन के दौरान हुई हत्याओं में उनकी भूमिका थी. ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल-1 में चल रहे मुकदमे में प्रोसीक्यूशन ने हसीना के लिए मौत की सजा तक की मांग कर दी है.

बांग्लादेश चुनाव आयोग दिसंबर की शुरुआत में आम चुनाव की तारीख घोषित करने वाला है. मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि फरवरी 2026 तक चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन सेना और विपक्षी पार्टी BNP (Bangladesh Nationalist Party) के दबाव में स्थिति अब भी अस्थिर है.

1975 की गूंज फिर सुनाई दी

हसीना का मौजूदा निर्वासन उनके अतीत की याद दिलाता है कि कैसे 1975 में उनके पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी. उस समय भी हसीना और उनकी बहन शेख रेहाना विदेश में थीं और बाद में भारत में शरण ली थी. अब, करीब 50 साल बाद, इतिहास खुद को दोहराता दिख रहा है वही परिवार, वही निर्वासन और फिर वही भारत शरणस्थली के रूप में.

‘दुनिया सच्चाई देखे’- हसीना की अपील

हसीना ने कहा कि दुनिया को यह समझना चाहिए कि जमात-ए-इस्लामी और BNP ने कैसे हिंसा फैलाई, पुलिसवालों की हत्या की और अवामी लीग समर्थकों पर हमला किया. हसीना ने कहा कि दुनिया को बताइए कि उन्होंने क्या किया, उन्होंने कैसे सरकारी संपत्ति जलायी, कैसे निर्दोषों को मारा. हसीना के यह बयान ने बांग्लादेश की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है. उनका दावा सीधे अमेरिका-बांग्लादेश संबंधों को प्रभावित कर सकता है. यूनुस और हसीना की पुरानी प्रतिद्वंद्विता अब खुले तौर पर टकराव में बदल गई है. पाकिस्तान का नाम लेकर उन्होंने क्षेत्रीय अस्थिरता और धार्मिक कट्टरपंथ पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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