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भारतीय मुसलमानों को सऊदी का तोहफा! उठाया ये बड़ा कदम, बस करना होगा ये काम

Saudi Arabia Launches Nusuk Umrah Digital Platform: उमरा की योजना अब आसान! सऊदी अरब ने लॉन्च किया डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘नुसुक उमरा’. वीजा, फ्लाइट, आवास और सेवाएं अब एक क्लिक में. जानें कैसे यह नई तकनीक मुसलमानों के लिए तीर्थयात्रा को बना रही पहले से कहीं अधिक आसान और सुविधाजनक.

Saudi Arabia Launches Nusuk Umrah Digital Platform: उमरा हमेशा से मुसलमानों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक रहा है. यह हज की तरह अनिवार्य तो नहीं है, लेकिन इसके महत्व को कम नहीं आंका जा सकता. लंबे समय तक उमरा यात्रा की योजना बनाना जटिल रहा है, जिसमें वीजा, फ्लाइट, आवास और अन्य सेवाओं का प्रबंध करना चुनौतीपूर्ण साबित होता रहा. ऐसे में सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने ‘नुसुक उमरा’ नामक डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च कर इस प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया है.

नुसुक उमरा, आसान और सुलभ यात्रा

‘नुसुक उमरा’ प्लेटफॉर्म का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को सीधे वीजा आवेदन और यात्रा सेवाओं का विकल्प देना है, बिना किसी बिचौलिये पर निर्भर हुए. प्लेटफॉर्म पर तीर्थयात्रियों के पास दो विकल्प हैं: तैयार पैकेज चुनना या अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कस्टम पैकेज बनाना. इसमें वीजा, आवास, परिवहन, सांस्कृतिक दौरे और अन्य सहायक सेवाओं को शामिल किया जा सकता है. इसका मकसद यात्रा में लचीलापन, सेवा गुणवत्ता और तीर्थयात्रा के अनुभव को समृद्ध बनाना है.

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Saudi Arabia Launches Nusuk Umrah Digital Platform: डिजिटल और बहुभाषी अनुभव

नुसुक उमरा को इसकी आधिकारिक वेबसाइट umrah.nusuk.sa और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है. यह प्लेटफॉर्म मॉडर्न और बहुभाषी है, वर्तमान में सात भाषाओं में उपलब्ध है. सरकार के सिस्टम से जुड़े होने के कारण आवेदन से लेकर वीजा जारी होने तक की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल और सहज हो गई है. इसके साथ ही कई भुगतान विकल्प इसे और अधिक सुविधाजनक बनाते हैं. नुसुक उमरा का उद्देश्य मौजूदा अधिकृत एजेंटों की जगह लेना नहीं है, बल्कि तीर्थयात्रियों को अपनी योजना बनाने में अधिक विकल्प प्रदान करना है.

उमरा और हज की तुलना

मक्का और मदीनातुल नबी दुनिया के सबसे पवित्र स्थल हैं, जहां हर साल लाखों तीर्थयात्री आते हैं. हज की तरह, उमरा अनिवार्य नहीं है और इसे सालभर किया जा सकता है. यह यात्रा हज की तुलना में छोटी और सरल है, लेकिन इसका आध्यात्मिक महत्व उतना ही गहरा है. सऊदी अरब की जनरल अथॉरिटी फॉर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, 2025 की पहली तिमाही में 15 मिलियन से अधिक तीर्थयात्रियों ने उमरा किया, जिनमें 6.5 मिलियन विदेशी और 8.7 मिलियन घरेलू तीर्थयात्री थे. वहीं, हज के दौरान 1.6 मिलियन से अधिक तीर्थयात्री 180 देशों से पहुंचे.

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विजन 2030 और भविष्य की योजना

नुसुक उमरा का लॉन्च सऊदी अरब के विजन 2030 से भी जुड़ा है, जिसका उद्देश्य धार्मिक यात्रा को सरल और सुलभ बनाना और देश की वैश्विक धार्मिक व सांस्कृतिक स्थिति को मजबूत करना है. देश डिजिटल समाधानों को अपनाकर न केवल तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बना रहा है, बल्कि तेल-आधारित अर्थव्यवस्था से विविधीकरण और टिकाऊ विकास की दिशा में भी कदम बढ़ा रहा है. जीसीसी देशों के नागरिक और निवासी अब सालभर उमरा कर सकते हैं, बशर्ते उन्होंने नुसुक एप के माध्यम से परमिट प्राप्त किया हो. यह पहल सऊदी अरब की धार्मिक यात्रा को और अधिक आधुनिक और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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